प्रतिबंधित झारखंड समूह के जोनल कमांडर को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत, NIA की दलील दरकिनार
सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंधित तृतीय प्रस्तुति समिति के कथित जोनल कमांडर दशरथ सिंह भोक्ता को अंतरिम जमानत दे दी। उस पर गैरकानूनी गतिविधियां और शस्त्र अधि ...और पढ़ें

एजेंसी, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रतिबंधित तृतीय प्रस्तुति समिति (टीपीसी) के कथित जोनल कमांडर को अंतरिम जमानत दे दी। उस पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के तहत जबरन वसूली और आतंकवाद के वित्तपोषण के आरोपों में मुकदमा चल रहा है।
दशरथ सिंह भोक्ता उर्फ दशरथ गंझू को राहत देते हुए मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जायमाल्या बागची की पीठ ने इस तथ्य पर ध्यान दिया कि अन्य मुख्य आरोपित पहले से ही जमानत पर बाहर हैं। पीठ ने ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया कि वह शेष कार्यवाही के लिए उसकी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त शर्तें लगाए।
अदालत ने यह आदेश एनआईए के विरोध के बावजूद पारित किया। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने दलील दी कि भोक्ता एक प्रतिबंधित संगठन का सदस्य है और अभियोजन पक्ष के 60 गवाहों में से केवल छह से ही पूछताछ होनी बाकी है।
उन्होंने अदालत से शीतकालीन अवकाश के बाद मामले की सुनवाई करने का आग्रह किया। हालांकि, पीठ ने लंबी हिरासत और समता सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए भोक्ता को अंतरिम राहत प्रदान की।
भोक्ता पनकी थाना मामले के सिलसिले में 17 मई 2020 से न्यायिक हिरासत में है, जिसे बाद में एनआईए ने अपने हाथ में ले लिया था। उस पर झारखंड के व्यापारियों और ठेकेदारों से जबरन धन वसूली करने, कथित तौर पर उस धन का उपयोग हथियार खरीदने और टीपीसी की गतिविधियों को वित्तपोषित करने और अवैध आय का उपयोग करके अपनी पत्नी के नाम पर संपत्ति अर्जित करने का आरोप है।

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