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    झारखंड विधानसभा में हंगामा: ममता देवी के ऑडियो पर बाबूलाल मरांडी ने की CBI जांच की मांग, मंत्री बोले- कांग्रेस का आंतरिक मामला

    By NEERAJ KUMAR AMBASTAEdited By: Chandan Sharma
    Updated: Thu, 11 Dec 2025 01:17 PM (IST)

    झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कांग्रेस विधायक ममता देवी द्वारा स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी पर लगाए गए कमीशनख ...और पढ़ें

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    बाबूलाल मरांडी ने स्वास्थ मंत्री इरफान अंसारी पर लगाए गंभीर आरोप, CBI जांच की मांग की।

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में बुधवार को सदन में उस समय हंगामा मच गया जब नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कांग्रेस विधायक ममता देवी द्वारा अपनी ही पार्टी के कैबिनेट मंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी पर लगाए गए गंभीर आरोपों का मुद्दा जोर-शोर से उठाया।

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    बाबूलाल मरांडी ने सदन में दावा किया कि उनके पास ममता देवी और इरफान अंसारी के बीच हुई बातचीत का ऑडियो रिकॉर्डिंग (सीडी) मौजूद है, जिसमें ममता देवी ने मंत्री पर नर्सिंग कॉलेज को NOC देने के एवज में 5 लाख रुपये कमीशन लेने के बावजूद काम नहीं करने का आरोप लगाया है।

    मरांडी ने कहा, “यह बेहद गंभीर और खतरनाक स्थिति है। एक विधायक अपनी ही सरकार के मंत्री पर कमीशनखोरी का आरोप लगा रही हैं। मैं मांग करता हूं कि इस पूरे संवाद की फॉरेंसिक जांच कराई जाए और यदि जरूरी हो तो CBI से जांच कराई जाए।”

    जवाब में संसदीय कार्य मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने इसे कांग्रेस पार्टी का आंतरिक मामला बताते हुए पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने कहा, यह कांग्रेस का अंदरूनी मामला है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व इसकी जांच कर रहे हैं, सदन में इस पर चर्चा उचित नहीं है।

    हालांकि विपक्ष ने हंगामा जारी रखा और स्पीकर से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप की मांगा। कुछ देर सदन में नारेबाजी के बाद कार्यवाही कुछ मिनटों के लिए स्थगित करनी पड़ी। 

    गौरतलब है कि जामताड़ा की कांग्रेस विधायक ममता देवी ने कुछ दिन पहले रांची स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित बैठक में खुलेआम स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी पर यह आरोप लगाया था कि उन्होंने नर्सिंग कॉलेज की NOC के लिए 5 लाख रुपये लेने के बाद भी फाइल आगे नहीं बढ़ाई और विधायकों के काम नहीं करते। उस बैठक का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है।

    विपक्ष इस पूरे प्रकरण को सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार का प्रमाण बता रहा है, जबकि सत्ता पक्ष इसे पार्टी का आंतरिक विवाद बताकर टालने की कोशिश कर रहा है।

    अब देखना यह है कि कांग्रेस हाईकमान इस मामले में क्या कार्रवाई करता है और ऑडियो की फॉरेंसिक जांच की मांग पर सरकार कब तक चुप्पी साधे रहती है।

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    विधानसभा में मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने भी केंद्र पर असहयोग का आरोप लगाया। कहा- कोयला मंत्री ने आश्वासन देकर नहीं भेजा अफसरों को। मंत्री नहीं देते मुलाकात का समय, छह माह से समय मांग रहे, अब तो मिलने के लिए धरना देना पड़ेगा।