Jharkhand New Cabinet : झारखंड में किस आधार पर होगा मंत्रिमंडल विस्तार? अंदर की बात आई सामने; सियासत तेज
Jharkhand Ministers List झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे। इसके लिए संबंधित दलों के आपसी मंथन के बाद गठबंधन की बैठक में निर्णय लिया जाएगा। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) कोटे से मंत्रियों के नाम का निर्धारण करने के लिए शीर्ष नेतृत्व को अधिकृत किया गया है। मंत्रिमंडल विस्तार किस आधार पर होगा इसे लेकर अंदर की बात सामने आई है।

राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand Political News Hindi: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे। शपथ ग्रहण करने के बाद ही उन्होंने इसके संकेत दिए थे। मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर संबंधित दलों के आपसी मंथन के बाद गठबंधन की बैठक में इसपर अंतिम मुहर लगेगी। मुख्यमंत्री सबकी सहमति से इसपर निर्णय लेंगे।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) कोटे से मंत्रियों के नाम का निर्धारण करने के लिए शीर्ष नेतृत्व को अधिकृत किया गया है। पूर्ववर्ती सरकार में मंत्री रहे विधायकों को नए मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की पूरी संभावना है। जो विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाए, उनके स्थान पर नए चेहरे शामिल किए जाएंगे। इसमें क्षेत्रीय व जातीय संतुलन का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
इस बार हो सकता है 5 विधायकों पर एक मंत्री का फार्मूला
मंत्रिमंडल विस्तार में सबसे बड़ी परेशानी कांग्रेस के समक्ष है। पार्टी के टिकट पर कुल 16 विधायक जीतकर आए हैं। ज्यादातर विधायकों की इच्छा मंत्री बनने की है, लेकिन पद सीमित हैं। पिछली सरकार में कांग्रेस के हिस्से में चार मंत्री पद आए थे, लेकिन इस बार पुराना फार्मूला बदलने के आसार नजर आ रहे हैं। पिछली सरकार में सत्तापक्ष के विधायकों की संख्या कम थी। इस बार कुल विधायकों की संख्या 56 है। ऐसे में सरकार बनाने के लिए पांच विधायकों पर एक मंत्री पद का फार्मूला उछाला गया है। अगर इसपर बात आगे बढ़ी तो कांग्रेस के कोटे में सिर्फ तीन मंत्री पद आएंगे। ऐसे में झामुमो के मंत्रियों की संख्या भी बढ़ सकती है।
आरजेडी में ज्यादा खींचतान नहीं
राजद के कोटे में मंत्री का एक पद तय है। पार्टी के चार विधायक चुनकर आए हैं। राजद में ज्यादा खींचतान नहीं है। देवघर के विधायक सुरेश पासवान राजद विधायक दल के नेता चुने जा चुके हैं। वे रेस में आगे हैं। इसके अलावा गोड्डा के विधायक संजय प्रसाद यादव और हुसैनाबाद के विधायक संजय सिंह यादव भी रेस में बने हुए हैं।
भाकपा-माले ने नहीं किया है निर्णय
गठबंधन की सहयोगी भाकपा-माले ने अभी तक यह निर्णय नहीं किया है कि सरकार में शामिल होंगे या बाहर से समर्थन करेंगे। सैद्धांतिक तौर पर भाकपा-माले सरकार मेंं शामिल होने से परहेज करती है। माले के दो विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। भाकपा-माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य रांची में पार्टी नेताओं से विमर्श कर रहे हैं। इस बार में एक-दो दिन में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
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