लालू यादव के साले साधु-सुभाष को लगाया चूना, सुरेंद्र यादव की खा गया कुर्सी... बड़की मैडम ने हाथ थामा तो बना 'प्रेम साहब'
Jharkhand News झारखंड की सत्ता में खास दखल रखने वाला प्रेम प्रकाश अभी प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में है। उसे सत्ता शीर्ष का बेहद नजदीकी बताया जा रहा है। प्रेम प्रकाश ने अपनी जिंदगी अपने पिता की मौत के बाद बैंक में मिली अनुकंपा की सरकारी नौकरी से शुरू की।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News पिता की जगह पर अनुकंपा के आधार पर बैंक में नौकरी पानेवाला प्रेम प्रकाश कब करोड़ों में खेलने लगा, यह कोई नहीं जान सका। इस सफर में प्रेम ने किसी फिल्मी कहानी की तरह ठोकरें भी खाईं, ठगी करने पर मार भी पड़ी और पीटने वाले मंत्री को सीट गंवानी पड़ी। डाक्टर के साथ ठगी में जेल भी गया, लेकिन मैडम का साथ नहीं छूटा। इन्हीं की बदौलत प्रेम प्रकाश सत्ता की शीर्ष तक अपनी पहुंच बनाने में सफल रहा और करोड़ों रुपये भी कमाए। अब ईडी की गिरफ्त में आए प्रेम प्रकाश की कहानियां सबके सामने आ रही हैं। कैसे उसने अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग में अपनी दखल बनाई और अफसरों-नेताओं का चहेता बन गया।
सासाराम से रांची तक कई रोचक कहानियां : प्रेम प्रकाश की कुंडली पढ़िए...
- पिता की जगह अनुकंपा पर नौकरी मिली थी प्रेम प्रकाश को
- रिटायर हो चुकी मैडम का साथ मिला तो करोड़ों में खेलने लगा
- कमरे में बंद कर पिटाई करनेवाले बिहार के मंत्री सुरेंद्र यादव ने गंवाई थी कुर्सी
- एक बड़े नेता के साले का पैसा लेकर भागा
- डाक्टर की बेटी को मेडिकल में दाखिला दिलाने के नाम पर ठगा
- सासाराम में ही हुई थी झारखंड से रिटायर हो चुकी एक मैडम से मुलाकात
- जहां-जहां बड़की मैडम गईं वहां-वहां प्रेम प्रकाश का जादू चला
स्टेट बैंक से राजद मुख्यालय तक बनाया रास्ता
सासाराम के प्रेम प्रकाश को पिता की मौत के बाद अनुकंपा के आधार पर बैंक में नौकरी मिली, लेकिन नौकरी से कहीं अधिक उसका दलाली के काम में मन लगने लगा। पटना में एसबीआइ की सचिवालय शाखा में प्रेम प्रकाश का संपर्क सूद के कारोबार में लिप्त लोगों और हवाला कारोबारियों से हुआ। प्रेम प्रकाश के घर के निकट राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के साले साधु यादव के साढ़ू का भी घर था। इसी के जरिये वह साधु यादव के संपर्क में आया और सुभाष यादव से दोस्ती बढ़ाई।
कहा जाता है कि उसने साधु यादव के करीबियों का पैसा कारोबार में लगाना शुरू किया। लेकिन, वर्ष 2002-03 में प्रेम प्रकाश की बड़ी रकम डूब गई। इसके बाद वह पटना से भाग गया और शिकायतों के आधार पर पुलिस उसकी तलाश में जुट गई। प्रेम प्रकाश का भाई गुजरात में पकड़ा गया और उसे गया के बेलागंज में विधायक सह आबकारी मंत्री सुरेंद्र प्रसाद यादव के घर रखकर पीटा गया।
प्रेम के भाई की जानलेवा पिटाई के बाद उसे ट्रांजिट रिमांड पर लेकर गुजरात से आई पुलिस ने खबर लीक कर दी। मामले ने तूल पकड़ा तो एसपी ने मंत्री के घर से प्रेम प्रकाश के भाई को बरामद किया। इस मामले ने तब इतना तूल पकड़ा था कि 2003 में बिहार के तत्कालीन आबकारी मंत्री सुरेंद्र यादव को सरकार से इस्तीफा देना पड़ा था।
बर्बाद हो चुके प्रेम प्रकाश को मैडम का सहारा मिला
कई साल बाद लगभग बर्बाद हो चुका प्रेम प्रकाश एक न्यूज चैनल की फ्रेंचाइजी लेकर रांची आया। यहां उसने पुराने संपर्क के आधार पर महिला आइएएस अधिकारी से संपर्क साधा। रघुवर दास की सरकार में उसी महिला अधिकारी की मदद से वह सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोगों तक पहुंच गया। इसी दौरान एक वर्तमान सत्ताधारी नेता की फैक्ट्री का क्लीयरेंस प्रेम प्रकाश ने कराया और इस प्रकार वर्तमान सत्ता के करीब आ गया। यहीं से वह डीसी-एसपी तक की पोस्टिंग कराने लगा। भ्रष्ट नौकरशाह उसके एक इशारे पर सब कुछ करने को तैयार रहने लगे।
डाक्टर की बेटी का नामांकन नहीं कराने पर जेल गया
प्रेम प्रकाश ने सासाराम के एक डाक्टर की बेटी का मेडिकल में दाखिला कराने का वादा करके बड़ी राशि ठग ली थी लेकिन दाखिला नहीं करा सका। इस मामले में डाक्टर ने मुकदमा किया तो प्रेम प्रकाश को जेल की हवा भी खानी पड़ी।
प्रेम प्रकाश से पंगा पड़ा महंगा
प्रेम प्रकाश की झारखंड में तूती बोलती थी। इसकी पैरवी पर जहां तुरंत काम होता था, वहीं निगेटिव पैरवी पर अधिकारी नप जाते थे। ऐसा ही वाकया राज्य के सीनियर आइपीएस अफसर के साथ हुआ। उन्होंने अपना कर्तव्य निभाते हुए यह सूचना दी कि प्रेम प्रकाश के घर के आसपास काफी भीड़ रहती है, दलालों का जमघट रहता है। जब यह रिपोर्ट ऊपर गई तो प्रेम प्रकाश ने अपना जलवा दिखाया। उक्त आइपीएस अधिकारी को अभी तक सही पोस्टिंग नहीं मिली है। प्रेम प्रकाश से पंगा लेना उन्हें बहुत महंगा पड़ा।