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    क्या शांत हो गया DGP अनुराग गुप्ता के अवधि विस्तार पर राजनीतिक विवाद? अब हाई कोर्ट के फैसले पर सबकी नजर

    Updated: Sun, 13 Jul 2025 08:30 PM (IST)

    झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता के कार्यकाल को लेकर चल रहा विवाद अब शांत होता दिख रहा है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक में उनकी उपस्थिति ने इस विवाद को कम कर दिया है। भाजपा जो पहले इस मुद्दे पर हमलावर थी अब शांत है। हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई का फैसला आना बाकी है।

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    डीजीपी अनुराग गुप्ता के अवधि विस्तार पर राजनीतिक विवाद का पटाक्षेप। (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता के अवधि विस्तार को लेकर महीनों से चला आ रहा राजनीतिक विवाद अब शांत होता दिख रहा है।

    बीते 10 जुलाई को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में यहां आयोजित पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में अनुराग गुप्ता की उपस्थिति ने इस विवाद पर विराम लगा दिया।

    भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जो इस मुद्दे को लेकर सरकार पर लगातार हमलावर थी, ने अब इस मामले पर चुप्पी साध ली है। हालांकि, झारखंड हाई कोर्ट में इस मामले पर चल रही सुनवाई का फैसला अभी बाकी है, जो इस विवाद का अंतिम समाधान दे सकता है।

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    अनुराग गुप्ता को नई नियमावली बनाकर उनकी नियुक्ति को दो साल के लिए राज्य सरकार ने वैध घोषित किया था। जबकि केंद्र सरकार ने उनको सेवानिवृत्त मानते हुए उनके अवधि विस्तार को अवैध करार दिया।

    केंद्र का तर्क था कि उनकी नियुक्ति और अवधि विस्तार सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों और यूपीएससी की प्रक्रिया का उल्लंघन करता है। इसके जवाब में झारखंड सरकार ने दावा किया कि अनुराग गुप्ता की नियुक्ति नई नियमावली के तहत वैध है। उन्हें प्रोविजनल पे स्लिप भी जारी की जा रही है।

    इस मुद्दे ने सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और विपक्षी भाजपा के बीच तीखी राजनीतिक जंग को जन्म दिया। भाजपा ने उनके अवधि विस्तार को असंवैधानिक बताते हुए इसे झारखंड सरकार की मनमानी का प्रतीक करार दिया।

    विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने इस मामले को झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दी और जनहित याचिका दायर की। मरांडी ने आरोप लगाया कि अनुराग गुप्ता की नियुक्ति नियमों को ताक पर रखकर की गई और यह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है।

    दूसरी ओर, झामुमो और सहयोगी दलों ने उनके अवधि विस्तार का बचाव करते हुए कहा कि यह कैबिनेट का निर्णय है और नई नियमावली के तहत पूरी तरह वैध है। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच तीखी बयानबाजी ने विवाद को और हवा दी।

    अब हाई कोर्ट के फैसले पर निगाहें

    10 जुलाई को पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक ने इस विवाद को अप्रत्याशित रूप से शांत कर दिया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाली इस बैठक में अनुराग गुप्ता की उपस्थिति ने उनके अवधि विस्तार की वैधता को अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकार कर लिया।

    इस बैठक में गुप्ता की मौजूदगी ने साफ कर दिया कि केंद्र और राज्य के बीच इस मुद्दे पर अब कोई बड़ा टकराव नहीं है। बैठक के बाद भाजपा नेताओं ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

    झारखंड हाई कोर्ट में बाबूलाल मरांडी की याचिका पर सुनवाई 15 जुलाई को होनी है। फिलहाल इस सुनवाई पर सभी की निगाहें टिकी हैं, क्योंकि कोर्ट का फैसला अनुराग गुप्ता के अवधि विस्तार की वैधता पर अंतिम मुहर लगा सकता है।