झारखंड कृषि मंत्री बादल ने दिल्ली केंद्रीय कल्याण सचिव से की मुलाकात, सूखा राहत राशि जारी करने का किया आग्रह
झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार से सूखा राहत मद में 9682 करोड़ रुपए जारी करने का आग्रह किया है। कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल ने शुक्रवार को इसे ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार से सूखा राहत मद में 9682 करोड़ रुपए जारी करने का आग्रह किया है। कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल ने शुक्रवार को इसे लेकर विभागीय सचिव अबु बकर सिद्दीकी के साथ नई दिल्ली में कृषि एवं कल्याण सचिव मनोज आहूजा से मुलाकात की।
क्या है राज्य सरकार का अनुरोध
इस दौरान कृषि मंत्री ने भारत सरकार के कृषि सचिव से कहा कि वर्ष 2022 खरीफ मौसम में कम वर्षा एवं अल्प फसल आच्छादन के कारण राज्य के 22 जिलों के 226 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया था।
इसके लिए राज्य सरकार ने गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के माध्यम से 9682.69 करोड़ रुपए की सहायता राशि उपलब्ध कराने का अनुरोध केंद्र सरकार से किया है।
किसानों को मिलेगी बड़ी राहत
कृषि मंत्री ने आग्रह किया कि इसे लेकर आपदा विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए यह राशि राज्य के किसानों को दी जाए तो सूखे का दंश झेल रहे किसानों के लिए बड़ी राहत होगी।
कृषि मंत्री ने भारत सरकार के सचिव से कहा कि राज्य सरकार ने अपनी तरफ से प्रति पंजीकृत किसान 3500 रुपए दिए हैं। भारत सरकार के सचिव ने कहा कि इसे लेकर आपदा विभाग के सचिव से वे खुद बात करेंगे।
इन बिंदुओं पर की विस्तारपूर्वक चर्चा
कृषि मंत्री ने राज्य में मिट्टी टेस्टिंग लैब की स्थापना के लिये रिवाल्विंग फंड एवं प्रोत्साहन बढ़ोतरी सहित सभी बिंदुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की है। फसल बीमा योजना से जुड़ी तकनीकी पहलू को लेकर भी उन्होंने सकारात्मक जवाब दिया है। इस पर केंद्रीय कृषि सचिव ने तुरंत अपने विभागीय पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि झारखंड से इस बार हनी मिशन को लेकर प्रोजेक्ट आए तो जल्द से जल्द मंजूरी देकर राशि निर्गत की जाए।
उन्होंने कहा कि मिट्टी जांच के लिए 500 हाई स्कूलों को चिह्नित करें। भारत सरकार टेस्टिंग लैब की व्यवस्था कराएगी। छात्रों को प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे वे अपनी तथा दूसरे किसानों की जमीन की मिट्टी लाकर लैब में जांच कर किसानों को बता सकेंगे कि उस जगह की मिट्टी कैसी है और वहां कौन से अनाज उपजाए जा सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि यह एक अच्छा प्रयोग होगा और इसके लिए प्रोजेक्ट तैयार कर भेजें। भारत सरकार ने सीड ट्रेकिंग के लिए पोर्टल की व्यवस्था की है, इसे झारखंड में भी जल्द लागू किया जाए, जिससे बाजार में सही बीज का वितरण किया जा सके। इस दौरान कृषि विभाग की संयुक्त सचिव एस रुक्मणि एवं राज्य के कृषि निदेशक चंदन कुमार भी मौजूद थे।
मोबाईल-वेटनरी एंबुलेंस के लिए दें केंद्रांश
कृषि मंत्री ने पशुपालन एवं डेयरी विभाग के सचिव के साथ बैठक में राज्य में 236 मोबाइल वेटनरी एंबुलेंस के संचालन के लिए जल्द केंद्रांश जारी करने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि बंद पड़ी बेकन फैक्ट्री के जीर्णोद्धार के लिए परामर्श एवं डीपीआर बनाने में भी केंद्र सरकार मदद करे। भारत सरकार की पशुपालन एवं डेयरी विभाग की सचिव श्रीमती अलका उपाध्याय ने इसे लेकर पहल करने का आश्वासन दिया।
मंत्री ने राष्ट्रीय पशुधन विकास योजना में भी भारत सरकार से केंद्रांश निर्गत करने का अनुरोध किया। विभागीय सचिव अबु बकर सिद्दीकी ने राज्य में एक स्टेट माडल पशु चिकित्सालय बनाने का अनुरोध किया । उन्होंने कहा कि क्रेडिट गारंटी स्कीम में नाबार्ड के माध्यम से युवाओं को लोन मिल सकेगा, जो उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने में सहायक होगा।

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