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    Brighter Jharkhand: नासा की तस्वीरों में बदला-बदला झारखंड, रातें पहले से ज्यादा उजली

    Updated: Wed, 24 Sep 2025 11:36 AM (IST)

    नासा की रात्रिकालीन सैटेलाइट इमेज ने झारखंड का एक नया व सकारात्मक सच सामने लाया है। 2019 से 2024 के बीच कृत्रिम रोशनी की तीव्रता 40 प्रतिशत से अधिक बढ़ी है। यह आंकड़ा राष्ट्रीय औसत 43 प्रतिशत के करीब है और झारखंड के बिजली ढांचे में आए क्रांतिकारी बदलाव की कहानी बयां करता है।

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    बदलती तस्वीर: सेटेलाइट इमेज की तस्वीर 2014 और 2024 का फर्क बताती।

    प्रदीप सिंह, रांची। नासा की रात्रिकालीन सैटेलाइट इमेज ने झारखंड का एक नया व सकारात्मक सच सामने लाया है। 2019 से 2024 के बीच कृत्रिम रोशनी की तीव्रता 40 प्रतिशत से अधिक बढ़ी है।

    यह आंकड़ा राष्ट्रीय औसत 43 प्रतिशत के करीब है और झारखंड के बिजली ढांचे में आए क्रांतिकारी बदलाव की कहानी बयां करता है। यह प्रगति न केवल रातों को रोशन कर रही है, बल्कि ग्रामीण और शहरी जीवन को भी नई ऊर्जा दे रही है।

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    100 प्रतिशत विद्युतीकरण का लक्ष्य पूरा किया

    इसकी वजह झारखंड में विद्युतीकरण का सौ फीसद लक्ष्य हासिल करना है। राज्य सरकार की विद्युतीकरण योजनाओं ने 32,000 से ज्यादा गांवों तक बिजली पहुंचाकर 100 प्रतिशत विद्युतीकरण का लक्ष्य पूरा किया है।

    इसका असर देखिए कि 2019 में ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति 12-15 घंटे तक सीमित थी, लेकिन 2025 तक यह औसतन 22 घंटे से अधिक हो गई है। इस बदलाव में शहरों के साथ ग्रामीण जीवन को नया रंग दिया है।

    बच्चे अब रात में सहुलियत से पढ़ाई कर सकते हैं। छोटे व्यवसाय देर तक चल रहे हैं और स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हुई हैं। यह उपलब्धि झारखंड के विकास की मजबूत नींव बन रही है।

    बिजली की बढ़ती मांग, रातों में बैंगनी चमक

    झारखंड में बिजली की खपत और मांग में इन वर्षों में जबरदस्त उछाल आया है। 2019 में पीक आवर डिमांड 2,000 मेगावाट थी, जो 2025 में बढ़कर 3,000 मेगावाट तक पहुंच गई।

    ऊर्जा खपत भी दोगुनी हो चुकी है। सैटेलाइट तस्वीरों में रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो, देवघर, हजारीबाग, गिरिडीह जैसे शहर बैंगनी चमक बिखेरते नजर आते हैं।

    यह बिजली की व्यापक उपलब्धता का प्रतीक है। यह न केवल शहरी क्षेत्रों में, बल्कि ग्रामीण इलाकों तक बिजली की निर्बाध आपूर्ति का परिणाम है।

    संताल परगना जैसे सुदूर और पहले पिछड़े माने जाने वाले क्षेत्र अब अंधेरे से मुक्त हो चुके हैं। गांवों की गलियां और छोटे कस्बे बिजली की रोशनी से जगमगाने लगे हैं।

    यह बदलाव ग्रामीण जीवन में नई संभावनाएं लाया है। लोग अब रात में भी काम कर सकते हैं, डिजिटल सेवाओं तक पहुंच बढ़ी है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिला है।

    औद्योगिक उड़ान के लिए बिजली ने खोले नए रास्ते

    बिजली की मजबूत व्यवस्था ने झारखंड के औद्योगिक परिदृश्य को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। स्थिर बिजली आपूर्ति ने नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना को बढ़ावा दिया है।

    कोयला और इस्पात उद्योगों के लिए मशहूर राज्य अब विनिर्माण और सूक्ष्म उद्योगों के लिए भी निवेशकों को आकर्षित कर रहा है।

    इस प्रगति ने रोजगार के नए अवसर पैदा किए हैं और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है। बिजली की उपलब्धता ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है।

    आंकड़ों में बदलाव

    • 2019–2024: रोशनी की तीव्रता में 40% से अधिक वृद्धि
    • विद्युतीकरण: 32,000 गांव, 100% लक्ष्य पूरा
    • ग्रामीण बिजली आपूर्ति: 2019 में 12–15 घंटे, 2025 में 22 घंटे
    • पीक डिमांड: 2019 में 2,000 MW, 2025 में 3,000 MW
    • ऊर्जा खपत: पांच साल में दोगुनी
    • असर : ग्रामीण विकास, औद्योगिक निवेश में वृद्धि