झारखंड विधानसभा से पास हुआ था विधेयक, एक साल बाद भी नहीं गठित हो सकी नियमावली
झारखंड विधानसभा में विधेयक पारित होने के एक साल बाद भी नियमावली का गठन नहीं हो पाया है। नियमावली के अभाव में विधानसभा के कई महत्वपूर्ण कार्य बाधित हो रहे हैं, जिससे विकास कार्यों पर असर पड़ रहा है। इस देरी के कारण संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही पर सवाल उठ रहे हैं।

विधेयक पारित, नियमावली का गठन एक साल बाद भी नहीं। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड विधानसभा से 2024 के मानसून सत्र में पारित झारखंड अग्निशमन सेवा विधेयक-2024 को एक साल बाद भी अमली जामा नहीं पहनाया जा सका।
यह विधेयक कैसे लागू होगा, इसकी रूपरेखा क्या होगी, कितने अधिकारियों-कर्मियों की आवश्यकता होगी, यह किस नियमावली के तहत धरातल पर उतरेगा, वह नियमावली अब तक गठित नहीं हो सकी।
गृह रक्षा वाहिनी सह अग्निशमन विभाग से नियमावली का प्रारूप गृह विभाग को भेजा गया, उसकी समीक्षा भी हुई। दूसरे राज्यों खासकर बिहार फायर सर्विस एक्ट को लागू कराने संबंधित नियमावली का भी अध्ययन किया गया है।
यह विधेयक पंचायत स्तर तक बेहतर तरीके से क्रियान्वित हो, इसकी रूपरेखा अब तक फाइनल नहीं हो सकी। मामला गृह विभाग में लंबित है। नियमावली नहीं बनने से अग्निशमन विभाग को कार्रवाई की शक्तियां नहीं मिल पा रही है।
नई व्यवस्था लागू हुई तो निजी बड़े परिसर में भी रखने होंगे अग्निशमन सुरक्षा पदाधिकारी
नियमावली गठित होने के बाद नई व्यवस्था लागू होते ही सभी बड़े निजी परिसर में अग्निशमन सुरक्षा पदाधिकारी रखना अनिवार्य हो जाएगा। ऐसे पदाधिकारियों को अग्निशमन विभाग प्रशिक्षण भी दिलाएगा।
50 मीटर ऊंची बहुमंजिली गैर आवासीय इमारतें, 100 से अधिक लोगों के बैठने की क्षमता वाले सिनेमाघर या 10 हजार वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल में बने वाणिज्यिक कांप्लेक्स में अग्निशमन सुरक्षा पदाधिकारी रखना अनिवार्य है।
एक से अधिक सिनेमा को प्रदर्शित करने वाले भवन चाहे उसमें व्यवसायिक कांप्लेक्स हो या नहीं, 50 और उससे अधिक कमरेवाले होटल या लाज, भूमिगत मार्केटिंग कांप्लेक्स, जिला केंद्र, उप केंद्रीय व्यावसायिक जिले, जिसमें दस हजार वर्ग मीटर या उससे अधिक क्षेत्रफल का तहखाना हो, वहां भी उनका अपना अग्निशमन सुरक्षा पदाधिकारी होगा।
वृहद तेल और प्राकृतिक गैस प्रतिष्ठापन जैसे तेल शोधक कारखाने, एलपीजी भरने के संयत्र ओर इसी की तरह की अन्य सुविधाएं, 20 हजार से अधिक लोगों के बैठने की क्षमता वाला खुला स्टेडियम और पांच हजार से अधिक लोगों के बैठने की क्षमता वाला इनडोर स्टेडियम, 100 से अधिक शय्यावाले अस्पताल व नर्सिंग होम, सार्वजनिक या अर्द्धसरकारी भवन जैसे बड़े व छोटे रेलवे स्टेशन, अंतरराज्यीय बस टर्मिनल, हवाई अड्डे, मनोरंजन पार्क व इस तरह के अन्य जगहों पर भी निजी अग्निशमन सुरक्षा अधिकारी होंगे।
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