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    झारखंड में 2025 तक टीबी मरीजों की संख्या में 80 व मौत में 90 प्रतिशत कमी लाने का लक्ष्य

    By M EkhlaqueEdited By:
    Updated: Fri, 17 Dec 2021 05:00 AM (IST)

    टीबी के इलाज में होनेवाले खर्च को शून्य स्तर पर लाएगी सरकार। अपर मुख्य सचिव ने लक्ष्य पाने के लिए उपायुक्तों को सौंपे टाइमलाइन के साथ टास्क। रांची व धनबाद में जनवरी तक चालू होगी कल्चर एंड डीएसटी लैब। जनवरी तक सभी रिक्त पदों को भरने का आदेश।

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    झारखंड सरकार टीबी रोकने की कवायद में जुट गई है।

    रांची, राज्य ब्यूरो। केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 तक टीबी मरीजों की संख्या में 80 प्रतिशत कमी लाने का लक्ष्य रखा है। इसी तरह, टीबी से होनेवाली मौत में 90 प्रतिशत की कमी लाना है। हालांकि सस्टनेबल डवलपमेंट गोल में वर्ष 2030 तक इसे प्राप्त करना है, लेकिन केंद्र सरकार ने पांच साल पहले ही इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा है।

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    इलाज खर्च लाना है शून्य स्तर पर

    इस लक्ष्य को समय पर प्राप्त करने में राज्य सरकार भी जुट गई है। टीबी के कारण मरीजों द्वारा जांच एवं इलाज में किए जानेवाले खर्च को शून्य स्तर पर लाना है। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंंह ने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी उपायुक्तों को टाइमलाइन के साथ टास्क सौंपते हुए टीबी मरीजों की पहचान के लिए अभियान चलाने तथा कार्ययोजना बनाकर टीबी उन्मूलन की दिशा में काम करने को कहा है।

    खाली पदों को भरने की कवायद भी शुरू

    अपर मुख्य सचिव ने गैप एनालिसिस करते हुए सभी कमियों को दूर करने तथा जिला स्तर पर राष्ट्रीय पुनरीक्षित यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत सभी स्वीकृत पदों के विरुद्ध नियुक्ति की प्रक्रिया जनवरी 2022 तक पूरा करने को कहा है। वर्ष 2021-2025 तक टीबी मुक्त जिला एवं टीबी मुक्त प्रखंड बनाने हेतु स्थानीय स्तर पर टास्क फोर्स गठित करने तथा जिला व प्रखंड स्तर पर कार्य योजना बनाने एवं उसपर अमल करने की प्रक्रिया पूरी करने को कहा है।

    राज्य एवं जिला स्तर पर टीबी की होगी मासिक समीक्षा

    31 दिसंबर 2021 तक दोनों स्तर की कम से कम एक बैठक अनिवार्य रूप से करने को कहा है। उन्होंने राज्य एवं जिला स्तर पर टीबी के इंडीकेटरों के अनुसार मासिक समीक्षा करने, जिला यक्ष्मा पदाधिकारियों के नियमित रूप से क्षेत्र भ्रमण करने, राज्य स्तरीय मासिक समीक्षा में एक्शन टेकेन रिपोर्ट प्रस्तुत करने, टीबी जांच का लक्ष्य (15000 टेस्ट प्रति लाख आबादी पर) प्राप्त करने को कहा है। साथ ही रांची के रिम्स में कल्चर एंड डीएसटी लैब की स्थापना शीघ्र करने तथा धनबाद के पीएमसीएच में इसे शीघ्र चालू करने को कहा है।

    लक्ष्य को पाने के लिए ये भी निर्देश

    • सभी जांच केंद्रों का सु²ढ़ीकरण हो।
    • सभी अस्पतालों के बाह्य विभाग में आनेवाले सभी संभावित मरीजों जिन्हें दो सप्ताह से अधिक समय से लक्षण हो की टीबी जांच की जाए।
    • ग्राम पंचायत स्तर पर साप्ताहिक निक्षय दिवस के तहत सघन टीबी खोज अभियान चलाया जाए।
    • प्रत्येक महीने कम से कम एक बार आंगनबाड़ी सेवक/सहिया/ टीबी चैंपियन द्वारा प्रत्येक घर से टीबी लक्षण वाले मरीजों की पहचान कर उनकी जांच कराई जाए।
    • कोविड जांच हेतु आनेवाले सभी संभावित मरीजों का फैलकान ट््यूब में बलगम संग्रह कर जांच कराई जाए। यदि कोविड निगेटिव हो तो ट्रूनेट या सीबीनैट द्वारा टीबी की जांच हो।
    • यदि जिले में एक्सरे की समुचित सुविधा न हो तो जिला व प्रखंड स्तर पर उपलब्ध निजी एक्सरे केंद्रों के साथ एमओयू कर सभी संभावित मरीजों की जांच कराई जाए।