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झारखंड हाई कोर्ट की सख्ती के बाद उत्पाद आयुक्त ने शराब कारोबारियों के लिए जारी किया आदेश, जाने क्‍या है खास

झारखंड में शराब की थोक बिक्री नियमावली पर हाई कोर्ट का अंतिम निर्णय ही प्रभावी होगा। राज्य के आयुक्त उत्पाद अमीत कुमार ने गुरुवार को इससे संबंधित आदेश शराब के सभी थोक लाइसेंसी दुकानदारों को जारी कर दिया है।

By Brajesh MishraEdited By: Published: Thu, 02 Sep 2021 08:57 PM (IST)Updated: Thu, 02 Sep 2021 08:57 PM (IST)
झारखंड हाई कोर्ट की सख्ती के बाद उत्पाद आयुक्त ने शराब कारोबारियों के लिए जारी किया आदेश, जाने क्‍या है खास
राज्य के आयुक्त उत्पाद अमीत कुमार ने शराब की थोक बिक्री नियमावली को लेकर आदेश जारी किया।

रांची,राज्य ब्यूरो।राज्य में शराब की थोक बिक्री नियमावली पर हाई कोर्ट का अंतिम निर्णय ही प्रभावी होगा। राज्य के आयुक्त उत्पाद अमीत कुमार ने गुरुवार को इससे संबंधित आदेश शराब के सभी थोक लाइसेंसी दुकानदारों को जारी कर दिया है। इसके लिए उन्होंने झारखंड खुदरा शराब विक्रेता संघ बनाम झारखंड राज्य व अन्य से संबंधित वाद में 27 अगस्त 2021 को सुनवाई के दौरान दिए गए हाई कोर्ट के निर्देश का हवाला भी दिया है।

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सभी लाइसेंसी थोक विक्रेताओं को जारी निर्देश में आयुक्त उत्पाद ने लिखा है कि ''झारखंड मदिरा का भंडारण एवं थोक बिक्री नियमावली 2021'' के तहत सभी थोक विक्रेता को लाइसेंस निर्गत किया गया है। इस नियमावली के प्रविधान व वैधता को झारखंड राज्य खुदरा शराब विक्रेता संघ ने चुनौती दी है। उनके वाद पर गत 27 अगस्त को हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया कि उक्त नियमावली के तहत की गई कोई भी कार्रवाई उक्त वाद में न्यायालय के न्याय निर्णय से प्रभावित होगी।

इसके आधार पर ही आयुक्त उत्पाद ने यह स्पष्ट निर्देश दिया है कि अब शराब के थोक विक्रेता को जारी लाइसेंस हाई कोर्ट के अंतिम निर्णय से प्रभावित होगी।

विरोध की यह है वजह

- राज्य में शराब की थोक बिक्री के लिए लाइसेंस लेना हो तो यहां आवेदन शुल्क के रूप में 25 लाख रुपये लगते हैं। जबकि, अभी हाल ही में दिल्ली में भी शराब की थोक बिक्री के लिए विज्ञापन जारी हुआ है, जिसमें बताया गया है कि आवेदन शुल्क के रूप में केवल पांच हजार रुपये ही लगेंगे। झारखंड हो या दिल्ली, सभी जगह आवेदन शुल्क की राशि नन-रिफंडेबल है। झारखंड खुदरा शराब विक्रेता संघ का आरोप है कि अपने किसी खास को लाइसेंस देने के ख्याल से ही आवेदन शुल्क की राशि 25 लाख रुपये की गई है। इसके अलावा शराब की थोक बिक्री नियमावली में आयुक्त को ही अधिकार दे दिया गया है कि वे अपने विवेक से किसी को भी लाइसेंस दे सकते हैं। अगर एक जिले में एक से अधिक आवेदन आ जाएं तो वहां लॉटरी सिस्टम से लाइसेंस दिया जाना चाहिए, लेकिन इसका जिक्र नियमावली में है ही नहीं।


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