Jharkhand News: बेघर और असहाय लोगों को ठंड से बचाने के लिए आगे आया झालसा, फुटपाथों पर रहने वालों को तत्काल आश्रय और जरूरी सहायता दी जाएगी
झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) ने बेघर और असहाय लोगों को ठंड से बचाने के लिए पहल की है। झालसा ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों को निर्देश दिया है कि वे फुटपाथों पर रहने वाले लोगों को आश्रय और जरूरी सहायता प्रदान करें। इसके लिए विशेष टीमें गठित की जाएंगी जो रात में बेघर लोगों की पहचान कर उन्हें रैन बसेरों तक पहुंचाएंगी और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाएंगी।

कड़ाके की ठंड में बेघर और असहाय लोगों को राहत पहुंचाने के लिए झालसा ने विशेष पहल शुरू की है।
राज्य ब्यूरो, रांची। कड़ाके की ठंड में बेघर और असहाय लोगों को राहत पहुंचाने के लिए झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) ने विशेष पहल शुरू की है। झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने राज्य के सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों (डीएलएसए) को निर्देश दिया है कि सर्दियों के दौरान फुटपाथों और खुले स्थानों पर रहने वाले लोगों को तत्काल आश्रय और जरूरी सहायता उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
जिलों में विशेष टीमों का का हो गठन
जस्टिस प्रसाद ने खासतौर पर महिलाओं, बच्चों और रात के समय खुले में रहने वाले व्यक्तियों के लिए जिला स्तर पर विशेष टीमें गठित करने को कहा है। इन टीमों में पैनल वकील, रिटेनर वकील और पैरा लीगल स्वयंसेवक शामिल होंगे, जो रात में शहर के विभिन्न हिस्सों का दौरा कर बेघर व्यक्तियों की पहचान करेंगे।

निर्देश के अनुसार, ऐसे लोगों को न केवल रैन बसेरों तक पहुंचाया जाएगा, बल्कि उन्हें सरकारी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ दिलाने की प्रक्रिया भी तेज की जाएगी। इसके साथ ही, प्रत्येक जिले के डीएलएसए सचिव को नगर निगम या नगर पालिका के साथ समन्वय स्थापित कर मौजूदा रैन बसेरों की स्थिति की समीक्षा करने का निर्देश दिया गया है।
जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त अस्थायी आश्रय केंद्र स्थापित करने का निर्देश
जहां भी कमियां हों, उन्हें तत्काल दूर करने और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त अस्थायी आश्रय केंद्र स्थापित करने को कहा गया है। जिलों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि रैन बसेरों में पर्याप्त कंबल, ऊनी कपड़े, अलाव की व्यवस्था, भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाएं प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराई जाएं।
सर्दियों में सबसे अधिक परेशानी फुटपाथों और खुले स्थानों पर रहने वाले लोगों को होती है। हर साल ठंड के मौसम में कई हादसे और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं सामने आती हैं। इसी पृष्ठभूमि में झालसा ने सरकारी और गैरसरकारी संस्थाओं के सहयोग से बेघर लोगों की समय पर पहचान और सहायता पहुंचाने की पहल की है>
ताकि उन्हें ठंड से राहत मिल सके और उनके मूल अधिकारों की रक्षा हो सके। झालसा का यह कदम न केवल मानवीय संवेदना से प्रेरित है, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों को सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास भी है।

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