Jharkhand: हाईकोर्ट के वारंट से स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप, रात 9 बजे हाजिर हुए स्वास्थ्य सचिव; फिर...
झारखंड हाईकोर्ट में अवमानना के एक मामले में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान स्वास्थ्य सचिव के हाजिर नहीं हुए। इसके बाद कोर्ट ने वारंट जारी किया। वारंट जारी हुआ तो स्वास्थ्य सचिव रात नौ बजे हाईकोर्ट में हाजिर हुए इसके बाद रात नौ बजे कोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें मुख्य सचिव की ओर से बताया गया कि पेंशन संबंधी मामले में कोर्ट के आदेश का पालन कर दिया गया है।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की पीठ ने अवमानना के एक मामले में शुक्रवार को सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य सचिव) अजय कुमार सिंह के विरुद्ध जमानती वारंट जारी किया। साथ ही वारंट का निष्पादन करने के लिए डीजीपी को शाम चार बजे अदालत में पेश होने का आदेश दिया।
रात साढ़े आठ बजे पहुंचे रांची
मामले में जब शाम चार बजे सुनवाई शुरू हुई तो डीजीपी अनुराग गुप्ता ने ऑनलाइन जुड़कर कोर्ट को बताया कि अपर मुख्य सचिव रांची में नहीं हैं।
वह राज्य से बाहर हैं और रात साढ़े आठ बजे विमान से रांची पहुंचेंगे। इस पर अदालत ने शुक्रवार को ही रात नौ बजे उन्हें कोर्ट में पेश करने का निर्देश डीजीपी को दिया।
एयरपोर्ट से सीधे कोर्ट पहुंचे स्वास्थ्य सचिव
इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हलचल मच गई। रांची में विमान से उतरने के बाद अपर मुख्य सचिव सीधे हाईकोर्ट पहुंचे, इसके बाद रात नौ बजे कोर्ट में सुनवाई हुई।
अपर मुख्य सचिव की ओर से बताया गया कि पेंशन संबंधी मामले में कोर्ट के आदेश का पालन कर दिया गया है। इसके बाद कोर्ट ने मामला निष्पादित कर दिया।
डॉ. दीनानाथ पांडेय की पेंशन से जुड़े मामले में सुनवाई
दरअसल, डॉ. दीनानाथ पांडेय ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की है। विभाग की ओर से उनकी पेंशन की 20 प्रतिशत राशि काट ली गई है। राशि का भुगतान करने का आदेश हाईकोर्ट ने दिया था, लेकिन उसका पालन नहीं किया गया।
हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किए जाने पर 31 जनवरी को अदालत ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को सात फरवरी को कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया था।
HC ने कहा- अदालत के आदेश का उल्लंघन
- शुक्रवार को सरकार की ओर से कोर्ट में बताया गया कि अपर मुख्य सचिव पांच से सात फरवरी तक अवकाश पर हैं। इसके लिए उन्होंने 31 जनवरी को आवेदन दिया था।
- सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अपर मुख्य सचिव ने कोर्ट के आदेश से अवगत होने के बाद सात फरवरी तक अवकाश लिया।
- उन्होंने अवकाश लेने का कारण नहीं बताया है और इसका भी उल्लेख नहीं किया है कि वह रांची में रहेंगे या रांची से बाहर जा रहे हैं।
- अदालत ने कहा कि यह मामला उनके विरुद्ध अवमानना का आरोप तय करने के लिए सूचीबद्ध है। सचिव ने ऑनलाइन हाजिर होने की भी बात आवेदन में नहीं बताई है।
- अदालत ने कहा कि अपर मुख्य सचिव की यह कार्रवाई अदालत के आदेश का घोर उल्लंघन है।
प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत हो रहा है कि अपर मुख्य सचिव कोर्ट के आदेश से खिलवाड़ कर रहे हैं, उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। कोर्ट का आदेश सर्वोच्च होता है और किसी को भी इस तरीके से खिलवाड़ की अनुमति नहीं दी जा सकती।
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