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    Jharkhand: ईडी ने राज्य सरकार को फिर भेजा रिमाइंडर, IAS पूजा सिंघल और अन्य के खिलाफ अनुशंसा पर पूछे सवाल

    By Dilip KumarEdited By: Prateek Jain
    Updated: Fri, 24 Feb 2023 11:57 PM (IST)

    IAS Pooja Singhal Case मनी लॉन्‍ड्रिंग में गिरफ्तार निलंबित आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल व उनके सहयोगियों के विरुद्ध एक बार फिर ईडी ने राज्य सरकार को रिमाइंडर भेजकर यह पूछा है कि उनकी अनुशंसा पर सरकार ने क्या कार्रवाई की। (फाइल फोटो)

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    मनी लॉन्‍ड्रिंग में गिरफ्तार निलंबित आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल। (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, रांची: मनी लॉन्‍ड्रिंग में गिरफ्तार निलंबित आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल व उनके सहयोगियों के विरुद्ध एक बार फिर ईडी ने राज्य सरकार को रिमाइंडर भेजकर यह पूछा है कि उनकी अनुशंसा पर सरकार ने क्या कार्रवाई की।

    ईडी ने राज्य सरकार से यह जानने की कोशिश की है कि एजेंसी ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत पूजा सिंघल व उनके सहयोगियों पर प्राथमिकी दर्ज करने की अनुशंसा की थी। अनुशंसा को कई महीने हो गए, लेकिन अब तक प्राथमिकी दर्ज करने संबंधित सूचना एजेंसी को नहीं मिली है।

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    ईडी ने अपनी जांच रिपोर्ट का जिक्र करते हुए लिखा है कि पूजा सिंघल के विरुद्ध मनरेगा घोटाले में जांच के क्रम में ही यह तथ्य सामने आया था कि पूजा सिंघल ने खान एवं भूतत्व विभाग का सचिव रहते हुए अवैध खनन से भारी उगाही की है। पूजा सिंघल फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर हैं।

    ईडी ने राज्य सरकार से इनके विरुद्ध की थी एफआइआर की अनुशंसा

    ईडी ने निलंबित आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल, उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार, पाकुड़ के जिला खनन पदाधिकारी प्रदीप कुमार, दुमका डीएमओ कृष्ण कुमार किस्कू, साहिबगंज के डीएमओ विभूति कुमार, रामगढ़ के डीएमओ नितेश कुमार गुप्ता, पश्चिमी सिंहभूम के डीएमओ निशांत अभिषेक व खूंटी के डीएमओ नदीम साफी के विरुद्ध जांच में मिले तथ्यों से संबंधित दस्तावेज राज्य सरकार को सौंपते हुए यह अनुशंसा की थी कि इनपर प्राथमिकी दर्ज की जाए। ईडी ने जांच में पाया था कि इन आरोपितों ने पद का दुरुपयोग कर आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है।

    मनरेगा घोटाले में जांच के रास्ते अवैध खनन तक पहुंची थी ईडी

    आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल के विरुद्ध ईडी ने मनरेगा घोटाले में जांच शुरू की थी। मनरेगा घोटाले में जांच के क्रम में ही ईडी ने गत वर्ष छह मई को पूजा सिंघल व उनके सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी।

    इस छापेमारी में पूजा सिंघल के चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार के पास से 19.76 करोड़ रुपये नकदी मिले थे। उसने ईडी की पूछताछ में यह स्वीकार लिया था कि उक्त राशि अवैध खनन में मिले कमीशन के हैं, जो पूजा सिंघल के लिए मिले थे। तब पूजा सिंघल खान एवं भूतत्व विभाग की सचिव थीं।

    इसके बाद ईडी ने अवैध खनन में पहले से चल रही जांच का दायरा बढ़ाया और अंतत: बड़े-बड़े चेहरे इस अवैध खनन के खेल में उजागर हुए। ईडी ने जांच के दाैरान 1000 करोड़ के अवैध खनन का खुलासा भी किया और शामिल सभी आरोपितों के विरुद्ध दस्तावेज तैयार कर राज्य सरकार को भी सौंपा तथा कार्रवाई की अनुशंसा की।