JAC Board Exam Date: मैट्रिक-इंटर परीक्षा का आनलाइन आवेदन 12 दिसंबर तक भरे जाएंगे, जानें पूरा शेड्यूल
झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) ने 2026 की मैट्रिक और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू कर दिए हैं। छात्र 18 नवंबर से 12 दिसंबर तक आवेदन कर सकते हैं। जैक ने परीक्षा शुल्क में वृद्धि की है, जिसका आजसू और आइसा जैसे छात्र संगठन विरोध कर रहे हैं। इस वर्ष लगभग आठ लाख परीक्षार्थियों के शामिल होने की उम्मीद है।

झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) ने वर्ष 2026 की मैट्रिक और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षाओं के लिए आनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा कर दी है।
जागरण संवाददाता, रांची । झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) ने वर्ष 2026 की मैट्रिक और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षाओं के लिए आनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा कर दी है।
जैक की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार 12वीं और 10वीं बोर्ड परीक्षा के लिए आवेदन फार्म 18 नवंबर से आनलाइन भरे जा रहे हैं, आवेदन 12 दिसंबर तक भरे जा सकेंगे। आवेदन पत्र भरने के लिए छात्र-छात्राओं को जैक की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं।
इस वर्ष दोनों परीक्षाओं में करीब आठ लाख परीक्षार्थियों के शामिल होने की उम्मीद है। जैक द्वारा जारी दिशा-निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि प्रत्येक छात्र को अपना स्टूडेंट इन्फार्मेशन शीट सावधानीपूर्वक भरकर विद्यालय में जमा करना होगा।
विद्यालय प्रबंधक इसे जांचकर आनलाइन पंजीकरण सूची तैयार करेंगे। मालूम हो कि अगले वर्ष बोर्ड परीक्षा फरवरी माह में आयोजित की जानी है।
आनलाइन शुल्क भुगतान अनिवार्य
परीक्षा शुल्क का भुगतान केवल एनईएफटी-आरटीजीएस के माध्यम से ही मान्य होगा और प्रत्येक चालान के लिए अलग यूटीआर नंबर अपलोड करना अनिवार्य है। एक साथ दो या अधिक चालान जमा करना मान्य नहीं होगा।
जैक ने निर्देश दिया है कि शुल्क भुगतान ऑनलाइन जनरेट चालान की तिथि से दो कार्यदिवस के भीतर हर हाल में किया जाए ताकि आवेदन की स्वीकृति में बाधा न आए।
छात्र आवेदन जमा करने के बाद अपना डेटा जैक पोर्टल पर देखकर उसमें आवश्यक सुधार कर सकेंगे।
विद्यालय भी दस्तावेज सत्यापन के आधार पर सुधार कर सकेगा। निर्धारित समय सीमा के बाद किसी प्रकार का सुधार स्वीकार नहीं किया जाएगा।
मैट्रिक-इंटर के परीक्षा शुल्क में 25 प्रतिशत तक वृद्धि
जैक ने वर्ष 2026 में आयोजित होने वाली मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए परीक्षा शुल्क में करीब 25 प्रतिशत तक की बड़ी बढ़ोतरी कर दी है। परिषद की हालिया बैठक में इसे मंजूरी मिलने के बाद अब छात्र-छात्राओं को पुराने शुल्क की तुलना में काफी अधिक राशि अदा करनी होगी।
वर्ष 2026 की परीक्षाओं में राज्यभर से करीब आठ लाख परीक्षार्थियों के शामिल होने की उम्मीद है। जैक द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार आनलाइन परीक्षा फार्म भरने की प्रक्रिया 18 नवंबर से शुरू हो चुकी है और बिना विलंब शुल्क के 5 दिसंबर तक फार्म भरे जा सकेंगे।
विलंब शुल्क के साथ फार्म भरने की अंतिम तिथि 6 से 12 दिसंबर निर्धारित की गई है। इधर, जैक अध्यक्ष ने कहा कि कई वर्षों से फीस वृद्धि नहीं की गई थी, जिसके बाद सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए वृद्धि की गई है, इससे अधिक बोझ नहीं बढ़ेगा।
परीक्षा शुल्क में इस बार किए गए बड़े बदलाव
जैक ने परीक्षा शुल्क की विस्तृत सूची भी जारी की है। नियमित छात्राओं के लिए 980 रुपये और नियमित छात्रों (सामान्य, ईडब्ल्यूएस श्रेणी) के लिए 1180 रुपये शुल्क निर्धारित है। एससी, एसटी, बीसी–1 और बीसी–2 श्रेणी के नियमित छात्र 980 रुपये शुल्क जमा करेंगे।
लेट फीस लगने पर सभी श्रेणियों में 500 रुपये अतिरिक्त शुल्क देना होगा। पुराने परीक्षार्थियों और सुधार श्रेणी के लिए भी अलग-अलग शुल्क निर्धारित किए गए हैं, जिनकी न्यूनतम राशि 810 रुपये से लेकर 1510 रुपये तक है।
आजसू ने शुल्क वृद्धि के खिलाफ जैक को सौंपा पत्र
अखिल झारखंड छात्र संघ (आजसू) के प्रतिनिधिमंडल ने जैक के अध्यक्ष डा. नटवा हांसदा के नाम एक ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने जैक सचिव जयंत कुमार मिश्रा से मुलाकात कर मैट्रिक एवं इंटर परीक्षा शुल्क में की गई बढ़ोतरी को तुरंत वापस लेने की मांग रखी।
आजसू ने अपने ज्ञापन में बताया कि जैक की आधिकारिक वेबसाइट से यह जानकारी सामने आई है कि वर्ष 2025-26 की मैट्रिक और इंटर परीक्षा के लिए परिषद ने शुल्क में वृद्धि की है। संगठन ने इस बढ़ोतरी को छात्रों और अभिभावकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बताया।
आइसा ने फीस वृद्धि का किया विरोध
झारखंड में मैट्रिक और इंटर परीक्षा फीस बढ़ाए जाने के खिलाफ छात्र संगठन आल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) ने बुधवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जैक द्वारा 2026 परीक्षा शुल्क में की गई भारी वृद्धि को गरीब और आदिवासी छात्रों पर सीधी मार बताया है।
आइसा ने कहा कि जैक द्वारा मैट्रिक परीक्षा शुल्क में 290 और इंटर परीक्षा शुल्क में 340 रूपये की बढ़ोतरी ऐसे समय में की गई है, जब झारखंड में आर्थिक और शैक्षिक चुनौतियां पहले से ही गंभीर हैं। संगठन के अनुसार इस फैसले का सबसे अधिक असर उन लाखों गरीब एवं आदिवासी परिवारों पर पड़ेगा, जिनके बच्चे पहले से ही शिक्षा व्यवस्था से जूझ रहे हैं।

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