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    Jharkhand Assembly: झारखंड विधानसभा में हंगामे के बीच शिबू सोरेन को भारत रत्न प्रदान का प्रस्ताव पास, विपक्ष भी समर्थन में

    Updated: Thu, 28 Aug 2025 11:37 AM (IST)

    झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में विश्वविद्यालय विधेयक को लेकर भारी हंगामा हुआ। भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने सरकार पर राज्यपाल की शक्तियों को कम करने का आरोप लगाया जिसके विरोध में उच्च शिक्षा मंत्री ने भाजपा को अनपढ़ों की जमात बताया। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। स्पीकर ने भाजपा विधायकों के रवैये पर नाराजगी जताई।

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    झारखंड विधानसभा में विपक्ष का हंगामा स्थगित हुआ सदन

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड विधानसभा में मानसून पूरक सत्र के चौथे दिन दौरान जोरदार हंगामा देखने को मिला। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने दो दिन पूर्व सदन में पारित विश्वविद्यालय विधेयक का मामला उठाया और कहा, सरकार बहुमत के नशे में चूर होकर राज्यपाल का पावर सीज कर रही है।

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    जिसके विरोध विरोध में उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा कि ये (भाजपा) अनपढों की जमात है, विधेयक को लेकर भ्रम फैलाने का काम कर रही है। इसके साथ ही भाजपा ने झारखंड विश्वविद्यालय विधेयक का भी विरोध किया। सदन कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा होने लगा. जिसके बाद सदन की कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

    हंगामा के दौरान विपक्ष वेल में आकर लगातार हंगामा करते रहे। इस दौरान स्पीकर लगातार प्रश्न काल चलने देने का आग्रह करते रहे। स्पीकर रबीन्द्र नाथ महतो ने नवीन जायसवाल द्वारा प्रश्न पूछने की बजाय यह मामला उठाने पर सवाल किया।

    इधर, सभी भाजपा विधायक विधेयक के विरोध में नारेबाजी करते हुए आसन के समक्ष पहुंच गए। वहीं, उनके विरोध में सत्ता पक्ष के भी विधायक आसन के पास पहुंचकर एसआईआर के विरोध में नारेबाजी करने लगे। दोनों पक्षों के प्रदर्शन को देखते हुए स्पीकर को सदन की कार्यवाही दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।

    भाजपा के दो विधायकों द्वारा अपने सवाल पर सरकार का उत्तर लेने की जगह अन्य विषय पर प्रदर्शन को गलत ठहराते हुए स्पीकर ने कहा कि उनका यही रवैया रहा तो अगली बार वे प्रश्न पूछने लायक नहीं रहेंगे, इसलिए सदस्य प्रश्नकाल चलने दें।

    शिबू सोरेन को भारत रत्न को भारत रत्न देने का प्रस्ताव स्वीकृत

    दिशोम गुरु शिबू सोरेन को भारत रत्न प्रदान करने के लिए भारत सरकार से अनुरोध करने का प्रस्ताव सदन से स्वीकृत।

    मंत्री दीपक बिरुआ ने यह प्रस्ताव सदन के पटल पर रखा और कहा कि दिशोम गुरु ने अलग राज्य के निर्माण में जीवन समर्पित किया। आदिवासियों, गरीबों की लड़ाई लड़ी, इसलिए उन्हें भारत रत्न दिया जाय।

    इसपर नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि उनकी पार्टी पूरी तरह से इस प्रस्ताव के समर्थन में है। उन्होंने झारखंड निर्माण के प्रणेता रहे मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा और विनोद बिहारी महतो का नाम भी भारत रत्न की सूची में रखने की मांग की।

    संसदीय कार्य मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि भारत की आजादी में भी आदिवासियों ने महती भूमिका निभाई थी लेकिन आज तक एक भी आदिवासी को भारत रत्न नहीं मिला है। इसलिए दिशोम गुरु को भारत रत्न मिले।

    पक्ष-विपक्ष की सहमति के बाद दिशोम गुरु शिबू सोरेन को भारत रत्न देने सबंधित प्रस्ताव सदन से स्वीकृत हुआ।

