Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शराब घोटाले में छत्तीसगढ़ की प्लेसमेंट एजेंसी सुमित फैसिलिटीज का निदेशक अरेस्ट, केस में 11वीं गिरफ्तारी

    Updated: Wed, 23 Jul 2025 09:00 PM (IST)

    शराब घोटाला मामले में एसीबी ने 11वीं गिरफ्तारी की है। मैनपावर एजेंसी सुमित फैसिलिटीज के निदेशक अमित प्रभाकर सलौंकी को गिरफ्तार किया गया है। वह छत्तीसगढ़ के शराब कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया के करीबी हैं। इन पर झारखंड में खुदरा शराब दुकानों के लिए मैनपावर आपूर्ति का ठेका लेने और गबन करने का आरोप है। एसीबी पहले भी कई गिरफ्तारियां कर चुकी है।

    Hero Image
    शराब घोटाले में छत्तीसगढ़ की प्लेसमेंट एजेंसी सुमित फैसिलिटीज का निदेशक गिरफ्तार

    राज्य ब्यूरो, रांची। शराब घोटाला मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत जांच कर रही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने अब 11वीं गिरफ्तारी के रूप में मैनपावर आपूर्ति एजेंसी सुमित फैसिलिटीज के निदेशक अमित प्रभाकर सलौंकी को गिरफ्तार किया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह छत्तीसगढ़ का रहने वाला है। एसीबी ने बुधवार को पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार किया है। वह इस केस में पूर्व में जेल भेजे गए छत्तीसगढ़ के शराब कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया का करीबी है।

    छत्तीसगढ़ राज्य म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन लिमिटेड (सीएसएमसीएल) के तत्कालीन प्रबंध निदेशक आइटीएस अरुण पति त्रिपाठी के साथ मिलकर उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के पूर्व प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे ने मई 2022 में जब झारखंड में उत्पाद नीति लागू की तो सुमित फैसिलिटी भी महत्वपूर्ण भूमिका में था।

    आरोप है कि भारतीय दूरसंचार सेवा (आईटीएस) अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के सभी मास्टरमाइंड का झारखंड में प्रवेश कराया था। इनमें छत्तीसगढ़ का शराब कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया व नकली होलोग्राम आपूर्ति मामले में फंसे विधु गुप्ता भी शामिल थे, जिन्हें झारखंड एसीबी ने पूर्व में गिरफ्तार किया है।

    शराब कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया के नेतृत्व व नियंत्रण में छत्तीसगढ़ की चार मैनपावर आपूर्ति एजेंसियों ने झारखंड में खुदरा शराब दुकानों के लिए मैनपावर आपूर्ति का ठेका लिया था। इनमें मेसर्स सुमित फैसिलिटीज, मेसर्स एटूजेड इंफ्रा सर्विसेज लिमिटेड, मेसर्स इगल हंटर सोल्यूशंस लिमिटेड व मेसर्स प्राइम वन वर्क फोर्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल थीं।

    ये एजेंसियां करीब आठ महीने ही झारखंड में मैनपावर आपूर्ति कर सकीं थीं। गबन के मामले में इन्हें हटाया गया था और बाद में इन्हें ब्लैकलिस्ट किया गया था। इनपर उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने करीब 450 करोड़ रुपये के गबन का आरोप लगाते हुए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी, जो विचाराधीन है।

    गबन की राशि कहां-कहां बंटी, इस मामले में पूर्व में कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया से पूछताछ हो चुकी है। सिद्धार्थ सिंघानिया से पूछताछ में मिले तथ्यों के आधार पर ही एसीबी ने अब सुमित फैसिलिटीज के निदेशक अमित प्रभाकर सलौंकी को गिरफ्तार किया है।

    पूर्व में जो दस आरोपित हो चुके हैं गिरफ्तार

    एसीबी ने शराब घोटाला केस में पूर्व में उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के पूर्व प्रधान सचिव निलंबित आइएएस विनय कुमार चौबे, संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह, पूर्व महाप्रबंधक वित्त सुधीर कुमार दास, पूर्व महाप्रबंधक वित्त सह अभियान सुधीर कुमार, पूर्व आयुक्त उत्पाद अमित प्रकाश, प्लेसमेंट एजेंसी मार्शन के नीरज कुमार सिंह, छत्तीसगढ़ के शराब कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया, होलोग्राम कंपनी प्रिज्म होलोग्राफी के विधु गुप्ता, श्री ओम साईं बेवरेजेज के अतुल कुमार सिंह और मुकेश मनचंदा को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

    इनमें से नौ आरोपित अब भी न्यायिक हिरासत में रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद हैं। एक आरोपित तत्कालीन संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह वर्तमान में जमानत पर जेल से बाहर हैं।