JSSC Exam: सहायक आचार्य नियुक्ति परीक्षा के परिणाम के लिए करना होगा इंतजार, 26,001 पदों पर होनी है भर्ती
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा आयोजित सहायक आचार्य नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा के परिणाम का इंतजार अभ्यर्थियों को करना होगा। कई मामलों के कोर्ट में होने के कारण परिणाम जारी नहीं हो पा रहा है। आयोग का ध्यान अभी झारखंड सामान्य स्नातक योग्यताधारी प्रतियाेगिता परीक्षा (सीजीएल) पर है। सीजीएल परीक्षा के परिणाम के बाद ही सहायक आचार्य नियुक्ति परीक्षा का परिणाम जारी होगा।

राज्य ब्यूरो, रांची: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा आयोजित सहायक आचार्य नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा के परिणाम (Assistant Professor Appointment Competitive Examination) के लिए अभ्यर्थियों को इंतजार करना होगा।
राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में सहायक आचार्य के 26,001 पदों पर नियुक्ति के लिए आयोग द्वारा प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित की जा चुकी है। इस प्रतियोगिता परीक्षा से संबंधित कई मामले कोर्ट में होने के कारण इसका परिणाम जारी नहीं हो पा रहा है।
एक मामले में कोर्ट ने आयाेग को कुछ बिंदुओं पर एक्सपर्ट कमेटी से जांच कराने के निर्देश दिए थे। आयोग सूत्रों के अनुसार, एक्सपर्ट कमेटी ने इसकी रिपोर्ट सौंप दी है। इसकी अनुशंसा के आलोक में आयाेग आगे का निर्णय लेगा। साथ ही आयोग का अभी पूरा ध्यान झारखंड सामान्य स्नातक योग्यताधारी प्रतियाेगिता परीक्षा (सीजीएल) पर है।
अल्पसूचीबद्ध अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच होने तथा झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश आने के बाद इस परीक्षा का अंतिम परिणाम जारी होगा। सीजीएल परीक्षा के परिणाम जारी होने के बाद ही आयोग सहायक आचार्य नियुक्ति परीक्षा के माध्यम से अभ्यर्थियों को अल्पसूचीबद्ध करते हुए प्रमाणपत्रों की जांच के बाद अंतिम परिणाम जारी करेगा।
इस तरह, अब नए वर्ष में ही इसका परिणाम आने की पूरी संभावना है। इधर, विभागीय मंत्री रामदास सोरेन ने इस परीक्षा से संबंधित सभी विधिक मामले को सुलझाकर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को दिए हैं।
स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों के रिक्त पदाें पर की जा रही अनुशंसा
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों के रिक्त रह गए पदों के लिए अभी भी अपनी अनुशंसा कर रहा है। इस आलोक में आयोग ने अर्थशास्त्र विषय का दूसरे चरण का परिणाम जारी किया है। इसमें अनारक्षित श्रेणी के दो, अनुसूचित जनजाति के एक तथा आर्थिक रूप से कमजोर श्रेणी के पांच पदों के लिए अनुशंसा की गई है।
सीजीएल परीक्षा लेने वाली एजेंसी को नहीं मिली राहत, याचिका खारिज
झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसएन प्रसाद व जस्टिस नवनीत कुमार की खंडपीठ में जेएसएससी सीजीएल परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक मामले में परीक्षा लेने वाली एजेंसी को काली सूची में डालने के खिलाफ अपील याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने एकलपीठ के आदेश को सही बताते हुए एजेंसी की अपील याचिका खारिज कर दी।
परीक्षा लेने वाली एजेंसी सैटवेट इंफोसोल ने एकलपीठ के 24 अप्रैल के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें आयोग ने परीक्षा लीक मामले में कंपनी को डिबार करते हुए तीन साल के लिए काली सूची में डाल दिया था। सुनवाई के दौरान एजेंसी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि काली सूची में डालने के पूर्व एजेंसी का पक्ष नहीं सुना गया।
आयोग के किसी भी नियम में यह नहीं लिखा गया है कि कितने साल के लिए किसी एजेंसी को डिबार किया जा सकता है। एकलपीठ ने भी जेएसएससी की कार्रवाई को सही बताया था।
- जेएसएससी की ओर से कोर्ट को बताया था कि 28 जनवरी को परीक्षा थी। परीक्षा के एक घंटे पहले प्रश्नपत्र लीक हो गया था।
- इसके बाद आयोग ने नामकुम थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई और एजेंसी को शोकॉज किया। एजेंसी का स्पष्टीकरण संतोषप्रद नहीं था। इसके बाद कंपनी को डिबार किया गया, क्योंकि यह परीक्षा का मामला था।
- कोर्ट को बताया गया कि एजेंसी चयन के लिए जब आयोग ने एनआइटी जारी की थी तो उसमें स्पष्ट था कि गड़बड़ी किए जाने पर तीन साल तक डिबार किया जाएगा।
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