झारखंड: रांची और देवघर एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या में भारी उछाल
झारखंड में हवाई सेक्टर तेजी से आगे बढ़ रहा है। रांची और देवघर हवाई अड्डों पर यात्रियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। राज्य सरकार हवाई अड्डों के विकास पर ध्यान दे रही है, जिससे कनेक्टिविटी में सुधार होगा और पर्यटन व व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। हवाई क्षेत्र के विकास से राज्य के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।

रांची एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या बढ़ी है।
राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य का हवाई सेक्टर इन दिनों उड़ान भर रहा है। रांची और देवघर एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या बढ़ी है और सुविधाएं भी। 2001 में रांची से सिर्फ एक उड़ान हुआ करती थी, जो आज प्रतिदिन 60 से ज्यादा की संख्या पहुंच चुकी है।
रांची एयरपोर्ट पर प्रतिवर्ष 23 लाख यात्री आवाजाही कर रहे हैं, जबकि नए बने देवघर एयरपोर्ट पर सालाना यह संख्या 2.8 लाख की है। हाल ही में सुरक्षा मानकों पर किए गए एक सर्वे में रांची ने 4.98 का स्कोर किया है, जबकि पिछले साल यह 4.68 था।
देश के लगभग सभी हिस्सों के लिए झारखंड से हवाई सेवा उपलब्ध है। हालांकि झारखंड चैंबर आफ कामर्स ने हाल ही में केंद्र सरकार से चेन्नई, जयपुर और पंजाब के शहरों के लिए हवाई सेवा बढ़ाने की मांग की है। टूरिस्ट सीजन में गोवा के लिए रांची और देवघर से सीधी फ्लाइट चलाने की मांग भी की गई है।
ग्रीन बेल्ट एयरपोर्ट के लिए बढ़ा प्रयास
राज्य सरकार ने धालभूमगढ़ में ग्रीन बेल्ट एयरपोर्ट के लिए आरंभिक प्रक्रिया चलाई है। जमशेदपुर से निजी कंपनियों द्वारा कोलकाता और भुवनेश्वर के लिए हवाई सेवा दी जा रही है।
दुमका, बोकारो और हजारीबाग में यात्री सेवा प्रारंभ करने के लिए डायरेक्टर जनरल सिविल एविएशन से संपर्क किया गया है। इससे राज्य में हवाई सेवाओं का विस्तार होगा और यात्रियों को कम समय में आवाजाही की सुविधा मिलेगी। रांची से मुंबई, दिल्ली, कोलकाता और तिरुपति के लिए एयर एंबुलेंस सुविधा भी उपलब्ध है।
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