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    Jharkhand Politics: झारखंड में भी भाजपा को झेलना होगा जदयू का हस्तक्षेप, सरयू राय ने कह दी बड़ी बात

    Updated: Wed, 04 Dec 2024 05:50 PM (IST)

    झारखंड में जदयू का विधानसभा में प्रतिनिधित्व होगा। जदयू राजग का हिस्सा है लेकिन वह भाजपा का पिछलग्गू नहीं रहेगा। सरयू राय ने भाजपा की हार के कारण गिनाते हुए हेमंत सोरेन की तारीफ की है। उन्होंने भाजपा के नेताओं के उस कथन पर तंज कसा है जिसमें कहा गया है कि पार्टी चुनाव भले हार गई हो लेकिन उसका वोट प्रतिशत बढ़ा है।

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    झारखंड में भी भाजपा को झेलना होगा जदयू का हस्तक्षेप

    राज्य ब्यूरो, रांची। जमशेदपुर पश्चिम से जनता दल (यूनाइटेड) के विधायक सरयू राय ने विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पिछड़ने को लेकर एक बार फिर भाजपा पर निशाना साधा है। उनके मुताबिक भाजपा ने अकेले अपनी रणनीति बनाई। कहने को राज्य में एनडीए का नाम था लेकिन ना तो कभी बैठक हुई, ना रणनीति बनाने की आवश्यकता समझी गई। सरयू राय के रुख से स्पष्ट है कि जदयू राज्य में भाजपा का पिछलग्गू बनने की बजाय अपनी बातें पुरजोर तरीके से रखेगा।

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    सरयू राय ने कहा कि एनडीए का नेतृत्व कर रहे भाजपा की यह जिम्मेदारी थी कि वह बेहतर समन्वय बनाए। सरकार के विरुद्ध भाजपा की ओर से लगातार दिए जा रहे बयानों के विपरीत उन्होंने यह भी कहा कि पहले दिन से ही सरकार का विरोध करना गलत है। विपक्ष की अपनी जिम्मेदारी है। विपक्ष में रहने का मतलब यह कतई नहीं है कि हम हर बात का विरोध करें। विपक्ष में रहने के कारण पहले ही विरोध करने की ठान लेना भी सरासर गलत है। अगर सरकार अपने वादे पूरे नहीं करे तो उसकी ओर ध्यान दिलाना विपक्ष की जवाबदेही है।

    उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अनुभवी और परिपक्व बताते हुए कहा कि वे चौथी बार मुख्यमंत्री बने हैं। अनुभव की कमी उनके पास नहीं है। जनता के हित में अगर वे काम नहीं करेंगे तो वे विरोध करेंगे।

    'जो हार जाता है वह वोट प्रतिशत गिनाता है'

    भाजपा द्वारा चुनाव की समीक्षा के संदर्भ में उन्होंने कहा कि चुनाव नतीजों के समीक्षात्मक विश्लेषण की पुरानी परंपरा है। सीट संख्या में जो जीत जाता है, वह सीटें गिनाता है। जो हार जाता है, वह वोट प्रतिशत गिनाता है ताकि कार्यकर्ताओं, समर्थकों और शुभचिंतकों का मनोबल ऊंचा रहे। सफलता के कई बाप होते हैं, लेकिन असफलता अनाथ होता है। यह कहावत झारखंड के चुनाव परिणाम विश्लेषण में भाजपा और उसके सहयोगियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप के संदर्भ में सच साबित होती है।

    बेहतर समन्वय के पक्ष मे एनडीए के घटक दल

    भाजपानीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक दलों में जदयू के अलावा आजसू पार्टी और लोजपा (रामविलास) है। विधायकों के शपथ ग्रहण की औपचारिकता पूरी होने के बाद राजग के घटक दलों की बैठक होगी, जिसमें समन्वय समिति बनाने पर विचार हो सकता है। जद(यू) इसकी पक्षधर है। लोजपा (रामविलास) का भी मानना है कि यह कारगर होगा। लोजपा (रामविलास) के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र प्रधान का कहना है कि सभी घटक दलों में समन्वय से कार्यक्रम चलाना बेहतर होगा। इससे जनता में एनडीए की पैठ बढ़ेगी।