Jharkhand News: झारखंड की जेलों से रिहा होंगे 51 कैदी, सीएम हेमंत सोरेन दी मंजूरी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक में आजीवन कारावास के 51 कैदियों को रिहा करने पर सहमति बनी। कुल 103 कैदियों के मामलों पर विचार किया गया जिसमें उनकी अपराध प्रवृत्ति और आचरण को देखा गया। मुख्यमंत्री ने रिहा होने वाले कैदियों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ने का निर्देश दिया। 2019 से अब तक 619 कैदियों को रिहा किया गया है।

राज्य ब्यूरो, रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की 35वीं बैठक में राज्य की जेलों में बंद आजीवन कारावास के 51 कैदियों को रिहा करने पर सहमति बनी है। इस बैठक में कुल 103 कैदियों से संबंधित मामलों की समीक्षा में यह निर्णय लिया गया।
इन 103 कैदियों में रिहाई से संबंधित 37 मामले नए थे, जबकि 66 कैदी वैसे थे, जिनका मामला पूर्व में भी पर्षद की बैठक में गया था, लेकिन अस्वीकृत हो गया था। प्रत्येक 103 कैदियों की एक-एक फाइल पर अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श के बाद अंतिम रूप से 51 कैदियों को छोड़ने पर सहमति बनी।
विचार-विमर्श के दौरान कैदियों के अपराध की प्रवृत्ति, न्यायालय की टिप्पणी व आदेश, संबंधित जिलों के एसपी, जेल अधीक्षक की टिप्पणी, प्रोबेशन पदाधिकारियों के मंतव्य को देखा गया व उसका अध्ययन किया गया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि रिहा होने वाले कैदियों को हर हाल में सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं से जोड़ें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बैठक में राज्य की विभिन्न जेलों में 14 वर्ष या इससे अधिक समय तक सजा काट चुके वैसे कैदी, जिनकी उम्र ज्यादा हो गई है तथा जेल में उनका आचरण अच्छा है, उन्हें रिहा किया जाता है।
रिहा हो रहे ऐसे कैदियों को बेहतर सामाजिक जीवन शुरू करने के लिए प्रेरित करें। रिहाई से संबंधित अनुशंसित मामलों में कुछ ऐसे मामले भी हैं, जिसमें कैदियों के बीमार होने तथा कुछ की मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने की बात सामने आई है।
ऐसे कैदियों को शारीरिक व मानसिक चिकित्सा प्रदान करने के लिए उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित भी किया। ऐसे कैदियों की चिकित्सा के बाद डॉक्टर की रिपोर्ट के अनुसार रिहाई पर विचार किया जाना चाहिए, ताकि वह अपना जीवन सुचारू रूप से व्यतीत कर सके।
वर्ष 2019 से अब तक रिहा किए गए 470 कैदियों को मिल रहा सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ
बैठक में मुख्यमंत्री के सामने अधिकारियों ने जानकारी दी कि राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक में सहमति के बाद वर्ष 2019 से अब तक राज्य की विभिन्न जेलों से 619 कैदियों को रिहा किया जा चुका है। इनमें 558 कैदियों का विभाग ने भौतिक सत्यापन किया है। अब भी 61 बंदियों का भौतिक सत्यापन शेष है।
वर्ष 2019 से अब तक रिहा हुए 619 में से 470 कैदियों को सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा ईश्रम कार्ड आदि से जोड़ा है।
रिहा हुए वैसे कैदी जिन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया है, उन्हें संबंधित योजनाओं से जोड़ने का कार्य प्रक्रियाधीन है। जल्द ही सरकार द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से उन्हें भी आच्छादित किया जाएगा।
बैठक में ये रहे मौजूद
बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, प्रधान सचिव गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग वंदना दादेल, डीजीपी अनुराग गुप्ता, प्रधान सचिव-सह-विधि परामर्शी विधि (न्याय) नीरज कुमार श्रीवास्तव, महानिरीक्षक कारा एवं सुधारात्मक सेवाएं सुदर्शन प्रसाद मंडल, न्यायिक आयुक्त अनिल कुमार मिश्रा, प्रधान प्रोबेशन पदाधिकारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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