Tejaswini Yojana: युवतियों/महिलाओं की ऐसे बदलेगी जिंदगी... सरकार देने जा रही बड़ी रियायतें...
Hemant Soren Jharkhand News महिला उद्यमियों को सामान्य निवेशकों से पांच फीसद अतिरिक्त लाभ दिया जा रहा है। टैक्स भुगतान में राहत के साथ उत्पादों का पेट ...और पढ़ें

रांची, राज्य ब्यूरो। Hemant Soren, Jharkhand News झारखंड विधानसभा में बुधवार को महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग, उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग, राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के बजट पर चर्चा हुई। मौके पर महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की मंत्री जोबा मांझी ने सदन में सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि हेमंत सरकार महिलाओं, बच्चियों, किशोरियों के अलावा वृद्धों को लेकर गंभीर है।
राज्य सरकार तेजस्विनी योजना को गंभीरता से लागू करने जा रही है। इससे किशोरियों, महिलाओं के सामाजिक व शैक्षणिक सशक्तिकरण तथा रोजगार उन्मुख विकल्पों पर प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार का अवसर उपलब्ध कराएगी। इसके लिए आगामी वित्तीय वर्ष में एक अरब, 19 करोड़, 12 लाख 97 हजार रुपये खर्च करने का लक्ष्य है। मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री वृद्धा पेंशन योजना में वित्तीय वर्ष 2021-22 में लाभुकों की संख्या तीन लाख 65 हजार से बढ़ाकर सात लाख 30 हजार करने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत एक लाख 36 हजार 662 लाभुकों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री सुकन्या योजना के तहत दो लाख सात हजार 300 लाभुकों को लाभ देने का लक्ष्य है।मंत्री जोबा मांझी ने सदन को बताया कि राज्य में कुपोषण के खिलाफ महा अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत 1000 दिनों का महाअभियान चलाया जाना है, जिसमें तीन से छह वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार दिलाया जाएगा। कुपोषण के शिकार ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को प्रतिदिन एक अंडा दिया जाएगा।
राज्य में 100 स्थानों पर गोदाम की व्यवस्था करेगी सरकार
मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि खाद्य आपूर्ति विभाग के माध्यम से राज्य में 100 स्थानों पर गोदाम की व्यवस्था कराई जाएगी। इससे राज्य में खद्यान्न की कमी नहीं होगी और समय से गोदामों में आनाज संरक्षित किया जा सकेगा।
आंगनबाड़ी के लिए आंध्रप्रदेश की तर्ज पर सुविधा देने पर होगा विचार
मंत्री जोबा मांझी ने सदन में कहा कि आंगनबाड़ी के मानदेय में बजट में बढ़ोतरी नहीं की गई है। सरकार के सामने आंध्रप्रदेश मॉडल को संज्ञान में लाया गया है। आंगनबाड़ी को आंध्रप्रदेश की तर्ज पर सुविधा मिले, इसपर सरकार विचार करेगी।
महिलाओं से अपराध हुआ तो खुलासा के साथ कार्रवाई भी हुई
