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    झारखंड कांग्रेस में कलह और गुटबाजी चरम पर, नेताओं ने एक-दूसरे के खिलाफ ही खोला मोर्चा

    Jharkhand Congress Hindi News झारखंड कांग्रेस में विधायकों का रोष कम नहीं हो रहा है। महिला विधायकों को लेकर आगे चल रहीं दीपिका पांडेय सिंह के खिलाफ अभी हाल में ही अध्यक्ष गुट के नेताओं ने प्रेस के माध्यम से आरोप लगाए थे।

    By Sujeet Kumar SumanEdited By: Updated: Tue, 03 Aug 2021 04:17 PM (IST)
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    Jharkhand Congress, Hindi News झारखंड कांग्रेस में विधायकों का रोष कम नहीं हो रहा है।

    रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी एक बार फिर बढ़ती जा रही है। प्रदेश अध्यक्ष का विरोध कर रहे नेताओं के खिलाफ समर्थक गुट मुखर हो रहा है तो मौका मिलते ही विधायक भी हमलावर हो जाते हैं। एक बार फिर तकरार बढ़ती दिख रही है। महिला विधायकों को लेकर आगे चल रहीं दीपिका पांडेय सिंह के खिलाफ अभी हाल में ही अध्यक्ष गुट के नेताओं ने प्रेस के माध्यम से आरोप लगाए थे।

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    अब दूसरे गुट भी हावी हो रहे हैं। खासकर हाल में लिए जा रहे निर्णयों से पार्टी के विधायकों और कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। पिछले चंद दिनों में कांग्रेस मंत्रियों के विभागों में बड़े पैमाने पर तबादला हुआ है। बताते हैं कि इन तबादलों में ना तो विधायकों की सुनी गई है और ना ही सलाह ली गई है। इससे नाराजगी बढ़ रही है।

    भूषण बाड़ा ने उठए सवाल

    कांग्रेस के सिमडेगा विधायक भूषण बाड़ा ने स्वास्थ्य विभाग में तबादलों की पोल खोलकर रख दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को जोड़ते हुए ट्वीट किया है कि सिमडेगा में पहले से ही डाॅक्टरों की कमी है। ऐसे में 11 डाॅक्टरों को बाहर भेजकर महज चार को सिमडेगा भेजा गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से जिले में पर्याप्त संख्या में डाॅक्टरों को पदस्थापित और प्रतिनियुक्त करने की मांग की है। अन्य विधायक तो इतने मुखर नहीं हैं, लेकिन कृषि और ग्रामीण विकास विभाग में तबादलों पर भी नेता सवाल उठा रहे हैं। कुछ नेता तो यहां तक बोल रहे हैं कि जल्दबाजी में किए गए तबादलों से गलत संकेत जा रहा है।

    कैबिनेट में बोलते नहीं, बाहर प्रेस कांफ्रेंस

    मंत्री होते हुए कैबिनेट की बैठक में सुझाव देने के बदले बाहर प्रेस कांफ्रेंस करने पर भी कांग्रेस के नेता सवाल उठा रहे हैं। अभी हाल में ही प्रदेश अध्यक्ष ने ओबीसी को जल्द 27 फीसद आरक्षण देने की मांग प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से की है। मंत्री होकर मांग किए जाने से कांग्रेस के संगठन में यह बात नीचे तक गई है कि सरकार में गलतफहमियां बढ़ रही हैं। कई नेता यह मत रखते हैं कि अगर ऐसी कोई बात थी तो सीधे सीएम से बात करनी चाहिए थी।

    कांग्रेस मुख्यालय को समय पर नहीं मिले आउटरीच अभियान के आंकड़े

    आउटरीच अभियान के तहत पूरे राज्य से कोविड पीड़‍ितों का आंकड़ा जुटा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने समय पर प्रदेश कांग्रेस के समक्ष आंकड़े प्रस्तुत नहीं किए। इसके पूर्व बैठक में सभी जिलों को निर्देश दिया गया था कि एक अगस्त (रविवार) तक राज्य मुख्यालय में आंकड़े उपलब्ध करा दिए जाएं। इसके आधार पर सोमवार को समीक्षा बैठक तय की गई थी, लेकिन समय पर आंकड़े नहीं मिल पाने के कारण अब एक बार फिर पांच अगस्त तक का समय दिया गया है।

    सोमवार को आउटरीच अभियान समिति की बैठक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डाॅ. रामेश्वर उरांव की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। मुख्य अतिथि के रूप में विधायक दल के नेता आलमगीर आलम उपस्थित थे। एक जुलाई से 30 जुलाई तक महीने भर चले सर्वे का काम पूरा हो चुका है। अब सभी जिला अध्यक्षों को निर्देश दिया गया है कि 5 अगस्त तक कोरोना संक्रमित, संक्रमण से हुए निधन एवं बेरोजगार हुए लोगों का आंकड़ा ऐक्सल सीट में सीडी बनाकर प्रदेश मुख्यालय को समर्पित कर दिया जाए।

    बैठक का संचालन आउटरीच अभियान समिति के संयोजक अनादि ब्रह्मा ने किया। बाद में प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि सर्वे अभियान की प्रगति अच्छी है और सर्वे अभियान पूरा हो चुका है। बरसात की वजह से एक-दो जिलों में सर्वे करने गए कोरोना योद्धा वापस नहीं लौटे हैं। पांच अगस्त तक सभी आंकड़े प्रदेश मुख्यालय को मिल जाएंगे और टेबुलेशन के उपरांत बता पाएंगे कि सरकारी आंकड़े और हमारे आंकड़े में क्या फर्क है। बैठक में अनादि ब्रह्मï, केशव महतो कमलेश, संजय लाल, मानस कुमार, राजेश ठाकुर आदि मौजूद थे।