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    Bijli News: झारखंड में पहली बार ड्रोन करेगा 'बिजली' की निगरानी, आम उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ

    Updated: Mon, 30 Sep 2024 01:20 PM (IST)

    झारखंड में पहली बार ड्रोन का उपयोग बिजली ट्रांसमिशन लाइनों की निगरानी के लिए किया जाएगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग की मदद से संचरण व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा। इस कदम से राज्य में बिजली आपूर्ति व्यवस्था और मजबूत होगी। फॉल्ट के बारे में पता करना भी आसान हो जाएगा। इसका सीधा लाभ प्रदेश के आम बिजली उपभोक्ताओं को मिलेगा।

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    झारखंड में पहली बार ड्रोन से होगी ट्रांसमिशन लाइनों की निगरानी।

    राज्य ब्यूरो, रांची। अत्याधुनिक तकनीक राज्य की बिजली व्यवस्था को मजबूत करने में कारगर होगी। इससे जहां कई दशक पहले बने भारी-भरकम ट्रांसमिशन लाइनों की अद्यतन स्थिति का अनुमान लगाया जा सकेगा, वहीं पुनरुद्धार के लिए झारखंड ऊर्जा संचरण निगम पूरी योजना तैयार कर सकेगा।

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    इस सिलसिले में राज्य में पहली दफा ड्रोन पेट्रोलिंग का इस्तेमाल करने की योजना है। पूरी तरह वैज्ञानिक तरीके से संपन्न की जाने वाली इस कवायद में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के जरिए संचरण व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा।

    ये उपकरण बताएंगे कि टावर कितना क्षतिग्रस्त हुआ है और इसका ग्राउंड क्लीयरेंस किस स्तर का है? दुर्गम पहाड़ियों से गुजर रही ट्रांसमिशन लाइनों की अद्यतन स्थिति जानने के लिए एआई का इस्तेमाल किया जाएगा।

    झारखंड की सबसे पुरानी ट्रांसमिशन लाइनों में फरक्का-ललमटिया, ललमटिया-साहिबगंज और मैथन-जामताड़ा ट्रांसमिशन लाइन शामिल हैं, जिसका निर्माण 60-70 वर्ष पूर्व हुआ था।

    तीनों बिजली ट्रांसमिशन लाइन और इसमें लगे टावरों की हालत काफी जर्जर बताई जाती है। ये ट्रांसमिशन लाइन और इसमें लगे बिजली टावर ऐसे स्थानों से गुजरते हैं, वहां मानव का जाना काफी कष्टप्रद और जोखिमों से भरा है। इसके रखरखाव के दौरान सबसे ज्यादा घटनाएं सर्पदंश की होती है।

    एक बार अगर लाइन डिस्टर्ब हो जाए तो फाल्ट ढूंढ़ने और उसे दुरुस्त करने में कई दिन लग जाते हैं। इन अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से तीनों ट्रांसमिशन लाइन को बदलने में मदद मिलेगी।

    इससे संताल परगना इलाके में बिजली की आपूर्ति व्यवस्था और मजबूत हो सकेगी। योजना के मुताबिक एक दिन में 10 किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइन का विजुअली निरीक्षण इस माध्यम से संपन्न होगा।

    पूरी रिपोर्ट मिलने के बाद इसके पुनरुद्धार की फूलप्रूफ योजना तैयार की जाएगी। झारखंड ऊर्जा संचरण निगम के पूर्व भारत सरकार की पावर ग्रिड कारपोरेशन आफ इंडिया (पीजीसीआइएल) ने इस योजना पर सफलतापूर्वक कार्य किया है।

    झारखंड ऊर्जा संचरण निगम ने हाल के वर्षों में राज्य में संचरण लाइनों का बड़ा नेटवर्क तैयार किया है। बिजली की बेहतर और गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति व्यवस्था इसके कारण संभव हो पाई है। इसी प्रयास के तहत उन तीन ट्रांसमिशन लाइनों के पुनरुद्धार की योजना है। यह महती कार्य पूरा हो जाने के बाद इसके जीर्णोंद्धार कार्य में तेजी आएगी। ऊर्जा संचरण निगम के अधिकारी पूरी तत्परता से इस कार्य को पूरा करेंगे। - केके वर्मा, एमडी, झारखंड ऊर्जा संचरण निगम

    राज्य में इन ट्रांसमिशन लाइनों का होगा पुनरुद्धार

    • 220 केवी सिंगल सर्किट फरक्का-ललमटिया ट्रांसमिशन लाइन - 82 किलोमीटर
    • 132 केवी डबल सर्किट ललमटिया-साहिबगंज ट्रांसमिशन लाइन - 51 किलोमीटर
    • 132 केवी सिंगल सर्किट मैथन-जामतााड़ा ट्रांसमिशन लाइन - 34 किलोमीटर

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