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    Jharkhand ACB ने अनवर ढेबर से पूछा, IAS विनय चौबे ने अपने किन चहेतों को किया उपकृत

    By Pradeep Singh Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Thu, 18 Dec 2025 11:54 PM (IST)

    झारखंड एसीबी ने शराब घोटाला मामले में अनवर ढेबर से पूछताछ की, जो छत्तीसगढ़ शराब घोटाला का मुख्य आरोपी है। एसीबी ने ढेबर से नई उत्पाद नीति और विनय चौबे ...और पढ़ें

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    - एसीबी ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के मुख्य आरोपी व झारखंड में हुए शराब घोटाले के सूत्रधार कारोबारी अनवर ढेबर से रायपुर जेल में की पूछताछ।

    राज्य ब्यूरो, रांची : झारखंड में शराब घोटाला मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत जांच कर रही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ के कारोबारी अनवर ढेबर से रायपुर जेल में पूछताछ की। अनवर ढेबर छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाला का मुख्य आरोपी के साथ झारखंड में भी हुए शराब घोटाले का सूत्रधार है।

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    उसे ईडी ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाला में गिरफ्तार किया था, वह वर्तमान में रायपुर जेल में बंद है। एसीबी ने उससे पूछताछ के लिए कोर्ट से अनुमति ली थी। कोर्ट ने उससे जेल में पूछताछ के लिए दो दिनों की अनुमति दी है। शुक्रवार को भी एसीबी की टीम उससे जेल में पूछताछ करेगी।

    गुरुवार को ढेबर से एसीबी की टीम ने वर्ष 2022 में झारखंड में लाई गई नई उत्पाद नीति के संबंध में पूछताछ की। पूछा गया कि छत्तीसगढ़ मॉडल पर लाई गई नई उत्पाद नीति में विनय चौबे ने किन-किन लोगो को उपकृत किया। 

    चौबे ने चहेते को मैनपॉवर सप्लाई, होलोग्राम सप्लाई का दिया था काम

    विनय चौबे के कार्यकाल में ही मई 2022 में छत्तीसगढ़ मॉडल पर नई उत्पाद नीति लाई गई थी। इसके लिए छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कारपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एपी त्रिपाठी को सलाहकार नियुक्त किया गया था। विनय कुमार चौबे को त्रिपाठी व उसके सिंडिकेट ने पूरा सहयोग किया था। कारोबारी अनवर ढेबर अरुण पति त्रिपाठी का काफी करीबी है।

    छत्तीसगढ़ के इस सिंडिकेट ने मिलकर झारखंड में शराब घोटाला में विनय चौबे को पूरा सहयोग किया। चौबे ने अपने चहेतों को मैन पॉवर सप्लाई व होलोग्राम सप्लाई का काम भी दिया। झारखंड में 52 करोड़ नकली होलोग्राम सप्लाई किए गए। एसीबी ने उससे रायपुर जेल में जाकर अनवर ढेबर से पूछताछ की।

    उससे एसीबी ने जाना कि विनय चौबे ने किसे फायदा पहुंचाया? एसीबी का मानना है कि झारखंड में शराब घोटाला महज 38 करोड़ रुपए का ही नहीं, बल्कि 200 करोड़ रुपए से भी ज्यादा का यह घोटाला है।