    दोनों पक्ष आसन के सामने पहुंच एक-दूसरे के खिलाफ की नारेबाजी

    झारखंड विधानसभा के पूरक मानसून सत्र के अंतिम दिन का प्रश्नकाल भी हंगामे का भेंट चढ़ गया। भाजपा ने दो दिनों पूर्व सदन से पारित झारखंड विश्वविद्यालय विधेयक, 2025 के विरोध में सदन के अंदर हंगामा किया। सत्ता पक्ष ने भी उनका जवाब एसआइआर का विरोध कर दिया।

    दोनों पक्ष आसन के सामने पहुंचकर एक-दूसरे के विरोध नारेबाजी करने लगे। स्पीकर ने इसपर नाराजगी भी व्यक्त की, लेकिन हंगामा को देखते हुए उन्हें आठ मिनट में ही सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।

    गुरुवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने सदन से आग्रह किया कि विधानसभा परिसर में बाबा साहब भीमराव आंबेडकर, सिदो-कान्हू और दिशोम गुरु शिबू सोरेन की प्रतिमा स्थापित की जाए।

    इसके बाद स्पीकर ने पहला प्रश्न पूछने के लिए भाजपा के मुख्य सचेतक नवीन जायसवाल का नाम पुकारा, जिन्होंने सवाल की जगह झारखंड विश्वविद्यालय विधेयक, 2025 के विरोध में सरकार पर कड़े आरेाप लगाने शुरू कर दिए।

    कहा, ये लोग लाल किताब (संविधान) को लेकर घूमते हैं, लेकिन सदन में ही उसकी धज्जियां उड़ाते हैं। सरकार बहुमत के नशे में चूर होकर गवर्नर के पावर को ही सीज करने का काम कर रही है। छात्र सड़कों पर उतरे हुए हैं, क्योंकि विश्वविद्यालय विधेयक के जरिए

    छात्र संगठनों के चुनाव में मनोनयन पर रोक लगाई जा रही है। विश्वविद्यालय में पहले भी नौकरी बेची जाती थी, अब थर्ड और फोर्थ ग्रेड की नौकरी भी सीधे तौर पर बेची जाएगी। उन्होंने कहा कि बार-बार सूर्या हांसदा एनकाउंटर की सीबीआइ से जांच की मांग की जा रही है लेकिन सीएम इसपर कुछ नहीं बोल रहे हैं।

    प्रश्नाें का जवाब नहीं आया तो प्रश्न पूछने लायक भी नहीं रहेंगे : स्पीकर

    स्पीकर रबीन्द्र नाथ महतो ने भाजपा विधायक नवीन जायसवाल तथा रोशन लाल चौधरी के नाम पुकारे जाने के बाद भी सवाल नहीं पूछकर प्रदर्शन करने पर नाराजगी जाहिर की। कहा, उनके प्रश्न अनुत्तरित रह गए तो अगली बार से वे प्रश्नकाल पूछने लायक नहींं रह जाएंगे।

    प्रश्न डालनेवाले ऐसा करेंगे तो उनका यही हश्र होगा। प्रश्न डाला है और सरकार उत्तर देने के लिए तैयार है तो उसका उत्तर लीजिए न कि अन्य विषय को लेकर प्रदर्शन करिए। सदस्य प्रश्नकाल चलने दें।

    इसके बाद भी हंगामा जारी होने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। हालांकि सदन की कार्यवाही शुरू होने पर सदन व्यवस्थित ढंग से चला। शून्यकाल की सूचनाएं ली गईं तथा ध्यानाकर्षण के कुछ प्रस्ताव भी आए।

    अदाणी पावर को जमीन देने में अनियमितता की जांच करेगी कमेटी

    झारखंड के गोड्डा स्थित अदाणी पावर की भूमि अधिग्रहण का मुद्दा एक बार फिर सतह पर है। अदाणी पावर को आवंटित जमीन के मामले में भारी अनियमितताओं और भूअर्जन प्रक्रिया में प्रविधानों के घोर उल्लंघन का आरोप लगाते हुए पौड़ैयाहाट के कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से सवाल उठाया।

    इस आरोप के बाद राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने एक अधिसूचना जारी कर उच्चस्तरीय जांच समिति गठित करने का फैसला लिया है। राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने एक अधिसूचना जारी की।

