झारखंड में जनप्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाया, जिला अध्यक्ष को 12000 तो मुखिया को मिलेंगे ढाई हजार
झारखंड सरकार ने पंचायती राज प्रतिनिधियों को मिल रहे वेतन और भत्ते में बढ़ोतरी का निर्णय किया है। प्रोजेक्ट भवन मंत्रालय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में वेतन और भत्ता बढ़ाने संबंधी पंचायती राज विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड सरकार ने पंचायती राज प्रतिनिधियों को मिल रहे वेतन और भत्ते में बढ़ोतरी का निर्णय किया है।
बुधवार को प्रोजेक्ट भवन मंत्रालय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में वेतन और भत्ता बढ़ाने संबंधी पंचायती राज विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।
जिला परिषद अध्यक्ष को 12000 रुपए
इस निर्णय के अनुसार जिला परिषद अध्यक्ष का वेतन 10 हजार से बढ़ाकर 12 हजार रुपए प्रति माह कर दिया गया है, जबकि जिला परिषद उपाध्यक्ष का मासिक वेतन 7500 रुपए से बढ़ाकर दस हजार रुपये किया गया है।
प्रमुख को मिलेंगे 8000
पंचायत समिति प्रमुख का वेतन 5000 रुपए मासिक से बढ़ाकर आठ हजार रुपए, उप प्रमुख का वेतन तीन हजार से बढ़ाकर चार हजार रुपए कर दिया गया है।
मुखिया को बढ़ाकर मिलेंगे ढाई हजार
इसके अलावा मुखिया का वेतन एक हजार से बढ़ाकर ढ़ाई हजार रुपए और उपमुखिया का वेतन पांच सौ रुपए से बढ़ाकर 1200 रुपए करने का निर्णय कैबिनेट की बैठक में हुआ।
इसके अलावा पंचायती राज प्रतिनिधियों के दैनिक भत्ता और यात्रा भत्ता में भी बढ़ोतरी की गई है। पंचायती राज प्रतिनिधियों का दैनिक भत्ता 150 रुपये से बढ़ाकर 200 रुपये प्रतिदिन और अन्य साधनों से यात्रा पर अब दस रुपये प्रति किलोमीटर की दर से भुगतान होगा। अभी तक इन्हें प्रति किलोमीटर पांच रुपए यात्रा भत्ता मिलता था।
राज्य सरकार ने एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में जल सहियाओं को स्मार्टफोन और दो साड़ी देने का निर्णय किया है। राज्य में लगभग 30 हजार जल सहिया है। इनका कार्य स्वच्छ भारत मिशन को धरातल पर उतारना है।
यहां भी मुआवजा क्षतिपूर्ति बढ़ा
राज्य में जंगली जानवरों और मानव आबादी के बीच संघर्ष होता रहता है। वन-विभाग ने इसे देखते हुए जंगली जानवरों के हमले में घायलों को मिलने वाले मुआवजे में बढ़ोतरी का प्रस्ताव राज्य सरकार को सौंपा था।
इसके अलावा घर को होने वाली क्षति पर मिलने वाले भुगतान की राशि भी बढ़ाने का प्रविधान किया गया था। राज्य मंत्रिपरिषद ने इसकी स्वीकृति प्रदान की है।
नए निर्णय के अनुसार जंगली जानवरों के हमले में घायलों को मिलने वाले मुआवजे की राशि एक लाख से बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपये की गई है।
आंशिक तौर पर घायल को 15 हजार रुपये की बजाय 25 हजार रुपये मिलेंगे। जंगली जानवरों के हमले में स्थायी तौर पर अपंग होने वालों को दो लाख की बजाय तीन लाख 25 हजार रुपये का भुगतान किया जाएगा।
इसके अलावा मकान की क्षति होने की स्थिति में अब एक लाख बीस हजार रुपये मुआवजा मिलेगा। जंगली जानवरों के हमले में मौत होने पर मुआवजे की राशि पूर्ववत चार लाख रुपये ही रहेगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।