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    Jharkhand Crime News: कुख्यात मयंक सिंह को रामगढ़ जेल में रखना खतरनाक, जमशेदपुर केंद्रीय कारा घाघीडीह में होगा शिफ्ट

    By Dilip Kumar Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Sat, 11 Oct 2025 05:55 PM (IST)

    कुख्यात अपराधी मयंक सिंह को रामगढ़ जेल से जमशेदपुर के घाघीडीह केंद्रीय कारा में स्थानांतरित किया जाएगा। खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, रामगढ़ जेल में उसकी उपस्थिति से सुरक्षा को खतरा हो सकता है। मयंक सिंह पर हत्या, रंगदारी जैसे कई गंभीर आरोप हैं। उसे घाघीडीह जेल में कड़ी सुरक्षा में रखा जाएगा ताकि अपराध पर नियंत्रण रखा जा सके।

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    कुख्यात मयंक सिंह को रामगढ़ जेल से स्थानांतरण किया जाएगा।

    राज्य ब्यूरो, जागरण. रांची । रामगढ़ उप कारा में बंद कुख्यात अपराधी सुनील सिंह मीणा उर्फ मयंक सिंह को अब जमशेदपुर के घाघीडीह स्थित केंद्रीय कारा में शिफ्ट किया जाएगा। ऐसा करने के पीछे सुरक्षा कारणों का हवाला दिया जा रहा है।

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    जेल प्रशासन ने आइजी जेल से इसके लिए अनुरोध किया था और बताया था कि मयंक सिंह का रामगढ़ उप कारा में रखना जोखिम भरा है। इसके बाद ही जेल आइजी ने उसे तत्काल केंद्रीय कारा घाघीडीह में शिफ्ट करने की अनुमति दी है।

    जल्द ही उसे घाघीडीह जेल में शिफ्ट कर दिया जाएगा। वह अजरबैजान से प्रत्यार्पण के तहत 23 अगस्त को रांची लाया गया था। उसके बाद से ही वह न्यायिक हिरासत में रामगढ़ के उप कारा में बंद है।

    कुख्यात अमन साव गिरोह के इस अपराधी के विरुद्ध झारखंड के विभिन्न थानों में 48 से अधिक मामले दर्ज हैं। हजारीबाग के बड़कागांव, केरेडारी, कोर्रा, हजारीबाग सदर आदि थानों में उसके विरुद्ध रंगदारी से जुड़े मामले दर्ज हैं।

    हजारीबाग के बड़कागांव व उरीमारी में हत्या, रंगदारी, आर्म्स एक्ट आदि से संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज है। वहीं, रांची, रामगढ़, पलामू, गिरिडीह में भी उसके विरुद्ध प्राथमिकियां दर्ज हैं। बड़कागांव, उरीमारी और डाड़ीकला ओपी में कई मामले दर्ज हैं। सबसे ज्यादा मामले मयंक के खिलाफ हजारीबाग जिले में दर्ज हैं।

    राजस्थान के अनूपगढ़ जिले का है मयंक सिंह, लारेंस विश्नोई से भी संबंध

    सुनील सिंह मीणा उर्फ मयंक सिंह मूल रूप से राजस्थान के अनूपगढ़ जिले के मंडी थाना क्षेत्र के घड़साना का रहने वाला है। झारखंड एटीएस ने छानबीन में पाया कि वह अंतरराष्ट्रीय अपराधी लारेंस विश्नोई के साथ मिलकर अमन साव गिरोह को हथियार की आपूर्ति करता था।

    इसी बीच वह अमन साव गिरोह के लिए काम करने लगा और अमन साव के कहने पर ही वह झारखंड के कोयला कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों, कारोबारियों आदि को रंगदारी के लिए काल करता था।