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    Jharkhand Farming: जानिए क्या है ड्रिप एरिगेशन, जिसके माध्यम से कम पानी में भी खेती कर इतिहास रच रहे झारखंड के किसान

    Jharkhand Farming सूक्ष्म सिंचाई विधि से कृषि करने के अनेकों लाभ हैं। इस विधि से कृषि करने से समय की बचत कम कम पानी कम पूंजी बेहतर पैदावार कम मेहनत सहित कई लाभ हैं। क्षेत्र में दर्जनों किसान सूक्ष्म सिंचाई विधि से कृषि कार्य कर जल संरक्षण को बढ़ावा

    By Madhukar KumarEdited By: Updated: Fri, 18 Mar 2022 03:36 PM (IST)
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    Jharkhand Farming: नंदिनी जलाशय से निकलने वाली तीन नहरों से 4811.99 हेक्टेयर भूमि सिंचाई करने का लक्ष्य है।

    लोहरदगा, जासं। लोहरदगा जिले के कैरो प्रखंड में 60 किसान जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए सूक्ष्म सिंचाई विधि से सिंचाई कर रहे हैं। ड्रिप एरिगेशन के माध्यम से सिंचाई करने वाले चाल्हो, महुवरी, गोपालगंज, टाटी, उल्टी सहित अन्य गांवों के दर्जनों किसान हैं, जो कि पानी की बर्बादी रोककर अपने जीविकोपार्जन के लिए कृषि कार्य कर रहे हैं। जिला कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा कार्यक्रम का आयोजन कर जल संरक्षण के लिए किसानों को सूक्ष्म सिंचाई विधि के तहत कृषि कार्य करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जिसपर अमल करते हुए क्षेत्र के किसान पंकज साहू, संग्राम यादव, लच्छू उरांव सहित दर्जनों किसान इस विधि से सिंचाई कर सिर्फ खेती ही नहीं, बल्कि जल संरक्षण को बढ़ावा देने का कार्य कर रहे हैं।

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    कम पूंजी में अच्छी पैदावार

    सूक्ष्म सिंचाई विधि से कृषि करने के अनेकों लाभ हैं। इस विधि से कृषि करने से समय की बचत, कम कम पानी, कम पूंजी, बेहतर पैदावार, कम मेहनत सहित कई लाभ हैं। क्षेत्र में दर्जनों किसान सूक्ष्म सिंचाई विधि से कृषि कार्य कर जल संरक्षण को बढ़ावा के साथ-साथ कम मेहनत व कम पूंजी में बेहतर पैदावार कर आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर रहे हैं। कैरो प्रखंड के अधिकतर किसान कृषि पर आश्रित हैं। यहां 14388.83 हेक्टेयर कुल भूमि है, जिसमें 8100.81 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है। वहीं नंदिनी जलाशय से निकलने वाली तीन नहरों से 4811.99 हेक्टेयर भूमि सिंचाई करने का लक्ष्य है।

    किसानों को सूक्ष्म सिंचाई विधि अपनाने के लिए विभाग कर रहा है जागरूक

    कैरो प्रखंड के किसानों सूक्ष्म सिंचाई विधि से कृषि कर रहे हैं। जिला कृषि व उद्यान विभाग द्वारा किसानों को समय-समय पर जागरूक किया जाता है। जिससे प्रेरित होकर प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों किसान सूक्ष्म सिंचाई विधि से कृषि कार्य कर रहे हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इस विधि से सिंचाई करने में पानी की काफी हद तक बचत होती है। इससे पानी की बर्बादी भी नहीं होता है। जबकि सामान्य विधि से सिंचाई करने में 30 फीसद पानी का ही सही उपयोग होता है, बाकी पानी बर्बाद हो जाता है। जिसे रोकने के लिए विभाग द्वारा किसानों को अनुदान पर ड्रिप एरिगेशन दिया जा रहा है। सूक्ष्म सिंचाई विधि से सिंचाई करने के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है। क्षेत्र के किसानों के बीच समय-समय पर इस विधि से सिंचाई करने के लाभ को भी बताया जाता है। कुछ किसान अब सूक्ष्म सिंचाई विधि से सिंचाई कर रहे हैं। इस विधि से सिंचाई करने के अनेकों लाभ हैं। जल संरक्षण को बढ़ावा देने के साथ-साथ समय की बचत के व बेहतर पैदावार भी होती है। सुनील चंद्र कुंवर, प्रभारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी, कैरो