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    भगवान भरोसे चल रहा झारखंड का अग्निशमन विभाग, जमादार दे रहे NOC सर्टिफिकेट, आखिर कैसे सुरक्षित होंगी इमारतें

    By Jagran NewsEdited By: Mohit Tripathi
    Updated: Thu, 09 Feb 2023 03:45 PM (IST)

    धनबाद समेत राज्य के तकरीबन सभी जिले में उंची-उंची इमारतें खड़ी हो रही हैं। उन सभी भवनों को आग से सुरक्षित रखने के लिए अग्निशमन विभाग से एनओसी भी लिया जाता है। जिले में मौजूद फायर अधिकारी भवन की जांच आग से सुरक्षित होने का प्रमाण-पत्र देते हैं।

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    जिसकी पढ़ाई तक नहीं की उसकी विशेषज्ञ बन जांच करते हैं फायर जमादार

    जागरण संवाददाता, धनबाद: धनबाद समेत राज्य के तकरीबन सभी जिले में उंची-उंची इमारतें खड़ी हो रही है। उन सभी सरकारी और गैर सरकारी भवनों को आग से सुरक्षित रखने के लिए अग्निशमन विभाग से एनओसी भी लिया जाता है।

    जांच करने वाले अधिकारियों के पास आग से सुरक्षा की कोई जानकारी नहीं

    जिले में मौजूद फायर अधिकारी भवन की जांच पड़ताल करते हैं,  फिर आग से सुरक्षित होने का प्रमाण पत्र भी दिया जाता हैं लेकिन झारखंड के अधिकांश जिलों में ऐसे अधिकारी जांच करते हैं, जिन्हें आग से सुरक्षा की कोई जानकारी नहीं होती है, उन्होंने सुरक्षा को लेकर एडवांस कोर्स तक नहीं किया है। बिल्डर को उनसे एनओसी मिल जाता है लेकिन सोचिए अगर किसी गंभीर बीमारी में डॉक्टर की जगह कंपाउंडर इलाज करे तो आप कितना भरोसा करेंगे।

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    राज्य के अधिकांश जिलों का यही हाल

    इसी तरह का हाल फिलहाल धनबाद समेत राज्य भर के अधिकांश जिलों में अग्निशमन विभाग का है। यहां बिल्डिंग को आगजनी से सुरक्षित होने का दावा कर जो प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं, उसकी जांच जमादार और हवलदार पद के फायर अधिकारी कर रहे हैं, जबकि अग्निशमन विभाग में तीन तरह की पढ़ाई होती है।

    किस पद के लिए कौन सा कोर्स

    सर्टिफिकेट कोर्स करने वाले सब इंस्पेक्टर पद के अधिकारी होते हैं, वहीं डिप्लोमा इन फायर इंजीनियरिंग ज्यादातर दारोगा करते हैं, जो फायर फाइटिंग के लिए प्रशिक्षित होते हैं, सबसे महत्वपूर्ण कोर्स, एडवांस डिप्लोमा एंड फायर इंजीनियरिंग का होता है। यह कोर्स इंस्पेक्टर स्तर के पदाधिकारी का है, इस कोर्स के अधिकारी ही किसी भवन निर्माण के दौरान आग से सुरक्षित रखने का मंतव्य किसी को दे सकते हैं।

    फायर इंजीनियर ही कर सकते हैं भवन निर्माण की सुरक्षा की जांच

    आग से सुरक्षित भवन निर्माण की जांच एडवांस डिप्लोमा एंड फायर इंजीनियर के पदाधिकारी के द्वारा ही करने काे प्रावधान है। किसी भी भवन निर्माण के दौरान फायर सेफ्टी की जानकारी एडवांस कोर्स करने वाले पदाधिकारी को ही रहती है। हालांकि यहां दुर्भाग्य की बात यह है कि सर्टिफिकेट कोर्स करने वाले जमादार भी फायर सेफ्टी की जांच करते हैं और उंची-उंची इमारतें खड़ी हो रही है।

    32 सालों से नहीं हुई विशेषज्ञों की बहाली

    1989 के बाद राज्य में एडवांस डिप्लोमा इन फायरिंग इंजीनियरिंग कोर्स करने वाले इंस्पेक्टर की बहाली नहीं हुई है। बिहार के दौरान एडवांस डिप्लोमा एंड इंजीनियरिंग कोर्स के अधिकारी जो 1989 में बहाल हुए थे। तकरीबन सभी सेवानिवृत भी हो चुके हैं।

    जमादार स्तर के अधिकारी को बना दिया गया प्रभारी

    महत्वपूर्ण बात है कि राज्य भर में डिप्लोमा कोर्स करने वाले फायर अधिकारियों का भी 44 पद खाली है। उस रिक्त स्थान को अब तक नहीं भरा जा सका है। जहां दारोगा स्तर के पदाधिकारी अग्निशमन विभाग के प्रभारी होते थे, वहां अब जमादार स्तर के पदाधिकारी को प्रभारी बना दिया गया है। धनबाद में एडवांस डिप्लोमा एंड इंजीनियरिंग करनेवाले इंस्पेक्टर स्तर के एक पदाधिकारी का पद 2019 से खाली है।