Jharkhand news: वित्त रहित संस्थानों के कर्मियों के लिए खुशखबरी, इन संस्थानों को मिलेगा बकाया अनुदान
झारखंड के वित्त रहित संस्थानों के कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। राज्य सरकार ने उनके बकाया अनुदान के सात करोड़ रुपये जारी किए हैं। इस फैसले से कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी, जो लंबे समय से अपने बकाया अनुदान का इंतजार कर रहे थे। यह कदम कर्मचारियों के कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

वित्त रहित इंटर कालेजों, माध्यमिक विद्यालयों, संस्कृत विद्यालयों एवं मदरसों को बकाया अनुदान शीघ्र मिलेगा।
राज्य ब्यूरो, रांची। वित्त रहित इंटर कालेजों, माध्यमिक विद्यालयों, संस्कृत विद्यालयों एवं मदरसों को पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 का बकाया अनुदान शीघ्र मिलेगा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इन संस्थानों के 12 प्रतिशत बकाया अनुदान सात करोड़ रुपये देने के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रस्ताव पर अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। हालांकि संस्थानों को राशि का भुगतान छठ माह के बाद ही होने की संभावना है।
इधर, वित्त रहित शिक्षा संघर्ष मोर्चा ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने 21 अक्टूबर को ही प्रस्ताव पर स्वीकृति देते हुए फाइल विभाग को लौटा दिया है, लेकिन विभाग सिर्फ शुक्रवार को ही खुले रहने के कारण अनुदान की राशि संस्थानों को नहीं पहुंचती है तो छठ से पूर्व शिक्षकों एवं कर्मियों को वेतन का भुगतान नहीं हो पाएगा।
ऐसा संबंधित अवर सचिव के अवकाश पर जाने से हुआ है। मोर्चा ने विभाग से वैकल्पिक व्यवस्था कर अनुदान की राशि जारी करने की मांग की है। ताकि छठ महापर्व पर लोगों को राहत मिल सके।
फार्मेसी संस्थानों को आधार बेस्ड बायोमिट्रिक उपस्थिति लागू करने की अंतिम चेतावनी
रांची : फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया ने राज्य में संचालित मान्यता प्राप्त फार्मेसी संस्थानों में आधार बेस्ड बायोमिट्रिक उपस्थिति बनाने को लेकर अंतिम चेतावनी दी है। काउंसिल ने इसे लागू करने के लिए अंतिम समय सीमा 31 दिसंबर तय की है। इसके बाद इसका अनुपालन नहीं करनेवाले संस्थानों की मान्यता रद करने की कार्रवाई की जाएगी।
काउंसिल ने यह चेतावनी देते हुए न केवल इसे लेकर मान्यता प्राप्त फार्मेसी संस्थानों को पत्र भेजा है, बल्कि इसकी जानकारी राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग तथा झारखंड फार्मेसी काउंसिल काे भी दी है।
काउंसिल ने इसे सख्ती से लागू कराने तथा राज्य सरकार से संबद्धता प्राप्त संस्थानों को इसकी जानकारी देने का अनुरोध किया है। इसे लेकर झारखंड फार्मेसी काउंसिल से रिपोर्ट भी मांगी गई है कि अबतक कितने संस्थानों द्वारा इसका अनुपालन किया जा रहा है।
काउंसिल ने पहले भी इसे लेकर संस्थानों को चेतावनी दी है। बताते चलें कि फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया ने सभी मान्यता प्राप्त फार्मेसी संस्थानों में अध्ययनरत सभी विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षकों की आधार बेस्ड बायोमिट्रिक उपस्थिति अनिवार्य कर दी है।
इसका उद्देश्य संस्थानों में किसी तरह की फर्जीवाड़ा पर रोक लगाना है। इससे न केवल संस्थानों में निर्धारित कक्षाएं पूरी हो सकेंगी, बल्कि संस्थानों में स्वीकृत सीटों के अनुसार शिक्षकों की नियुक्ति अनिवार्य रूप से हो सकेगी।
दरअसल, कुछ संस्थान मान्यता प्राप्त करने के लिए सिर्फ कागजों पर शिक्षकों की संख्या दिखाते हैं। कई बार तो पार्ट टाइम शिक्षकों की भी सेवा ली जाती है। आधार बेस्ड बायोमिट्रिक उपस्थित सुनिश्चित होने से ऐसे फर्जीवाड़े पर राेक लग सकेगी।
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