आज मेरी तो कल तेरी... भाजपा नेताओं पर भड़के झामुमो विधायक, बता दी झारखंड में सरकार गिरने की बड़ी वजह
झारखंड विधानसभा का दो दिवसीय सत्र कल समाप्त हो गया। इस दौरान सदन में खूब हंगामा मचा। तमाम मुद्दों को लेकर सत्ता और विपक्ष आपस में भिड़े। राजभवन ईडी और हेमंत पार्ट टू को लेकर सदन में पक्ष और विपक्ष की ओर से बयानों के तीर चले। सदन में जय श्रीराम के नारे भी लगे। झामुमो विधायकों ने सरकार गिराने के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे व अंतिम दिन राजभवन, ईडी और हेमंत पार्ट टू को लेकर सदन में पक्ष और विपक्ष की ओर से बयानों के तीर चले। इस दौरान हंगामा होता रहा। रोकटोक से लेकर एक-दूसरे पर अंगुलियां तक उठीं। एक बार तो भाजपा के विधायक सत्ता पक्ष के एक वक्तव्य के विरोध में आसन के पास पहुंच गए और नारेबाजी की।
सरकार गिराने में केंद्र सरकार जिम्मेदार: स्टीफन
पहले दिन सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद-विवाद में पढ़े गए अभिभाषण से इतर अन्य मुद्दे ही उठते रहे। इस क्रम में दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप लगते रहे। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष ने हेमंत सोरेन सरकार गिरने के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। यहां तक कहा गया कि इसमें राजभवन भी सक्रिय रहा। ईडी के दुरुपयोग के भी आरोप लगे।
अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश करते हुए झामुमो विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार के पास बहुमत का अभाव नहीं था। दिशोम गुरु शिबू सोरेन और उनके परिवार के प्रति द्वेष की भावना से सरकार गिराई गई। न तो गठबंधन में टूट था और न ही कानून व्यवस्था का संकट।
हेमंत को जेल भेजकर केंद्र सरकार ने ईडी का दुरुपयोग किया। लेकिन, भाजपा भूल जाती है कि आज मेरी तो कल उनकी भी बारी होगी। हेमंत की गिरफ्तारी राजभवन में हुई। इससे पता चलता है कि सरकार गिराने में राजभवन की भूमिका थी।
घोटाले की सरकार न बनें पार्ट-2: भाजपा
स्टीफन ने कहा कि ईडी के कहने पर न्यायपालिका और कार्यपालिका को निर्देश दिए जा रहे हैं। सत्ता पक्ष के कई अन्य विधायकों ने भी इसी तरह के आरोप लगाए। वहीं, विपक्ष ने कहा कि चंपई सोरेन की अगुवाई वाली पार्ट-टू सरकार पार्ट वन की तरह घोटालों की सरकार न बने।
भानु प्रताप ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पार्ट वन को ही आगे बढ़ाने की बात कही है। क्या वे कोयला लूट, बालू लूट, जमीन लूट को और शराब घोटाला को बढ़ाएंगे। आरोप-प्रत्यारोप के बीच भानु और पूर्व मंत्री हफीजुल अंसारी ने एक-दूसरे पर अंगुली भी उठाई। भानु ने कहा कि वे डरने वाले नहीं हैं। छाती ठोककर बोलेंगे।
राजभवन के समर्थन में आए सरयू राय व विनोद सिंह
सरयू राय ने कहा कि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी में राजभवन कहीं से संलिप्त नहीं है। उन्होंने कई दस्तावेज का हवाला देते हुए कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री ने अपने हाथ से लिखा है कि पांच बजे ईडी ने उन्हें गिरफ्तार करने की सूचना दी। ईडी के मना करने पर भी वे राजभवन गए और वहां स्वेच्छा से अपना इस्तीफा राज्यपाल को दिया। ईडी के अधिकारी उनके पीछे-पीछे गए।
वहीं, माले विधायक विनोद कुमार सिंह ने कहा कि राजभवन पर सवाल उठना लाजिमी है। कहा, उनके सारे लोग गवाह हैं कि राजभवन में हेमंत को गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने कहा कि यह असमंजस की स्थिति है कि राज्यपाल ने जिन वक्तव्यों को सदन में पढ़ा, उसपर ही अड़ंगा लगाने का काम कर रहे हैं। खतियान आधारित स्थानीय नीति, ओबीसी आरक्षण से संबंधित विधेयक पर उन्होंने ऐसा ही किया।
पहले अभिभाषण पर हंगामा, अब दे रहे धन्यवाद प्रस्ताव
भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान मुख्यमंत्री और मंत्रियों को छोड़कर सत्ता पक्ष के सभी विधायक खड़े होकर नारेबाजी करते हुए विरोध कर रहे थे। अब सत्ता पक्ष के विधायक उनके अभिभाषण पर ही धन्यवाद प्रस्ताव ला रहे हैं। यह क्या हो रहा है।
सदन में गूंजे जय श्रीराम के नारे
झारखंड विधानसभा में मंगलवार को जय श्रीराम के नारे भी गूंजे। दरअसल, राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि झारखंड में चंपई सोरेन की पार्ट टू सरकार हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी और इस्तीफे के कारण नहीं बनी, बल्कि 22 जनवरी को रामलला के आने के कारण बनी। प्रभु श्रीराम की कृपा से झारखंड आंदोलनकारी चम्पाई सोरेन सीएम बने।
भानु ने यह भी कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आंदोलनकारी नहीं थे, बल्कि वह आंदोलनकारी शिबू सोरेन के बेटे थे। भानु की इस बात पर जहां भाजपा विधायकों ने सदन में जय श्रीराम के नारे लगाए, सत्ता पक्ष के विधायक हंगामा करने लगे। इस बीच भानु और कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी आपस में भिड़ गए। भानु ने इरफान से कहा कि वह ज्यादा रंगदार बनने की कोशिश न करें।
भानु ने आगे कहा, हेमंत सोरेन ने भाजपा पर आदिवासी सीएम को बर्दाश्त नहीं करने का आरोप लगाया है, जबकि झारखंड में भाजपा ने पांच-पांच बार आदिवासी को सीएम बनाया। यहां तक कि हेमंत को भी उप मुख्यमंत्री बनाया।
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