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    Jharkhand News: दीपावली पर पटाखे चलाने का समय तय, उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई

    Updated: Sat, 18 Oct 2025 02:48 PM (IST)

    झारखंड सरकार ने दीपावली पर पटाखे चलाने के लिए रात 8 से 10 बजे तक का समय निर्धारित किया है। नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। पटाखों के शोर पर नियंत्रण रखा जाएगा और अधिक शोर वाले पटाखों पर प्रतिबंध रहेगा। सरकार ने नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए पुलिस और प्रशासन को सक्रिय रहने के निर्देश दिए हैं।

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    दीपावली पर रात 8 से 10 बजे तक ही चला सकेंगे पटाखे

    संवाद सहयोगी, मेदिनीनगर (पलामू)। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दीपावली के मद्देनजर पूरे झारखंड में पटाखे चलाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके अनुसार, दीपावली की रात सिर्फ रात 8 से 10 बजे तक ही पटाखे फोड़े जा सकेंगे।

    साथ ही केवल 125 डेसिबल से कम शोर वाले पटाखों की बिक्री और उपयोग की अनुमति दी गई है। हालांकि, पलामू के बाजारों में नियमों की अनदेखी जारी है।

    यहां 140 डेसिबल तक शोर करने वाले पटाखे खुलेआम बिक रहे हैं। इनकी न तो जांच की जा रही है और न ही बिक्री पर रोक लगाई गई है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि मानक से अधिक शोर करने वाले पटाखे बेचने या फोड़ने पर कार्रवाई की जाएगी।

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    बाजार में बिक रहे हाई डेसिबल पटाखे

    हाइड्रो बम: 140 डेसिबल से अधिक शोर करने वाला यह पटाखा बड़े आयोजनों और रावण दहन में इस्तेमाल होता है। इससे वायु और ध्वनि दोनों प्रकार का प्रदूषण फैलता है।

    फ्लैश बम: लगभग ₹2500 की कीमत वाला यह पटाखा आसमान में फटकर तेज रोशनी और जोरदार आवाज करता है। इसका शोर स्तर भी 125 डेसिबल से अधिक है।

    लाइट ऑफ थंडर: ₹4000 कीमत वाला यह पटाखा बिजली जैसी चमक और धमाके के साथ फटता है। इससे बड़े क्षेत्र में धुआं फैलने से वायु प्रदूषण बढ़ता है।

    सेलिब्रेशन टाइम: ₹1800 कीमत वाला यह पटाखा 140 डेसिबल तक शोर करता है। लगातार फोड़ने से इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। प्रदूषण विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे निर्धारित समय और नियमों का पालन करें। उच्च डेसिबल वाले पटाखे न केवल कानों के लिए हानिकारक हैं बल्कि वायु गुणवत्ता पर भी गंभीर असर डालते हैं।