    इसमें गोड्डा में अदाणी पावर को जमीन आवंटन की प्रक्रिया की जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित संबंधी अधिसूचना के बारे में जानकारी दी गई। जारी अधिसूचना के मुताबिक समिति के अध्यक्ष मुख्य सचिव होंगे, जो जांच की निगरानी करेंगे।

    समिति में ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव या संयुक्त सचिव स्तर के मनोनीत प्रतिनिधि, वन विभाग के सचिव, जल संसाधन विभाग के सचिव, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव, खान एवं भूतत्व विभाग के सचिव, राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव तथा गोड्डा जिले के उपायुक्त सदस्य होंगे।

    इसके अलावा, निदेशक (भूअर्जन) समिति के सदस्य सचिव के रूप में कार्य करेंगे। उल्लेखनीय है कि विधानसभा के बजट सत्र के दौरान राज्य सरकार ने जांच कमेटी गठित करने का भरोसा दिलाया था।

    कमेटी की आधिकारिक अधिसूचना जारी करने पर कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने गुरुवार को सदन में इसकी जानकारी देते हुए सरकार का आभार प्रकट किया।

    भूमि अधिग्रहण में एसपीटी एक्ट का उल्लंघन - प्रदीप यादव

    प्रदीप यादव का दावा है कि अदाणी पावर प्लांट के लिए भूमि अधिग्रहण में भारी अनियमितताएं हुईं। रैयतों को कम मुआवजा दिया गया और गोचर, श्मशान, नहर भूमि का अधिग्रहण कर एसपीटी एक्ट का उल्लंघन किया गया। 2014 में गोड्डा में जमीन की कीमत 25-30 लाख रुपये प्रति एकड़ थी।

    लेकिन तत्कालीन रघुवर दास सरकार ने गोड्डा के उपायुक्त के जरिए इसे 3.25 लाख रुपये तक कम कर दिया। एसपीटी एक्ट की धारा-53 के तहत आदिवासी जमीन का अधिग्रहण केवल जनहित के लिए हो सकता है, लेकिन अदाणी एक निजी कंपनी है, जो बांग्लादेश को बिजली आपूर्ति करती है।

    धारा-38 गोचर जमीन अधिग्रहण पर रोक लगाती है, फिर भी श्मशान और नहर भूमि ले ली गई। एमओयू के अनुसार, 1600 मेगावाट क्षमता वाले प्लांट की 25% बिजली (400 मेगावाट) झारखंड को सस्ते दर पर मिलनी थी। लेकिन यह लागू नहीं हुआ। उन्होंने तत्कालीन रघुवर सरकार पर अदाणी को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया और कार्रवाई की मांग की।

    पावर प्लांट की कुल अधिष्ठापित क्षमता 1600 मेगावाट 

    गोड्डा में स्थित अदाणी पावर प्लांट अदाणी ग्रुप की एक प्रमुख परियोजना है। यह भारत का पहला ऐसा अंतरराष्ट्रीय (ट्रांसनेशनल) थर्मल पावर प्रोजेक्ट है, जहां 100% उत्पादित बिजली निर्यात की जाती है।

    प्लांट का निर्माण अदाणी पावर झारखंड लिमिटेड द्वारा किया गया, जो अदाणी पावर लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।

    • कुल स्थापित क्षमता : 1,600 मेगावाट।
    • यूनिट्स: दो यूनिट्स, प्रत्येक 800 मेगावाट की क्षमता वाली।
    • पहली यूनिट का कामर्शियल आपरेशन तिथि अप्रैल 2023, दूसरी यूनिट का जून 2023 में।
    • पूरी क्षमता जुलाई 2023 से चालू।

    1363 एकड़ जमीन का अधिग्रहण

    पावर प्लांट के लिए कुल 1,363 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया है। यह भूमि गोड्डा जिले के 10 गांवों में फैली हुई है, जिसमें रैयती (निजी) भूमि लगभग 1,214 एकड़ और सरकारी भूमि 149 एकड़ शामिल है। यह अधिग्रहण 2016 से शुरू होकर 2018-2019 तक पूरा हुआ।