Jharkhand Budget Session 2023: नियोजन नीति पर विधानसभा में भाजपा विधायकों का हंगामा, की जमकर नारेबाजी
झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में रामगढ़ की नवनिर्वाचित विधायक सुनीता चौधरी ने शपथ ग्रहण किया। इस दौरान नियोजन नीति को लेकर भाजपा के विधायकों ने विधानसभा में जमकर नारेबाजी की। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।

राज्य ब्यूरो, रांची। होली के अवकाश के बाद झारखंड विधानसभा का बजट सत्र आज से फिर शुरू हुआ। इस दिन विधानसभा में नियोजन नीति को लेकर विपक्ष का हंगामा सोमवार को भी जारी रहा। पहली पाली में विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही नवनिर्वाचित विधायक सुनीता चौधरी के शपथ ग्रहण के बाद भाजपा के विधायकों ने नियोजन नीति में संशोधन के विरोध में सदन में आसन के सामने जाकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान विधायकों ने राज्य सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की। '60:40 नाय चलतौ' का चर्चित नारा भी गूंजा।
हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित
विपक्ष के हंगामे के बीच विधानसभाध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने कुछ अल्पसूचित प्रश्न लेने का प्रयास किया। हालांकि, उन्हें तुरंत ही विधानसभा की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। 12.35 बजे विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा ने फिर से प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इस दौरान ध्यानाकर्षण के महज एक-दो प्रश्न लिए जा सके और विधानसभाध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो को सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
नियोजन नीति में संसोधन पर उठा सवाल
हंगामे के बीच ही भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि विधानसभा से पारित नियोजन नीति को जब हाईकोर्ट ने रद कर दिया तो उसमें संशोधन को लेकर प्रस्ताव विधानसभा में आना चाहिए था, लेकिन राज्य सरकार ने कैबिनेट से ही इसमें संशोधन करा लिया, जो सदन की अवमानना है। सत्ता पक्ष के ही विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने भी उनका समर्थन करते हुए कहा कि पहले इसे सदन में लाया जाना चाहिए था। उन्होंने नियोजन नीति पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम द्वारा सदन में जवाब दिए जाने पर भी सवाल उठाते हुए पूछा कि आखिर मंत्री कैसे जवाब दे रहे हैं।
भाजपा विधायक सदन में कुछ भी सुनने को नहीं थे तैयार
आजसू विधायक सुदेश महतो ने कहा कि आखिर किस परिस्थिति में नियोजन नीति में संशोधन करना पड़ा तथा संशोधित नीति में क्या है, इसे सरकार को सदन में सपष्ट करना चाहिए। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि पहले सुदेश को एनडीए से पूछकर स्पष्ट करना चाहिए कि वे 1932 के खतियान आधारित नियोजन नीति लागू करना चाहते हैं या नहीं।
मंत्री आलमगीर आलम ने सरकार के जवाब में कहा कि सरकार नियोजन नीति से जुड़े सवालों पर जवाब दे रही है, लेकिन भाजपा विधायक कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि नियोजन नीति सदन में लाई गई थी। हाईकोर्ट के निर्देश पर ही उसमें संशोधन किया गया है।
आखिर आपकी विवशता क्या है महोदय
नियोजन नीति पर हंगामे के बीच भाजपा विधायक सीपी सिंह ने विधानसभाध्यक्ष से कहा कि सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से उन्हें आसन पर पहुंचाने का काम किया। उन्हें सदस्यों को बताना चाहिए कि आखिर उनकी विवशता क्या है? वे मुख्यमंत्री से जवाब दिलवाकर सदन का गतिरोध समाप्त कर सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं कर रहे हैं। यदि मुख्यमंत्री जवाब नहीं दे सकते तो वरिष्ठ विधायक स्टीफन मरांडी या नलिन सोरेन से ही इस पर जवाब दिलवा दें। इस पर विधानसभाध्यक्ष ने भी सीपी सिंह से कहा कि उनके पास आसन का लंबा अनुभव है। वे ही इसे अच्छी तरह बता सकते हैं।
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