जमशेदपुर में अवैध निर्माण पर हाईकोर्ट सख्त: जेएनएसी से पूछा- टाटा-जुस्को ने अब तक बिजली-पानी क्यों नहीं काटा?
जमशेदपुर में अवैध निर्माण पर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए जेएनएसी से पूछा है कि टाटा स्टील और जुस्को ने अब तक बिजली-पानी क्यों नहीं काटा। अदालत ने जेएनएसी की कार्रवाई पर असंतोष जताया और तेजी लाने का निर्देश दिया। हाईकोर्ट ने अवैध निर्माण पर चिंता व्यक्त करते हुए जेएनएसी की भूमिका पर सवाल उठाए और कार्रवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया।

झारखंड हाई कोर्ट
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में जमशेदपुर में अवैध निर्माण हटाए जाने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने जमशेदपुर नोटिफाइड एरिया कमेटी (जेएनएसी) के शपथपत्र पर प्रार्थी को प्रति उत्तर दाखिल करने का निर्देश दिया है।
अदालत ने प्रार्थी को अदालत में कही गई सभी बातों को एक सप्ताह में शपथ पत्र के माध्यम से रिकॉर्ड पर लाने को कहा है। सुनवाई के दौरान जेएनएसी के अधिवक्ता ने बताया कि जेएनएसी की ओर से अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है और जुर्माना वसूला जा रहा है। टाटा स्टील को पत्र लिखकर बिना कंपलिशन सर्टिफिकेट के भवनों को बिजली और पानी कनेक्शन काटने का आग्रह किया गया है।
इस पर अदालत ने पूछा कि टाटा स्टील या जुस्को को म्यूनिसिपल कानून की जानकारी थी तो अवैध भवनों की बिजल-पानी का कनेक्शन अब तक काटा क्यों नहीं गया है। अदालत ने पूछा कि जेएनएसी ने टाटा स्टील या जुस्को को कब पत्र लिखा है कि अवैध भवनों की बिजली और पानी का कनेक्शन काटा जाए। जेएनएसी की ओर से स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया।
इस पर प्रार्थी के अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव और नेहा अग्रवाल ने अदालत को बताया कि सिर्फ साकची बाजार में फुटपाथ के दुकानदारों को हटाया गया। लेकिन फिर से वहां पर कब्जा हो गया है। कहा कि बिष्टुपुर में तीन मंजिला पार्किंग भवन बनाया जाना था। लेकिन वहां पर व्यवसायिक कांप्लेक्स बना दिया गया है, जिसमें फुटपाथ तक की जमीन पर कब्जा किया गया है।
इस पर अदालत ने उक्त जानकारी कोर्ट के रिकॉर्ड पर लाने का निर्देश दिया है। बता दें कि राकेश झा की ओर से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने जेएनएसी से पूछा था कि जमशेदपुर में जिन भवनों ने पार्किंग पर कब्जा किया और जिन बिल्डरों ने अवैध निर्माण किया है, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की है। अदालत ने इसका टेबुलर चार्ट कोर्ट में प्रस्तुत करने को कहा था। लेकिन जेएनएसी की ओर से पूरी जानकारी नहीं दी गई है।

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