Jharkhand Crime: गैंगस्टर सुजीत सिन्हा ने रंगदारी के पैसे से विदेशों में खरीदी संपत्ति, उसके अंतरराष्ट्रीय निवेश और लेनदेन की कुंडली खंगाल सकती है ईडी
झारखंड में गैंगस्टर सुजीत सिन्हा द्वारा रंगदारी के पैसे से विदेशों में संपत्ति खरीदने का मामला सामने आया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उसके अंतरराष्ट्रीय निवेश और लेनदेन की जांच कर सकती है। ईडी यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि उसने रंगदारी के पैसे को कहां और कैसे निवेश किया और किन-किन देशों में संपत्ति खरीदी है। यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हुआ है।

सुजीत सिन्हा ने रंगदारी के पैसे से विदेशों में बनाई चल-अचल संपत्ति।
राज्य ब्यूरो, रांची । पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप की तरह ही कुख्यात अपराधी सुजीत सिन्हा के लेवी-रंगदारी से अर्जित चल-अचल संपत्ति का ईडी ब्यौरा खंगाल सकती है। सुजीत सिन्हा की पत्नी रिया सिन्हा के स्वीकारोक्ति बयान में करोड़ों रुपये के अंतरराष्ट्रीय लेनदेन का मामला सामने आया है।
रिया सिन्हा के बयान को ईडी भी मनी लांड्रिंग के बिंदु से देख रही है। पीएमएलए के तहत केस दर्ज कर इस मामले की भी ईडी जांच कर सकती है। अपराधी सुजीत सिन्हा वर्तमान में मंडल कारा साहिबगंज में बंद है, जबकि उसकी पत्नी रिया सिन्हा रांची के होटवार स्थित केंद्रीय कारा में बंद है।
सुजीत की पत्नी रिया ने स्वीकारोक्ति बयान में दी है चल-अचल संपत्ति की जानकारी
जेल जाने से पहले रिया सिन्हा ने पुलिस को दिए स्वीकारोक्ति बयान में अपनी चल-अचल संपत्ति की भी जानकारी दी है और बताया है कि उसका नेपाल की राजधानी काठमांडू में रायल एंपायर बुटीक होटल है, जिसमें वह क्षितिज मुनन के साथ पार्टनरशिप में है।
मूल रूप से डालटनगंज के पांकी रोड रेड़मा की रहने वाली रिया का रांची के अरगोड़ा स्थित ग्लोबल प्लेटिनम अपार्टमेंट में एक फ्लैट है, जिसके एवज में उसने अब तक 50 लाख का भुगतान कर दिया है, 30 लाख बकाया है और उसकी रजिस्ट्री नहीं हो सकी है।
ओरमांझी थाना क्षेत्र स्थित डहू गांव में 10 डिसमिल जमीन पर अर्द्धनिर्मित मकान है और उसकी भी रजिस्ट्री अब तक नहीं हो सकी है। संबंधी आयुष राज उर्फ छोटू के नाम पर एक एमजी हेक्टर, एक वरना कार, स्कूटी भी है। गिरोह के अपराधियों के बीच रंगदारी की राशि यूपीआइ के माध्यम से भी एक-दूसरे को भेजी गई है।
सुजीत सिन्हा को रंगदारी में मिलते थे करोड़ों, पत्नी व गिरोह के साथी करते थे निवेश
गिरफ्तार रिया सिन्हा ने पुलिस को दिए स्वीकारोक्ति बयान में बताया है कि उसके पति सुजीत सिन्हा के जेल जाने के बावजूद रंगदारी मिलते रहे। वह व गिरोह के अन्य विश्वासी सदस्य उस रंगदारी के पैसे को जमीन व रियल इस्टेट में निवेश करते थे।
इसके एवज में रियल इस्टेट कारोबारी भी कमीशन की राशि रिया तक पहुंचाते थे। जहां भी जमीन का विवाद फंसता था, उसे जेल में रहते हुए सुजीत सिन्हा मैनेज करता था। उसी राशि से अरगोड़ा में फ्लैट लिया। उसके बिल्डर दिनेश मंडल को अब तक 50 लाख रुपये दिया गया है, 30 लाख रुपये बकाया है।
उसने नीरज सहाय रियल इस्टेट कारोबार में निवेश की बात स्वीकारी है। एक अन्य कारोबारी संजीव जायसवाल के जमीन विवाद को भी सुजीत सिन्हा ने ही मैनेज करवाया था। संजीव जायसवाल के ओरमांझी की एक जमीन के विवाद को सुलझाने के लिए सुजीत सिन्हा ने 30 हजार रुपये प्रति डिसमिल के हिसाब से रंगदारी ली थी।
उसके ही प्लाट में रंगदारी के रूप में संजीव जायसवाल ने 10 डिसमिल जमीन सुजीत सिन्हा को दिया था, जिसपर वह मकान बनवा रहा है।
जेल से वाट्सएप व जंगी एप के माध्यम से गिरोह संचालित करता था सुजीत सिन्हा
रिया सिन्हा ने अपने बयान में यह भी बताया है कि जेल में रहने के बावजूद सुजीत सिन्हा वाट्सएप व जंगी एप के माध्यम से गिरोह का संचालन करता था। जेल में रहते हुए उसने धनबाद के कुख्यात अपराधी प्रिंस खान से हथियारों के लिए संपर्क किया।
प्रिंस खान वर्तमान में दुबई में छुपकर रह रहा है। उसके माध्यम से पाकिस्तान के पठान का लिंक मिला, जिससे संपर्क कर गिरोह के लिए बड़े हथियार मंगवाए गए थे। रिया सिन्हा ने आगे यह भी बताया कि रंगदारी के लिए गठित कोयलांचल शांति सेना के कामकाज के लिए फंडिंग का जुगाड़ सुजीत सिन्हा करता था।
कोयलांचल शांति सेना व सुजीत सिन्हा के बीच की कड़ी रिया सिन्हा वाट्सएप पर एक-दूसरे जुड़ी थी और सुजीत सिन्हा के निर्देश पर गिरोह का संचालन कर रही थी।
रिया ने अपने गिरोह के साथियों की दी है जानकारी
रिया सिन्हा ने पुलिस को दिए अपने स्वीकारोक्ति बयान में अपने गिरोह के साथियों की भी जानकारी दी है। उसने बताया है कि उसके गिरोह में पति सुजीत सिन्हा के अलावा कांके का रिक्की खान, रवि आनंद, कोतवाली क्षेत्र का विक्की वर्मा, हिंदपीढ़ी का राकी खान, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज का बबलू पांडेय उर्फ धर्मेंद्र पांडेय, पलामू का समीर खान,
बिहार के गया का सौरभ सिंह, पलामू का अमन सिंह, अभिषेक सिंह, शैलू खान, गुमला का रूमान नुरैन, आयुष राज, पलामू का फरहान कुरैशी, आकाश् राय उर्फ मोनू राय, हरि तिवारी, प्रेम गोप, कांके चंदवे बस्ती का एनामुल हक उर्फ बबलू खान, सेराज अंसारी उर्फ मदन व खूंटी निवासी मोहम्मद शाहिद उर्फ अफरीदी शामिल हैं। इनमें से कई वर्तमान में जेल में बंद हैं, कइयों की भूमिका व आपराधिक मामलों का पुलिस सत्यापन कर रही है।

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