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    Maiya Samman Yojana: 56 लाख महिलाओं को CM हेमंत सोरेन का तोहफा, खाते में खटाखट पहुंचे 2500 रुपये

    प्रदेश की 56 लाख से ज्यादा महिलाओं के खाते में सीएम हेमंत सोरेन ने मंइयां सम्मान योजना के 2500 रुपये ट्रांसफर कर दिए हैं। नामकुम के खोजाटोली स्थित आर्मी ग्राउंड में राज्य स्तरीय कार्यक्रम में सीएम ने प्रदेश की महिलाओं को ये सौगात दी है। प्रदेश की 56 लाख 61 हजार 791 महिला लाभुको के खाते में दिसंबर माह के 2.5 हजार रुपये ट्रांसफर किए गए हैं।

    By Jagran News Edited By: Divya Agnihotri Updated: Mon, 06 Jan 2025 03:03 PM (IST)
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    महिलाओं के खाते में मंइयां सम्मान योजना की राशि ट्रांसफर

    राज्य ब्यूरो, रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि विगत विधानसभा चुनाव में महिला दीदियों ने कमाल कर दिया। उनके कमाल से ही भारी बहुमत से आइएनडीआइए दोबारा सरकार बनी। सोमवार को नामकोम के खोजाटोली स्थिति आर्मी ट्रेनिंग ग्राउंड में पूरे राज्य से जुटीं मुख्यमंत्री मंइयां सम्मान योजना की महिला लाभुकों के बीच उन्होंने इस कमाल के लिए उनके प्रति कोटि-कोटि आभार प्रकट किया।कहा कि उनकी सरकार ने भी जो कहा था सो किया। कैबिनेट की पहली बैठक में ही इस योजना की राशि एक हजार रुपये से बढ़ाकर ढाई हजार रुपये करने का काम किया।

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    मुख्यमंत्री ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने जो आशीर्वाद और सम्मान दिया उससे वे अभिभूत हैं। कहा, हमने वादा किया था कि राज्य की आधी आबादी को उनका हक-अधिकार दिलाएंगे। उनके सपनों को पूरा करने में मदद करेंगे। आपको स्वावलंबी बनाने का जो उन्होंने संकल्प लिया था, उसी का आगाज मंइयां सम्मान योजना है। मुख्यमंत्री ने भाजपा पर निशाना भी साधा।

    कहा, जब एक हजार रुपये देने की घोषणा की तो उनका मजाक उड़ाया गया। बढ़ाकर ढा़ई हजार रुपये देने की घोषणा की तो पूछा कि इतनी धनराशि कहां से लाएंगे? उलटे झूठा 2,100 रुपये देने का झूठा वादा भी कर दिया। हमने भी पूछा कि वे कहां से इतने पैसे लाएंगे तो कहा, ''चुनव्वा (चुनाव) हो जाने दो तब देखेंगे कि देना है या नहीं।'' उन्होंने कहा कि जो महिलाओं को इस तरह नजरअंदाज करेगा वह कभी भी सत्ता में वापस नहीं आएगा। मुख्यमंत्री ने मंइयां सम्मान योजना का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था और महिला सशक्तिकरण बताते हुए कहा कि पहले महिलाएं सरकारी अनाज पर अपना और अपने परिवार का सिर्फ पेट भरती थीं।

    अब प्रतिमाह ढाई हजार मिलने से वे अपनी जरूरतों की चीज खरीद सकेंगी। पोषक आहार खरीद सकेंगी। बच्चों को ट्यूशन पढ़ा सकेंगी और उन्हें उच्च शिक्षा दिला सकेंगी। उन्हें किसी के हाथ पसारना नहीं पड़ेगा। इससे पहले, मुख्यमंत्री इस योजना के तहत 56,61,791 लाभुकों के खाते में दिसंबर माह की बढ़ी हुई ढाई हजार रुपये की राशि उनके बैंक खाते में आनलाइन हस्तांतरित की। कुल 1,415 करोड़ 44 लाख, 77 हजार 500 रुपये हस्तांतरित हुए। मुख्यमंत्री के इस मेगा शो में राज्य भर से महिला लाभुकों का जुटान हुआ।

    बैंक करते भेदभाव, अब उन्हें बदलना होगा अपना नजरिया

    मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में बैंकों में भी लूट हुआ। उनका गरीबों के प्रति भेदभावपूर्ण नजरिया रहा। ये बच्चों को पढ़ने के लिए, किसानों को खेती के लिए, ट्रैक्टर के लिए, बकरी खरीदने के लिए लोन नहीं देते। जमापूंजी से बैंक गुजरात और महाराष्ट्र के व्यापारियों और उद्योगपतियों को ही लोन देते हैं। लेकिन अब बैंक के पदाधिकारियों और कर्मियों को अपना नजरिया बदलना होगा, क्योंकि अब मुख्यमंत्री मंइयां सम्मान योजना से बड़ी राशि गांवों में जा रही है। हमने वह हर काम किया जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो।

    सिर्फ पुरुषों से वोट मांग कर चले जाते थे राजनीतिक दल

    मुख्यमंत्री ने कहा कि कई राजनीतिक दल झूठे वादे कर लोगों को दिग्भ्रमित करते हैं। जब-जब चुनाव आता है, वोट मांगने के लिए स्टार प्रचारक पुरुषों से वोट मांगकर चले जाते हैं। महिलाओं से वोट मांगने कोई नहीं जाता था। हमने आपसे वोट मांगे। आपने हमारी बात मानी। पहले से ही मन बना रखा था कि हमारी सरकार आप बनाएंगे।

    सरकारी अनाज और बच्चों की साइकिल तक बेच देते थे गरीब

    मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि मंइयां सम्मान योजना से महिलाएं क्या-क्या कर सकती हैं। बताया कि इस पैसे से महिलाएं अपने अनुसार कार्य योजना बना सकती हैं। बच्चों को ट्यूशन पढ़ा सकती हैं उनके लिए किताब, कलम, कापी खरीद सकती हैं। त्योहार में अपने और बच्चों के लिए पसंद का कपड़ा खरीद सकती हैं। गैस सिलेंडर खरीद सकती हैं। कहा, उन्हें मालूम है कि बहुत से ऐसे गरीब हैं, जो राशन का अनाज या बच्चों की साइकिल बेच देते हैं, क्योंकि उससे ज्यादा उन्हें पैसे की जरूरत होती है। लेकिन अब ऐसी स्थिति नहीं आएगी।

    आपकी गोद में दे रहा हूं राज्य का जिम्मा

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास में महिलाओं की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होगी। कहा, महिलाओं पर घर-परिवार की जिम्मेदारी तो है ही, उनकी गोद में वे राज्य का जिम्मा भी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस दिन महिलाएं सरकारी अनाज लेने से मुक्त हो जाएंगी उस दिन से राज्य की गरीबी और पिछड़ापन का कलंक मिट जाएगा। उन्होंने मंइयां सम्मान योजना की राशि के गलत इस्तेमाल से बचने की नसीहत भी दी। कहा, आजकल कई चील-कौवे घूम रहे हैं। लालच देकर जुआ आदि में पैसे लगवा देते हैं और उनकी जमा पूंजी खत्म करा देते हैं। लेकिन झारखंड की महिलाएं बहुत समझदार हैं। वह अपने पैसों का बहुत सोच-समझकर इस्तेमाल करतीं हैं। कहा कि आज उन्होंने अपनी जिम्मेदारी निभाई है, अब महिलाओं के सार्थक सहयोग की जरूरत है।