झारखंड ATS ने कुख्यात मयंक सिंह को 3 दिन की रिमांड पर लिया, रामगढ़ से लाया गया रांची
रामगढ़ जेल में बंद अपराधी सुनील सिंह मीणा उर्फ मयंक सिंह को एटीएस ने रिमांड पर लिया है। उसे अजरबैजान से लाया गया था। पूछताछ में उसने हथियार सप्लाई और रंगदारी के मामले में खुलासे किए थे। एटीएस अब उसके सहयोगियों और पाकिस्तानी आतंकियों से कनेक्शन की जांच करेगी। मयंक ने ड्रोन से पंजाब में हथियार भेजने की बात भी बताई थी।

राज्य ब्यूरो, रांची। रामगढ़ उपकारा में बंद अपराधी सुनील सिंह मीणा उर्फ मयंक सिंह को तीन दिनों की रिमांड पर लेकर झारखंड पुलिस की आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) गुरुवार को रांची स्थित एटीएस मुख्यालय पहुंची। उसे कड़ी सुरक्षा के बीच रामगढ़ से लाया गया। यहां अब उससे अगले तीन दिनों तक पूछताछ होगी।
कुख्यात अमन साव गिरोह के इस कुख्यात अपराधी को अजरबैजान से रांची लाकर पूर्व में एटीएस की टीम ने छह दिनों तक रिमांड पर पूछताछ की थी, जिसमें मयंक सिंह ने पाकिस्तान से रांची तक हथियार की आपूर्ति, हवाला के जरिये करोड़ों की लेन-देन, रंगदारी आदि के मामले में सनसनीखेज खुलासा किया था।
उसी पूछताछ को अब अगले तीन दिनों तक एटीएस आगे बढ़ाएगी। एटीएस मयंक सिंह के अन्य सहयोगियों के बारे में भी पूछताछ करेगी और यह पता लगाएगी कि उसका पाकिस्तानी आतंकियों से भी संपर्क था या नहीं।
ड्रोन की मदद से पाकिस्तान से पंजाब में कैसे आए हथियार, इसकी भी जानकारी जुटाई जा रही है। उसने पूर्व की पूछताछ में बताया था कि उसे पाकिस्तान के पेशावर से ड्रोन की सहायता से पंजाब में हथियारों की आपूर्ति की गई थी। पंजाब से ये हथियार सड़क व रेलमार्ग से रांची पहुंचाए गए थे।
सुनील सिंह मीणा उर्फ मयंक सिंह मूल रूप से राजस्थान के अनूपगढ़ जिले के घोड़साना का रहने वाला है। उसने अंतरराष्ट्रीय अपराधी लॉरेंस बिश्नोई के साथ मिलकर कुख्यात अमन साव गिरोह के लिए काम किया। बीकानेर से पासपोर्ट बनवाकर मलेशिया गया और वहां काम के दौरान ही अपराधियों के नेटवर्क में जुड़ गया।
एटीएस उसे प्रत्यर्पण के तहत 23 अगस्त को अजरबैजान से लेकर रांची आई थी। इसके बाद से ही वह न्यायिक हिरासत में है। झारखंड में उसके विरुद्ध 48 मामले दर्ज हैं। रेड कॉर्नर नोटिस के बाद ही वह अजरबैजान में गत वर्ष हिरासत में लिया गया था।
कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद एटीएस एसपी ऋषभ कुमार झा के नेतृत्व में एक टीम अजरबैजान गई थी, जहां से लेकर उसे रांची आई थी।
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