Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jharkhand News: एनसीईआरटी के पुराने सिलेबस को ही ढो रहा जैक, सरकार के निर्देश के बावजूद नहीं कर रहा अपडेट

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 05:18 PM (IST)

    झारखंड के सरकारी तथा सहायता प्राप्त गैर सरकारी स्कूलों में कक्षा नौ से 12वीं तक एनसीईआरटी की किताबें चलती हैं। एनसीईआरटी ने पिछले वर्ष इन कक्षाओं के पाठ्यक्रमों में कुछ बदलाव किया है। राज्य सरकार द्वारा विद्यार्थियों को अपडेट पाठ्यक्रम के अनुसार पुस्तकें भी उपलब्ध कराई गईं लेकिन झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) ने उसे अभी तक लागू नहीं किया।

    Hero Image
    झारखंड के सरकारी स्कूलों में अब भी एनसीईआरटी के पुराने सिलेबस पर पढ़ाई हो रही है।

    नीरज अम्बष्ठ, रांची । राज्य के सरकारी तथा सहायता प्राप्त गैर सरकारी स्कूलों में कक्षा नौ से 12वीं तक एनसीईआरटी की किताबें चलती हैं। एनसीईआरटी ने पिछले वर्ष इन कक्षाओं के पाठ्यक्रमों में कुछ बदलाव किया है।

    राज्य सरकार द्वारा विद्यार्थियों को अपडेट पाठ्यक्रम के अनुसार पुस्तकें भी उपलब्ध कराई गईं, लेकिन झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) ने उसे अभी तक लागू नहीं किया, जबकि विभाग द्वारा पूर्व में ही इसे लेकर जैक को निर्देश दिए गए थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अब स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह ने जैक के अध्यक्ष अनिल कुमार महतो को रिमाइंडर भेजकर एनसीईआरटी द्वारा बदले गए पाठ्यक्रम के अनुसार ही परीक्षाएं आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।

    सचिव ने जैक को इसे लेकर अधिसूचना जारी कर उसे सभी स्कूलों में लागू करने के निर्देश जारी करने को कहा है। 16 जुलाई 2024 को भेजे गए अपने पत्र का हवाला भी दिया है, जिसमें एनसीईआटी की किताबों के पाठ्यक्रम में कई चैप्टर के बदले जाने की जानकारी दे उसे लागू करने के निर्देश दिए गए।

    सचिव ने उस समय व्यापक पाठ्यक्रम और उसका सारांश भी अपने पत्र के साथ संलग्न किया था। बताया जाता है कि इस निर्देश के बाद भी जैक ने पुरानी किताबों के आधार पर ही इस वर्ष की बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित कीं।

    अब सचिव ने जैक से कहा है कि चूंकि शैक्षणिक सत्र 2025-26 पहले से ही चल रहा है और सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों का पठन-पाठन एनसीईआरटी की पाठ्य-पुस्तकों के आधार पर ही होता है।

    इसलिए वह सभी संबद्ध स्कूलों व इंटर कालेजों को संशोधित पाठ्यक्रम के औपचारिक निर्देश देने और अधिसूचना जारी करने की दिशा में समय पर कार्रवाई करे।ताकि स्कूलों में एकरूपता सुनिश्चित हो। 

    इसे लेकर शिक्षकों को मार्गदर्शन भी दिया जाना चाहिए। आंतरिक और बोर्ड स्तरीय मूल्यांकन में एकरूपता के लिए प्रश्नपत्र के डिजाइन का सुझाव भी दिया जाना चाहिए। साथ ही उत्तर के मूल्यांकन में अंक वितरण और मूल्यांकन की संरचना पर स्पष्ट गाइडलाइन तय होनी चाहिए।