Jharkhand News: 1.64 लाख अबुआ आवास पूरे, लगातार जारी की जा रही आवास निर्माण की राशि
मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि राज्य में अब तक 6.30 लाख अबुआ आवास स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 1.64 लाख का निर्माण पूरा हो चुका है। लाभुकों को क ...और पढ़ें

राज्य में अबुआ आवास योजना के तहत वर्ष 2023-24 और 2024-25 में कुल 6.30 लाख आवास स्वीकृत किए गए हैं।
राज्य ब्यूरो, रांची। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने अबुआ आवास से जुड़े सवाल पर सदन को जानकारी दी कि राज्य में अबुआ आवास के लिए लगातार किस्तें जारी की जा रही है। राज्य में अबुआ आवास योजना के तहत वर्ष 2023-24 और 2024-25 में कुल 6.30 लाख आवास स्वीकृत किए गए हैं।
इनमें चार लाख 92 हजार 464 लाभुकों को पहली किस्त, चार लाख 14 हजार 467 को दूसरी किस्त, दो लाख 46 हजार 358 लाभुकों को तीसरी किस्त का भुगतान किया जा चुका है। अब तक एक लाख 64 हजार 154 आवास का निर्माण पूरा किया जा चुका है। मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने यह भी बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में अबुआ आवास के लिए तीन हजार करोड़ रुपये का बजटीय प्रविधान किया गया है।
इसमें से 1200 करोड़ रुपये जिलों को आवंटित किए जा चुके हैं, ताकि योजना का क्रियान्वयन चलता रहे। इस वर्तमान वित्तीय वर्ष में एक लाख 80 हजार 919 लाभुकों को दूसरी किस्त, एक लाख 27 हजार 390 लाभुकों को तीसरी किस्त व 36 हजार 998 लाभुकों को चाैथी किस्त दी गई है।
अबुआ आवास की दूसरी किस्त नहीं मिलने का मामला बाघमारा से भाजपा के विधायक शत्रुघ्न महतो ने अल्पसूचित प्रश्न के रूप में उठाया। उन्होंने सदन को बताया कि लाभुक परिवार अपनी झुग्गी-झोपड़ी तोड़कर अबुआ आवास का निर्माण प्रारंभ कर दिए, लेकिन अगली किस्त का भुगतान नहीं होने से निर्माण अधूरा है और लाभुक परिवार सड़क पर रहने को विवश हैं।
मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने बताया कि वर्ष 2022 से 2024 के बीच केंद्र सरकार ने झारखंड को पीएम आवास का कोई लक्ष्य नहीं दिया था। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार ने अपनी निधि से अबुआ आवास जैसी योजना शुरू की। राज्य सरकार के लगातार प्रयास के बाद 2024-25 में केंद्र ने झारखंड को पीएम आवास के तहत 4 लाख 19 हजार आवास का लक्ष्य दिया।
इसके विरुद्ध अब तक 3 लाख 45 हजार 688 आवास स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी से यह अपील की कि वे केंद्र सरकार से प्रधानमंत्री आवास की राशि को बढ़ाकर प्रति यूनिट दो लाख रुपये करने की पहल करें। राज्य सरकार इस मांग से लगातार केंद्र को अवगत करा रही है। अगर केंद्र प्रति यूनिट दो लाख रुपये दे तो राज्य सरकार बेहतर आवास दे पाएगी।
केंद्रांश लंबित रहने से पेयजलापूर्ति योजनाएं पूरी करने में आ रही बाधा
मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने सदन में बताया कि पेयजलापूर्ति योजनाएं पूरी करने में केंद्रांश का लंबित रहना बाधा बन रहा है। राज्य में इससे संबंधित 97535 योजनाएं संचालित हैं, जिनमें 56346 योजनाएं पूरी हो चुकी हैं और शेष निर्माणाधीन हैं। इन योजनाओं के 50 प्रतिशत राशि केंद्र व 50 प्रतिशत राशि राज्य देती है।
केंद्र से 6500 करोड़ रुपये लेना है, जिसके लिए राज्य सरकार गंभीर है। मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने विधायक हेमलाल मुर्मू के अल्पसूचित प्रश्न पर उक्त जानकारी सदन को दी। विधायक हेमलाल मुर्मू ने अपने प्रश्न के माध्यम से संथाल परगना के लाभुकों को पेयजल उपलब्ध नहीं होने का मामला उठाया था।

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