JAC Jharkhand 12th Result: जैक ने जारी किया साइंस-कॉमर्स का रिजल्ट, 12वीं में लड़कियों का रहा दबदबा
झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) ने इंटरमीडिएट साइंस और कॉमर्स का रिजल्ट जारी कर दिया है। साइंस का रिजल्ट 79.26 फीसदी और कॉमर्स का 91.2 फीसदी रहा जो पिछली बार से 2 फीसदी बेहतर है। दोनों संकाय में लड़कियों ने बाजी मारी। जल्द ही जैक इंटरमीडिएट कला का रिजल्ट भी जारी करेगा।

जागरण संवाददाता, रांची। JAC 12th Result 2025: झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) ने शनिवार को इंटरमीडिएट साइंस और कॉमर्स का रिजल्ट जारी कर दिया। साइंस का रिजल्ट 79.26 फीसदी और कॉमर्स का रिजल्ट 91.2 फीसदी रहा। इस बार पिछली बार से 2 फीसदी बेहतर रिजल्ट रहा। दोनों संकाय में लड़कियों ने बाजी मारी।
कॉमर्स टॉपर
- रेशमी कुमारी- चाईबासा
- हसन शेख- मिहिजाम
- पियूष शॉ- मिहिजाम
साइंस टॉपर
- अंकिता दत्ता- गोविंदपुर
- अंकित कुमार शॉ- नोआमुंडी
- किशोर कुमार- बड़कागांव
इसके बाद अगले सप्ताह जैक इंटरमीडिएट कला का रिजल्ट जारी करेगा। इंटरमीडिएट की परीक्षा में 3.50 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे। इनमें साइंस में करीब 98 हजार और कॉमर्स में करीब 21 हजार परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी। पिछली बार साइंस संकाय का रिजल्ट 71.70 प्रतिशत और कॉमर्स संकाय का रिजल्ट 90.60 प्रतिशत था।
12वीं की परीक्षा के परिणाम में भी सुधार
10वीं की परीक्षा के बाद इंटरमीडिएट अर्थात 12वीं की परीक्षा के परिणाम में भी काफी सुधार होना अच्छा संकेत है। पिछले वर्ष की तुलना में इंटरमीडिएट की विज्ञान की परीक्षा में 6.56 प्रतिशत तो वाणिज्य में 1.32 प्रतिशत अधिक परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं। यह परिणाम बताता है कि सरकारी स्कूली शिक्षा व्यवस्था में सुधार हो रहा है।
निजी स्कूलों की तरह सरकारी स्कूलों के बच्चे भी अच्छे अंकों के साथ परीक्षा में उत्तीर्ण हो, इस दिशा में सकारात्मक और प्रभावी कदम उठाए गए हैं। इस उत्कृष्ट परिणाम के लिए बच्चों की मेहनत और लगन को तो श्रेय देना ही होगा, इसमें शिक्षकों की भूमिका को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
शिक्षकों की मेहनत तथा सही दिशा में कराई गई परीक्षा की तैयारी का ही यह परिणाम है। अभिभावकों ने भी अपनी भूमिका का बखूबी निर्वहन किया। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग निश्चित रूप से परिणाम की समीक्षा करेगा तथा परिणाम में जो जिले पिछड़ गए हैं, उनके कारणों के तह में जाने का प्रयास करेगा।
परिणाम में पिछड़ने वाले जिलों के पदाधिकारियों तथा विद्यालयों के शिक्षकों से स्पष्टीकरण भी मांगा जा सकता है, लेकिन उन जिलों के अधिकारियों और विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों को भी ईमानदारीपूर्वक कारणों की जानकारी विभाग को देनी चाहिए। साथ ही उन्हें स्वयं मंथन करना चाहिए कि कहां चूक हुई। कहीं कमी रह गई है तो उसे दूर करने का प्रयास करना चाहिए।

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