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    झरिया के जावेद ने हीरो बनने के लिए वेटर का किया काम, आज इनके अभिनय की हो रही तारीफ

    Javed Pathan Actor Dhanbad News मायानगरी मुंबई में संघर्ष और आत्मविश्वास के बूते जावेद ने वेटर से बड़े पर्दे तक का सफर तय किया। इसी वर्ष जावेद की पहली फिल्म बगावत रिलीज होने वाली है। वेब सीरीज डिजायर्स में भी इनके काम की तारीफ हुई थी।

    By Sujeet Kumar SumanEdited By: Updated: Wed, 30 Jun 2021 04:01 PM (IST)
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    Javed Pathan Actor, Dhanbad News इसी वर्ष जावेद की पहली फिल्म बगावत रिलीज होने वाली है।

    झरिया (धनबाद), [गोविन्द नाथ शर्मा]। फिल्मों में अभिनय करने व हीरो बनने की चाह देश भर के कलाकारों और युवाओं को मायानगरी की चौखट पर ले जाती है। वहां पहुंचते ही संघर्ष का एक नया दौर शुरू होता है, जिसमें विजेता वही बनता है जिसके अंदर संघर्ष की तपिश को झेलकर सोने से कुंदन बनने की क्षमता होती है। धनबाद जिले के झरिया के रहने वाले जावेद पठान एक ऐसा ही नाम हैं। आज इस नाम को सभी लोग जानते हैं, लेकिन इस मुकाम तक पहुंचने के लिए जावेद को कड़ी मेहनत करनी पड़ी है और कई मुसीबतें झेलनी पड़ी हैं।

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    बकौल जावेद, जब वह मुंबई पहुंचे तो उनके पास केवल दो हजार रुपये थे। ये पैसे खत्म हुए तो जावेद के सामने खुद को सिनेनगरी में स्थापित करने के साथ रोजी-रोटी चलाने की भी चुनौती थी। उधर फिल्म और टेलिविजन में अभिनय का मौका नहीं मिल पा रहा था। इन चुनौतियों के बावजूद जावेद हिम्मत नहीं हारे। वह बिना सफल हुए हार कर वापस नहीं लौटना चाहते थे। इस कारण दिन-रात काम ढूंढने में लगे रहे और आखिरकार अपने संकल्प के बूते मौका हासिल कर ही माने।

    सड़क ही आशियाना, कई दिनों तक रहना पड़ता था भूखे

    यह सब सुनने में जितना आसान लगता है, दरअसल जावेद की सफलता की कहानी इतनी आसान भी नहीं है। अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए जावेद बताते हैं कि मुंबई में काम की तलाश में उन्हें महीनों भटकना पड़ा। कई दिन भूखे भी रहना पड़ा। घर का किराया देने के पैसे नहीं थे। इस कारण सड़क किनारे भी सोना पड़ा। मुंबई के मोहम्मद अली रोड स्थित नूर मोहम्मदी होटल में काफी मुश्किल से वेटर का काम मिला। यहां हर तरह के कार्य करने पड़े। इसके बाद मालिक ने काम से खुश होकर अपने गेस्ट हाउस में मैनेजर बना दिया। गेस्ट हाउस में लगभग छह महीने तक काम किया। इसी दौरान कुछ मित्रों ने मदद की और मेरे सपनों को मंजिल मिली। लगातार सात वर्षों तक कठिन संघर्ष के बाद उन्हें पहचान मिली।

    टीवी में धमाल मचाया, अब बड़े परदे पर आ रही फिल्म

    जावेद का कहना है कि बालीवुड में कई वर्षों तक स्ट्रगल करने के बाद उन्हें जय जय बजरंगबली टीवी सीरियल में अभिनय का पहला मौका मिला था। इसके बाद उन्होंने जय जग जननी मां दुर्गा, महादेव, हनुमान, शनि, बाल वीर, महाराणा प्रताप, हम पांच समेत कई धारावाहिकों में काम किया। जी म्यूजिक के तीन एलबम में भी अभिनय से धमाल मचाया। इसके अलावा वह वेब सीरीज डिजायर्स में भी अपने अभिनय का लोहा मनवा चुके हैं। अब उनकी पहली फिल्म बगावत जल्द ही रिलीज होने वाली है। जावेद अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता व गुरुजनों को देते हैं। युवाओं के लिए संदेश देते हुए जावेद कहते हैं कि जो ठानो उसे हासिल करने में अपना पूरा जोर लगा दो। यही सफलता का मूल मंत्र है।

    अपने ऊपर था पूरा भरोसा

    भागा झरिया के निवासी जावेद की बचपन से ही अभिनय में रुचि थी। लंबी कद-काठी थी। इस कारण दूसरे लोग भी फिल्मों में अभिनय करने की सलाह देते थे। उनके पिता मोहम्मद इमामुद्दीन झरिया में बीसीसीएल में एक सामान्य कर्मचारी थे। पास में इतने पैसे नहीं थे कि बेटे को मुंबई में रहने के लिए पैसे दे पाते। ऊपर से इस बात की भी गारंटी नहीं थी कि सफल होंगे या नहीं। हालांकि जावेद को अपने ऊपर पूरा भरोसा था। उन्होंने मेहनत, आत्मविश्वास और संघर्ष के बूते सफलता हासिल कर खुद को साबित भी किया।

    लेकिन इसके लिए काफी पापड़ बेलने पड़े। मित्रों की सलाह पर एक दिन अंधेरी अपना टेस्ट देने गए। वहां सागर आर्ट कार्यालय में जय जय बजरंगबली टीवी सीरियल के लिए पहला आडिशन दिया। ऑडिशन में चयन हुआ तो खुशी के मारे आंखों से आंसू निकल गए। इसके बाद काम मिलने का सिलसिला लगातार जारी है। आठ साल से वह कई नामी कंपनियों के लगभग एक दर्जन धारावाहिक में काम कर चुके हैं। अब फिल्मों में भी अभिनय कर रहे हैं।

    असमानता पर चोट करने वाली फिल्म है बगावत

    लंबे कद और लंबे बालों वाले गठीले बदन के मालिक 34 वर्षीय जावेद आठ वर्षों तक टीवी सीरियल की दुनिया में तहलका मचाने के बाद अब बॉलीवुड की फिल्म में नजर आ रहे हैं। जावेद की पहली हिंदी फिल्म बगावत बनकर तैयार है। इसी वर्ष इसके थिएटर के बड़े पर्दे पर रिलीज होने की संभावना है। सामाजिक कुरीतियों, ऊंच-नीच और समाज की असमानता पर चोट करने वाली इस फिल्म से जावेद को काफी उम्मीदें हैं।

    इस फिल्म में जावेद हरपाल सिंह नाम के शूरवीर योद्धा बने हैं। यह फिल्म 2012 में बनी फिल्म शूद्र की सीक्वल है। इसके डायरेक्टर संजीव जायसवाल हैं। शूद्र फिल्म भी संजीव ने ही बनाई थी। फिल्म की शूटिंग लखनऊ में हुई है। इसमें रजनीश दुग्गल, साजी चौधरी, अहम शर्मा, नत्था, शिशिर शर्मा, आदित्य ओम, सुपर्णा मालाकार, रूपाली जादव व अनामिका सिंह ने भी अभिनय किया है। शिव सागर के लिखे गीत ने फिल्म में चार चांद लगा दिए हैं।