Jharkhand Monsoon Session: हंगामेदार होगी विधानसभा की कार्यवाही, विभिन्न मुद्दों पर एक-दूसरे को घेरेंगे पक्ष-विपक्ष
झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र हंगामेदार रहने की संभावना है जिसमें एसआईआर अतिवृष्टि और अनुपूरक बजट जैसे मुद्दे उठेंगे। विपक्ष सूर्या हांसदा एनकाउंटर पर सरकार को घेरेगा जबकि सत्ता पक्ष एसआईआर का विरोध करेगा। 28 अगस्त को शिबू सोरेन को भारत रत्न देने का प्रस्ताव पेश किया जाएगा। 26 अगस्त को अतिवृष्टि से हुए नुकसान पर चर्चा होगी।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र अपने दूसरे दिन सोमवार, 25 अगस्त को और गर्माने वाला है। सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष के बीच तीखी तकरार तय है।
सत्र 22 अगस्त से शुरू हुआ और 28 अगस्त तक चलेगा। यह कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित है, जिसमें विशेष जांच रिपोर्ट (एसआईआर), अतिवृष्टि, सूर्या हांसदा एनकाउंटर और अनुपूरक बजट जैसे विषय शामिल हैं।
इसके अलावा दिशोम गुरु शिबू सोरेन को भारत रत्न देने का प्रस्ताव भी सत्र का एक प्रमुख आकर्षण होगा।
22 अगस्त को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 4296.62 करोड़ रुपये का पहला अनुपूरक बजट पेश किया गया। इस बजट के माध्यम से सरकार विकास योजनाओं और आपदा राहत जैसे क्षेत्रों में अतिरिक्त व्यय की मांग कर रही है।
हालांकि, विपक्ष ने इस बजट के साथ-साथ कई अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। खास तौर पर, सूर्या हांसदा एनकाउंटर का मामला विपक्ष के लिए एक बड़ा हथियार है। भारतीय जनता पार्टी और अन्य विपक्षी दल इस एनकाउंटर को संदिग्ध बताते हुए सरकार से जवाब मांग रहे हैं।
गोड्डा में हुए इस एनकाउंटर को लेकर विपक्ष का कहना है कि यह संथाल परगना में उठने वाली आवाज को दबाने की कोशिश का हिस्सा है। वहीं, सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और उसके गठबंधन सहयोगी विशेष जांच रिपोर्ट (एसआईआर) के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाएंगे।
इसको लेकर सत्तापक्ष ने विपक्ष के सवालों का जवाब देने और एसआईआर के विरोध की रणनीति तैयार की है। सत्तापक्ष इस मुद्दे पर विपक्ष को जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है और इसे राजनीतिक साजिश के रूप में पेश करेगा।
28 अगस्त को दिशोम गुरु को भारत रत्न देने का प्रस्ताव होगा पारित
सत्र का एक और महत्वपूर्ण पहलू 28 अगस्त को दिवंगत दिशोम गुरु शिबू सोरेन को भारत रत्न देने का प्रस्ताव है। झामुमो ने इस प्रस्ताव को ऐतिहासिक बताते हुए कहा है कि शिबू सोरेन ने झारखंड आंदोलन को नई दिशा दी और आदिवासी समाज के लिए शिक्षा, सामाजिक चेतना और आत्मनिर्भरता की लड़ाई लड़ी।
इस प्रस्ताव को लेकर सभी दलों में सर्वसम्मति की उम्मीद है, जिससे यह सत्र राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। 26 अगस्त को सदन में अतिवृष्टि से हुए नुकसान और किसानों की समस्याओं पर विशेष चर्चा होगी।
राज्य में भारी बारिश के कारण फसलों को भारी नुकसान हुआ है और सरकार इस पर राहत योजनाओं की घोषणा कर सकती है।
संसदीय कार्य मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि सत्ता पक्ष विपक्ष के सभी सवालों का जवाब देने के लिए तैयार है। विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो ने भी सत्र के सकारात्मक संचालन का भरोसा दिलाया है।
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