Jharkhand New Cabinet: हेमंत कैबिनेट में शामिल नहीं होगा भाकपा-माले, सरकार का करेगा समर्थन
झारखंड में मंत्रीमंडल विस्तार से पहले बड़ी खबर सामने आई है। भाकपा-माले मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगा। भाकपा0माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य में शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इसकी जानकारी दी। हालांकि भाकपा-माले सरकार की कोऑर्डिनेशन कमेटी में रहेगी। इस दौरान दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि प्रदेश की जनता ने सांप्रदायिक भेदभाव रखने वाली पार्टी को आईना दिखा दिया है।

राज्य ब्यूरो, रांची। हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल में भाकपा-माले शामिल नहीं होगा। माले को मंत्री पद नहीं चाहिए, लेकिन सरकार की कोऑर्डिनेशन कमेटी में पार्टी जरूर शामिल होगी। भाकपा-माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य में शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बातें कहीं। रांची स्थित पार्टी कार्यालय में उनके साथ पार्टी के राज्य सचिव मनोज भक्त भी मौजूद थे।
जनता ने दिखाया BJP को आईना
राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य में बताया कि राज्य की जनता ने सांप्रदायिक भेदभाव रखने वाली पार्टी भाजपा को आईना दिखा दिया है। भाजपा की फूट डालो नीति को राज्य की जनता ने नकार दिया है और एक बार फिर गठबंधन की सरकार को बहुमत मिला है।
पार्टी के सिर्फ दो विधायक
राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि विधानसभा में पार्टी के सिर्फ दो विधायक हैं। इसलिए मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए सरकार पर उनकी पार्टी कोई दबाव नहीं बनाएगी, बल्कि हर कदम पर सरकार का साथ देगी। सरकार की ओर से भी पार्टी को मंत्री पद का कोई प्रस्ताव नहीं मिला है।
जब भाकपा-माले के पास आठ-दस विधायक हो जाएंगे, तब माले मंत्री पद को लेकर कोई विचार करेगा। राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि खुशी है कि सदन में दो विधायक होंगे, जो सदन के अंदर व बाहर झारखंड की जनता के मुद्दे उठाएंगे।
दीपांकर भट्टाचार्य ने कही ये बड़ी बातें
- पार्टी सिर्फ पद तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करना चाहती है।
- झारखंड की जनता के लिए काम करना चाहती है।
- भाकपा-माले चाहता है कि समन्वय समिति बने और आइएनडीआइए से लोगों को दी गई सात गारंटी को पूरा करने के लिए सभी मिलकर काम करें।
- अगर जनता पार्टी को ज्यादा सीटें देतीं तो नतीजे और बेहतर होते।
- भाकपा-माले ने धनबाद में दो सीटें जीतने में कामयाबी हासिल की है।
झारखंड का जनादेश पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि झारखंड का जनादेश पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है। इससे लोगों का लोकतंत्र में विश्वास फिर से जगा है।
भाजपा झारखंड में अडानी राज थोपना चाहती थी और इसके लिए हर संभव कुप्रथा अपनाई। झारखंड की जनता ने एकजुट होकर ऐसी ताकतों का मुंहतोड़ जवाब दिया। केंद्र को भी झारखंड के जनादेश का सम्मान करना चाहिए और राज्य को अस्थिर करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
केंद्र को चाहिए कि वह राज्य को उसका हक दे। पार्टी भाजपा की विचारधारा को हराने के लिए प्राथमिकता पर काम करेगी। अमेरिका में अडानी पर कार्रवाई की जा रही है, देश में उसे संरक्षण दिया जा रहा है। इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। बिजली के दाम बढ़ रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अयोध्या पर फैसला अपवाद है और भविष्य में ऐसे मामले नहीं आएंगे। इसके बावजूद निचली अदालतों से सर्वे के आदेश आ रहे हैं। संभल में एक केंद्रीय टीम आईं और अजमेर में भी ऐसी ही चीजें देखने को मिल रही हैं। ऐसा लगता है कि देश में एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया गया है। देश को पीछे ले जाने की कोशिश की जा रही है।
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