Jharkhand: सूखे की मार झेल झारखंड को 100 करोड़ की सहायता राशि देगा केंद्र, इन प्रभावित जिलों को मिलेगी राहत
केंद्र सरकार जल्द ही राज्य के सुखाड़ प्रभावित नौ जिलों में राहत योजना चलाने के लिए 100 करोड़ रुपये उपलब्ध कराएगी। इसे लेकर कृषि विभाग की ओर से सभी जिलों के उपायुक्तों से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट में अबतक छह उपायुक्तों ने जिले की स्थिति से विभाग को अवगत करा दिया है। बाकी तीन जिलों से रिपोर्ट मिलना बाकी है।
मनोज सिंह, रांची: केंद्र सरकार जल्द ही झारखंड के सुखाड़ प्रभावित नौ जिलों में राहत योजना चलाने के लिए 100 करोड़ रुपये उपलब्ध कराएगी। इसे लेकर कृषि विभाग की ओर से सभी जिलों के उपायुक्तों से रिपोर्ट मांगी गई है।
रिपोर्ट में अबतक छह उपायुक्तों ने जिले की स्थिति से विभाग को अवगत करा दिया है। बाकी तीन जिलों से रिपोर्ट मिलना बाकी है। इसे लेकर कृषि विभाग की ओर से दोबारा पत्र लिखा गया है।
केंद्र सरकार ने लगातार सुखाड़ की चपेट में आने वाले झारखंड के नौ जिलों को राहत योजना के लिए चयनित किया है। यह 15वें वित्त योजना के तहत उक्त राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
केंद्र सरकार ने इसके लिए एक निर्धारित फार्मेट विभाग को भेजा है। फॉर्मेट में इन जिलों से संबंधित पूरी जानकारी उपलब्ध करानी है।
केंद्र सरकार ने इसके लिए 15 अगस्त की तिथि निर्धारित की थी। लेकिन विभाग को सभी जिलों से रिपोर्ट नहीं मिलने की वजह से इसे केंद्र को नहीं भेजा जा सका है।
क्या बोले कृषि विभाग के अधिकारी
कृषि विभाग के अधिकारियों को कहना है कि सभी जिलों से रिपोर्ट आने के बाद पहले राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग को भेजा जाएगा। वहां से उक्त रिपोर्ट केंद्र सरकार के आपदा प्रबंधन प्राधिकार को भेजा जाएगा। रिपोर्ट मिलने के बाद उक्त राशि सरकार को भेज दी जाएगी।
इन जिलों का हुआ चयन
केंद्र के आपदा प्रबंधन प्राधिकार ने पूरे देश के 12 राज्यों के उन जिलों को इस योजना के लिए चयनित किया है, जहां पर लगातार सुखाड़ पड़ रहा है।
केंद्र की आपदा प्राधिकार ने राज्य के धनबादा, गुमला, रामगढ़, पलामू, गढ़वा, लातेहार, दुमका, बोकारो, पश्चिमी सिंहभूम जिले का चयन किया है।
जिला आपदा प्रबंधन समिति बनाएगी योजना
इन जिलों को मिलने वाले 100 करोड़ की राशि उपायुक्त की अध्यक्षता में बनी जिला आपदा प्रबंधन समिति को समान रूप से आवंटित की जाएगी।
उक्त समिति जिलों में किसानों के उत्थान के लिए चलाए जानी वाली योजना बनाएगी और राशि उन योजनाओं में खर्च करेगी।
हर दिन भेजी जा रही सुखाड़ की रिपोर्ट
विभाग की ओर से राज्य में खरीफ फसल के आच्छादन और वर्षा की प्रतिदिन की रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जा रही है।
कृषि मंत्री बादल ने स्वीकार किया है कि राज्य में लगातार दूसरी बार सुखाड़ की स्थिति है। धान की रोपाई को लेकर स्थिति चिंताजनक है।
यहां के किसानों की मूल फसल धान ही है। हालांकि कम वर्षा की वजह से 47 प्रतिशत कम धान का आच्छादन हुआ है।
पिछले साल 236 ब्लॉक सुखाड़ घोषित किए गए थे। विभाग की ओर से अब एक्शन प्लान बनाना शुरू कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में फसल की स्थिति की रिपोर्ट रखी जाएगी। उसके बाद किसानों को राहत देने पर निर्णय लिया जाएगा।