रांची में 91 हजार बिजली उपभोक्ताओं पर गिरेगी गाज, एक्शन लेने की तैयारी में विद्युत विभाग; सामने आई वजह
Jharkhand Bijli News In Hindi रांची के 91 हजार बिजली उपभोक्ताओं पर बिजली कनेक्शन कटने का खतरा मंडरा रहा है। विभागीय सूत्रों के अनुसार इन उपभोक्ताओं का बिजली बिल माइनस में है। अगर उपभोक्ता समय पर बिजली बिल का भुगतान नहीं करते हैं तो विभाग उनके घरों का कनेक्शन काट देगा। इस कार्रवाई से पूरे शहर में हड़कंप का माहौल है।
जागरण संवाददाता, रांची। राजधानी में जल्द बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लगने वाला है। राजधानी के 91 हजार उपभोक्ताओं के घरों की बिजली जल्द कट सकती है। इसे लेकर विभागीय मंथन जारी है।
झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के महाप्रबंधक मनमोहन कुमार ने बताया कि राजधानी में 91 हजार उपभोक्ताओं का बिजली बिल माइनस में है।
यह वैसे उपभोक्ता है, जिनके घरों में स्मार्ट मीटर की सेवा लग चुकी हैं। अगर उपभोक्ता समय पर बिजली बिल का भुगतान नहीं करते है तो विभाग उपभोक्ताओं के घरों का कनेक्शन काटने पर विवश होगा।
यह बिजली काटने के लिए विभाग को उपभोक्ताओं के घरों तक नहीं जाने की जरुरत पड़ेगी। विभाग सब डिविजन कार्यालय से ही कनेक्शन काट सकती है।
वहीं, शहर में 3 लाख 65 हजार उपभोक्ताओं की संख्या है जिसमें से 2 लाख 80 हजार घरों में स्मार्ट मीटर लग चुका है। जिसमें से 91 हजार उपभोक्ताओं का बैलेंस माइनस में है।
वहीं मार्च तक राजधानी में स्मार्ट मीटर लगाने का काम पूरा करने का लक्ष्य लिया गया था, लेकिन विभाग और एजेंसी की लापरवाही के कारण यह काम मार्च में भी पूरा नहीं हो पाएगा।
91 हजार उपभोक्ताओं का बैलेंस क्यों है माइनस में
विभाग की लापरवाही के कारण राजधानी के 91 हजार उपभोक्ताओं का बैलेंस माइनस में पहुंच गया है। झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड की ओर से स्मार्ट मीटर लगाने के नाम पर लाखों उपभोक्ताओं को विभाग ने एक-एक साल तक बिजली बिल नहीं दिया।
उपभोक्त बिजली बिल लेकर भी कार्यालय पहुंचते तो उन्हें विभाग की ओर से सही जानकारी नहीं दी जाती थी। जिसके कारण उपभोक्ता का बैलेंस माइनस में रह गया है।
अशोक नगर निवासी सुरेश पासवान ने बताया कि विभाग और एजेंसी की लापरवाही का हर्जाना उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा हैं। अब विभाग उपभोक्ताओं पर दबाव बना रही है। यह गलत हैं। इसपर सरकार को प्रकाश डालना चाहिए।
एप डाउनलोड करवाने में छुट रहे पसीने
- राजधानी में अबतक 2 लाख 80 हजार स्मार्ट मीटर लग चुके है, जिसमें से 2 लाख 20 हजार स्मार्ट मीटर प्रीपेड मोड में काम करना शुरू हो चुका है।
- इसके बावजूद लोग स्मार्ट मीटर को लेकर जागरूक नहीं हुए है। विभाग की ओर से लगातार उपभोक्ताओं से एप डाउनलोड करवाने का प्रयास किया जा रहा है।
- इसके वाबजूद उपभोक्ता एप डाउनलोड कर उसे आपरेट नहीं कर पा रहे है। कभी-कभी एप में तकनीकी समस्या भी आ रही है। जिसके कारण उपभोक्ता एप अनइनस्टाल कर रहें है।
एचईसी के 50 हजार घरों में नहीं लगा स्मार्ट मीटर
राजधानी के एचईसी में अबतक स्मार्ट मीटर की सेवा लोगों को नहीं मिल पाई है। जिसके कारण लोग नाराज है। एचईसी क्षेत्र में लगभग 50 हजार घर है। जहां एजेंसी की ओर से स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य लिया गया है।
वहीं स्मार्ट मीटर नहीं लगने के कारण कई लोगों के घरों में बिजली बिल तक नहीं पहुंच पा रहा है, क्योंकि शहर में ऊर्जा मित्रों से काम लेना लगभग विभाग ने बंद कर दिया हैं।
क्या कहते अधिकारी
स्मार्ट मीटर लगने के बाद 91 हजार उपभोक्ताओं का बिजली बिल माइनस में है। मात्र 31 हजार उपभोक्ता ही नियमित रूम से बिजली बिल का भुगतान कर रहे है। वहीं लगभग एक लाख उपभोक्तओं को 200 यूनिट बिजली बिल का नियमित लाभ मिल रह है। बिजली बिल नहीं पहुंचने का विभाग को खेद है।
- मनमोहन कुमार, महाप्रबंधक, रांची जोन, झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड
एजेंसी के अधिकारी ने क्या कहा
राजधानी में स्मार्ट मीटर लगाने का काम जीनस कंपनी को सौंपा गया है। कंपनी के अधिकारी ने बताया कि हमारे पास पर्याप्त मात्रा में स्मार्ट मीटर है, जल्द एचईसी में क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। प्रयास जारी है।
- मस्ताना, स्टेड हेड, जीनस कंपनी
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।