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    झारखंड में महागठबंधन के बीच तालमेल की कवायद: समन्वय समिति का नए सिरे से होगा गठन, मिलेंगी सरकारी सुविधाएं

    Updated: Mon, 22 Dec 2025 08:17 AM (IST)

    झारखंड में महागठबंधन के दलों के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने के लिए एक नई कोऑर्डिनेशन कमेटी का गठन किया जाएगा। इस कमेटी का उद्देश्य सरकार और गठबंधन क ...और पढ़ें

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    महागठबंधन के नेता। फाइल फोटो

    प्रदीप सिंह, रांची। झारखंड की गठबंधन सरकार के लिए नीतिगत मार्गदर्शन और दलों के बीच समन्वय स्थापित करने वाली राज्य समन्वय समिति का पुनर्गठन नए सिरे से होगा। दिशोम गुरु एवं झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक संरक्षक शिबू सोरेन के निधन के बाद से राज्य समन्वय समिति के अध्यक्ष का पद रिक्त है।

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    इसके अलावा समिति के अन्य सदस्यों का कार्यकाल भी समाप्त हो चुका है, जिसके कारण अब नई समिति के गठन की प्रक्रिया दोबारा शुरू करना अनिवार्य हो गया है। राज्य समन्वय समिति का गठन गठबंधन सरकार की स्थिरता, आपसी समन्वय और नीतिगत फैसलों को सुचारू रूप से लागू करने के उद्देश्य से किया जाता है।

    यह समिति सरकार और गठबंधन दलों के बीच एक सेतु की तरह कार्य करती है। दिशोम गुरु शिबू सोरेन के नेतृत्व में गठित पूर्व समिति को गठबंधन सरकार का मजबूत आधार माना जाता था। उनके मार्गदर्शन में समिति ने बैठकें की थी। राज्य समन्वय समिति में गठबंधन का नेतृत्व करने वाले झामुमो, कांग्रेस और अन्य सहयोगी दलों के वरिष्ठ नेताओं को शामिल किया गया था।

    इनमें प्रमुख रूप से झामुमो के महासचिव विनोद पांडेय और फागू बेसरा, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे राजेश ठाकुर, कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व विधायक बंधु तिर्की जैसे प्रमुख नेताओं के नाम शामिल थे। समिति सरकार की योजनाओं की निगरानी, गठबंधन दलों के बीच समन्वय और नीतिगत सुझाव देने का कार्य करती थी।

    गठबंधन सरकार में विभिन्न दलों की भागीदारी के कारण समन्वय समिति की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। गठबंधन के घटक दलों के भीतर इस बात पर सहमति बन रही है कि नई परिस्थितियों और चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए समिति का पुनर्गठन किया जाए। इससे सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी और दलों के बीच किसी भी तरह की बात को समय रहते सुलझाया जा सकेगा।

    राज्य समन्वय समिति के प्रमुख उद्देश्य

    -गठबंधन दलों के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करना
    -राज्य सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों पर निगरानी रखना
    -नीतिगत फैसलों पर सरकार को मार्गदर्शन और सुझाव देना
    -प्रशासनिक और राजनीतिक मुद्दों पर समन्वयक की भूमिका निभाना
    -गठबंधन सरकार की स्थिरता बनाए रखना

    समन्वय समिति के सदस्यों को मिलने वाली सुविधाएं

    राज्य समन्वय समिति के सदस्यों को विशेष सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं, जिनमें राज्यमंत्री का दर्जा, निर्धारित वेतन सरकारी भत्ता और अन्य सुविधाएं शामिल हैं। इसी कारण समिति का गठन केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि प्रशासनिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।

    पुनर्गठन में विभिन्न दलों से वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को सदस्य के रूप में शामिल किया जाने की संभावना है।
    समिति की भूमिका और कार्यक्षेत्र को वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार और अधिक स्पष्ट किया जाएगा।