Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jharkhand विधानसभा नियुक्ति घोटाले की जांच में सीबीआइ की याचिका पर 18 को सुनवाई,विधानसभा में नियुक्तियों के दौरान भ्रष्टाचार का मामला

    By Manoj Singh Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Sat, 08 Nov 2025 01:37 PM (IST)

    झारखंड विधानसभा नियुक्ति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई की याचिका पर अदालत 18 तारीख को सुनवाई करेगी। यह मामला विधानसभा में नियुक्तियों के दौरान हुई अनियमितताओं से संबंधित है, जिसकी जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है। अदालत इस मामले में सीबीआई की याचिका पर विचार करेगी और आगे की कार्रवाई पर निर्णय लेगी।

    Hero Image

    झारखंड विधानसभा नियुक्ति घोटाले की सीबीआइ जांच पर रोक हटाने की मांग वाली याचिका पर अगली सुनवाई 18 नवंबर को होगी।

    राज्य ब्यूरो,रांची।  सुप्रीम कोर्ट में झारखंड विधानसभा नियुक्ति घोटाले की सीबीआइ जांच पर रोक हटाने की मांग वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई।

    सुनवाई के दौरान अदालत से समय दिए जाने की मांग की गई, जिसे स्वीकार करते हुए अदालत ने मामले में अगली सुनवाई 18 नवंबर को निर्धारित की है।

    सीबीआइ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर जांच पर लगी रोक हटाने का अनुरोध किया है। चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ इस मामले में सुनवाई कर रही है।

    झारखंड हाई कोर्ट ने विधानसभा नियुक्ति घोटाले की सीबीआइ जांच करने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ विधानसभा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।

    जिस पर सुनवाई करते हुए 14 नवंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। सीबीआइ ने सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर झारखंड हाई कोर्ट के विधानसभा नियुक्ति घोटाले की सीबीआइ जांच के आदेश पर लगी रोक को हटाने का अनुरोध किया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सीबीआइ की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि विधानसभा में नियुक्तियों के दौरान भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के आरोप लगाए गए थे।

    हाई कोर्ट ने विधानसभा नियुक्ति घोटाले से जुड़ी दोनों न्यायिक आयोगों की रिपोर्ट और राज्यपाल द्वारा दिए गए निर्देश को ध्यान में रखते हुए सीबीआइ जांच का आदेश दिया था।

    सीबीआइ ने कहा है कि वह प्रारंभिक जांच कर रही थी। इसमें पहले सिर्फ इस बात की जांच की जाती है कि नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के लगाए गए आरोप सही हैं या नहीं। लेकिन इस बीच जांच पर रोक लगा दी गई, जिसे हटाया जाना चाहिए।