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    Jharkhand Engineering Colleges: इंजीनियरिंग कालेजों के संचालन पर हेमंत सोरेन सरकार का बड़ा फैसला

    By M EkhlaqueEdited By:
    Updated: Tue, 20 Sep 2022 06:19 PM (IST)

    Hemant Soren News गोला इंजीनियरिंग कालेज को पीपीपी मोड पर विश्वविद्यालय के रूप में संचालित करने का प्रस्ताव कैबिनेट को। कोडरमा इंजीनियरिंग कालेज को विश्वविद्यालय के रूप में चलाने को लेकर जमीन का पेंच। तीन इंजीनियरिंग कालेजों में सिर्फ पलामू इंजीनियरिंग कालेज को स्वयं चलाएगी राज्य सरकार।

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    Hemant Soren News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का फाइल फोटो।

    रांची, राज्य ब्यूरो। Engineering Colleges In Jharkhand झारखंड में बनकर तैयार चार इंजीनियरिंग कालेजों में दो इंजीनियरिंग कालेजों को विश्वविद्यालय के रूप में संचालित करने की तैयारी है। रामगढ़ के गोला तथा कोडरमा में बनकर तैयार इंजीनियरिंग कालेजों में इंजीनियरिंग के साथ-साथ मैनेजमेंट एवं अन्य पाठ्यक्रमों की भी पढ़ाई होगी। दोनों विश्वविद्यालयों का संचालन पीपीपी मोड पर होगा। इनमें से गोला इंजीनियरिंग कालेज को पीपीपी मोड पर विश्वविद्यालय के रूप में संचालित करने का प्रस्ताव कैबिनेट की स्वीकृति के लिए भेज दिया गया है। कोडरमा में बनकर तैयार इंजीनियरिंग कालेज को विश्वविद्यालय के रूप में संचालित करने में जमीन का मामला फंस रहा है। यदि मामला सुलझता है तो इसे भी विश्वविद्यालय के रूप में संचालित किया जाएगा।

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    चार इंजीनियरिंग कालेजों के भवन बनकर तैयार

    राज्य में चार इंजीनियरिंग कालेजों के भवन बनकर तैयार हैं। इनमें सिर्फ पलामू में इंजीनियरिंग कालेज का संचालन राज्य सरकार ने स्वयं करने का निर्णय लिया है। कोडरमा तथा गोला में इंजीनियरिंग कालेज के संचालन की जिम्मेदारी पीपीपी मोड पर क्रमश: भुवनेश्वर के सीबी रमन इंजीनियरिंग कालेज तथा बेंगलुरू स्थित अरका जैन विश्वविद्यालय को देने का निर्णय लिया गया है। हालांकि दोनों विश्वविद्यालयों ने सिर्फ इंजीनियरिंग कालेज की जगह विश्वविद्यालय के रूप में संचालित करने की अनुमति राज्य सरकार से मांगी है।

    गोला इंजीनियरिंग कालेज का प्रस्ताव कैबिनेट के पास

    गोला इंजीनियरिंग कालेज को पीपीपी मोड पर विश्वविद्यालय के रूप में संचालित करने का प्रस्ताव कैबिनेट की स्वीकृति के लिए भेजा गया है। हालांकि विश्वविद्यालय के लिए 25 एकड़ जमीन की आवश्यकता है लेकिन यहां फिलहाल 17 एकड़ जमीन उपलब्ध है। विश्वविद्यालय के लिए यहां और जमीन अधिग्रहीत की जाएगी। वहीं, कोडरमा में जमीन को लेकर पेंच है। दरअसल, कोडरमा इंजीनियरिंग कालेज के परिसर में आवश्यक 25 एकड़ जमीन तो उपलब्ध है, लेकिन वहां पहले से राज्य सरकार का पालीटेक्निक संस्थान भी संचालित हो रहा है। ऐसे में इस संस्थान को वहां से कैसे हटाया जा सकेगा, इसपर निर्णय नहीं हो पा रहा है।

    जमशेदपुर में जनजातीय विश्वविद्यालय की होगी स्थापना

    जमशेदपुर में बनकर तैयार इंजीनयिरिंग कालेज में इंजीनियरिंग की पढ़ाई नहीं होगी। राज्य सरकार ने इसके भवन में पंडित रघुनाथ मुर्मु जनजातीय विश्वविद्यालय संचालित करने का निर्णय लिया है। इस विश्वविद्यालय से संबंधित विधेयक पर विधानभा की स्वीकृति दोबारा मिल चुकी है। राज्यपाल की स्वीकृति के बाद इस विश्वविद्यालय का संचालन शुरू हो सकेगा। हालांकि इससे पहले इसपर यूजीसी से स्वीकृति ली जाएगी।

    पलामू इंजीनियरिंग कालेज की निगरानी बीआइटी को

    पलामू इंजीनियरिंग कालेज का संचालन फिलहाल बीआइटी, सिंदरी की देखरेख में होगा। पद सृजन होने तक यह व्यवस्था रहेगी। बीआइटी, सिंदरी पलामू इंजीनियरिंग कालेज में शिक्षकों व अन्य कर्मियों की प्रतिनियुक्ति कर इसका संचालन करेगा। बता दें कि इस इंजीनियरिंग कालेज में 300 सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।