महिला एवं बाल विकास तथा सामाजिक सुरक्षा विभाग पर चर्चा के दौरान सदन में महिलाओं से होने वाले अपराध का भी सवाल उठा था। पांच सवाल की बच्ची से लेकर 60 साल की वृद्ध महिला तक से दुष्कर्म की बात सामने आई। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो की रिपोर्ट का भी हवाला दिया गया। बताया गया कि 1556 से अधिक दुष्कर्म की घटनाएं प्रदेश में दर्ज हुईं। इसपर जवाब में मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि राज्य में महिलाओं से अपराध हुए तो उसका खुलासा भी हुआ, गिरफ्तारियां हुईं और चार्जशीट भी दाखिल किए गए। मंत्री ने सदन को बताया कि वर्तमान में दुष्कर्म से संबंधित 562 कांडों का अनुसंधान अभी जारी है।
नई उद्योग एवं निवेश प्रोत्साहन नीति में कई ऐसी बातें हैं तो राज्य में निवेश करनेवाले उद्यमियों को पहली बार लाभ कमाने का मौका दे रही हैं। पिछली बार 2016 में व्यवसायियों को जो प्रस्ताव दिए गए थे उससे पांच फीसद अधिक हर मामले में है और एससी, एसटी एवं महिला उद्यमियों को सामान्य निवेशकों से पांच फीसद अतिरिक्त लाभ दिया जाएगा। उद्योगपतियों को वित्तीय निवेश में राहत दी जा रही है तो टैक्स भुगतान में भी। यही नहीं, उत्पादों का पेटेंट लेने में खर्च होनेवाली राशि में भी सरकार 50 फीसद तक वहन करेगी। स्टार्टअप के साथ उद्योग जगत में प्रवेश करनेवालों के लिए यह सुनहरा मौका होगा।
पूर्व में दिए गए प्रस्तावों में कुछ फेरबदल भी किए गए हैं। पहले जहां सभी प्रकार के उद्योगों के निबंधन पर स्टांप ड्यूटी माफ था वहीं अब स्टांप ड्यूटी वापस लौटाने का प्रविधान किया गया है। गुणवत्ता एवं पेटेंट से संबंधित मामलों में जहां पहले सरकार से 50 प्रतिशत तक मदद दी जाती थी वहीं इसे बढ़ाकर शत-प्रतिशत कर दिया गया है। स्टेट जीएसटी पर भी पूर्व में देय 75 फीसद लाभ को बढ़ाकर सौ फीसद कर दिया गया है।
- 2016 की नीति - दो करोड़ तक के फिक्स्ड कैपिटल निवेश के हिसाब से 20 फीसद सब्सिडी, एससी, एसटी और महिलाओं को 5 फीसद अधिक लाभ।
- 2021 की नीति - 1 करोड़ के कैपिटल निवेश पर छोटी कंपनियों को 25 प्रतिशत सब्सिडी तो 5 करोड़ के निवेश पर मध्यम उद्योगों को इतना ही लाभ।
बड़े उद्योग
- 2016 की नीति - 20 करोड़ रुपये तक के कैपिटल निवेश पर 20 प्रतिशत तक सब्सिडी। कई हिस्सों में बांटकर दिया जाता था लाभ। मशीनों, प्रदूषण नियंत्रण और कर्मचारियों के कल्याण जैसे मानक तय थे।
- 2021 की नीति - 30 करोड़ रुपये तक के कैपिटल निवेश पर 30 फीसद सब्सिडी का लाभ सीधे मिलेगा। महिलाओं, एससी और एसटी उद्यमियों को 5 प्रतिशत का अतिरिक्त लाभ देने का वादा।
मेगा उद्योग
- 2016 की नीति - 20 करोड़ रुपये तक के कैपिटल निवेश पर 20 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ। इसकी गणना प्लांट एवं मशीनरी पर खर्च, कैप्टिव पावर, प्रदूषण नियंत्रण जैसे मानकों के आधार पर।
- 2021 की नीति - 30 करोड़ रुपये तक के कैपिटल निवेश पर 25 प्रतिशत तक की सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा। महिलाओं, एसटी व एससी बिरादरी को पांच प्रतिशत का अतिरिक्त लाभ।
गुणवत्ता प्रमाणपत्र और पेटेंट निबंधन
- 2016 की नीति - बीआइएस एवं अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से गुणवत्ता प्रमाणीकरण एवं पेटेंट प्राप्त करने में 10 लाख रुपये तक की कुल लागत पर 50 फीसद तक सहयोग।
- 2021 की नीति - अब कंपनियों को शत-प्रतिशत खर्च का भुगतान किया जाएगा। सभी प्रकार की कंपनियों के लिए इसकी ऊपरी सीमा अभी भी 10 लाख रुपये ही रखी गई है।

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