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अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव का शानदार आगाज, बिखरेंगे कला के रंग

एक साथ सौ नगाड़े, ढोल, मांदर और तुरही के धुनों के साथ तीन दिवसीय झारखंड अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल का आगाज।

By Edited By: Published: Sat, 26 May 2018 02:04 PM (IST)Updated: Sat, 26 May 2018 03:37 PM (IST)
अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव का शानदार आगाज, बिखरेंगे कला के रंग
अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव का शानदार आगाज, बिखरेंगे कला के रंग

रांची, जेएनएन। होटवार में शुक्रवार को तीन दिवसीय झारखंड अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल का आगाज नगाड़ा बजाकर किया गया। पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, वरिष्ठ फिल्म अभिनेता व चित्रकार अमोल पालेकर, संध्या गोखले, ईरान से आई फिल्म अभिनेत्री लीली, न्यूयार्क से केआर प्रसाद, कोमल नाहटा, रैंप गायक करण सिंह अरोड़ा और नतालिया ने नगाड़ा बजाकर इसका आगाज किया। फिल्म अभिनेता यशपाल शर्मा, अखिलेंद्र मिश्र, राजेश जैस ने तो गले में नगाड़ा लटकाकर पूरे मन से बजाया और खूब बजाया। इसके बाद दीप जलाया गया। अतिथियों का स्वागत पारंपरिक तरीके से किया गया। अगुवाई नंदलाल नायक ने की। इसके बाद एक साथ सौ नगाड़े, ढोल, मांदर और तुरही बज उठे।

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जब अर्जुन मुंडा ने ली चुटकी

 मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने चुटकी ली। कहा, यहां आना था, यह तो मालूम था, लेकिन किस हैसियत से पता नहीं। अखबारों में भी पढ़ा, लेकिन इसका उद्घाटनकर्ता कौन है, यह जानकारी नहीं मिल सकी। अब जब यहां पहुंचा हूं तो पता चला कि इस फेस्टिवल का उद्घाटन मुझे ही करना है। यह बड़ा अच्छा लग रहा है। इस खेल परिसर की नींव मैंने ही रखी थी। आज अच्छा लग रहा कि यहां खेल के साथ फिल्मोत्सव हो रहा है और देश-विदेश के कलाकार यहां आए हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके। आगे कहा, मैं 'फिल इन द ब्लैंक्स' की तरह उपयोग होता हूं। आज भी अचानक मुख्य अतिथि बना दिया गया। मुख्यमंत्री बना था, तब भी मैं इसी तरह उपयोग हुआ था। फिर एमपी इसी तरह बना। फिर विपक्ष का नेता भी बना दिया गया, लेकिन उपयोगी होना अच्छी बात है। दूसरों का सम्मान करना भी सम्मान की बात होती है। जिस कार्यक्रम का उद्घाटन करता हूं, वह सफल होता है। मैं इसकी सफलता की भी कामना करता हूं। आयोजकों को दी बधाई : पूर्व मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में अव्यवस्था का जिक्र करते हुए इशारे-इशारे में सरकार को भी संदेश दिया कि इतने बड़े आयोजन में सभी को मिलकर साथ चलना चाहिए थे। उन्होंने पहली बार हो रहे आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई दी। कहा कि आयोजन नई शादी की तरह होता है, लोगों का जुटान होता है। अच्छी व्यवस्था से कार्यक्रम सफल होता है।

सिनेमा अंधकार से प्रकाश की यात्रा 

अखिलेंद्र इसके पूर्व प्रसिद्ध अभिनेता अखिलेंद्र मिश्रा भैरवी ने शिव वंदना की। फिर सिनेमा के पूरे इतिहास क्रम पर प्रकाश डाला। धार्मिक सिनेमा से लेकर ऐतिहासिक, सामयिक, यथार्थ, एक्शन, रोमांटिक और फिर बायोपिक तक की चर्चा की। कहा, अब आतंकवादियों पर भी बायोपिक बन रही है। सिनेमा यहां तक आ गया है। सिनेमा अंधकार से प्रकाश की यात्रा है। सिनेमा हॉल में अंधेरा कर दिया जाता है और फिल्म दिखाई जाती है। गोवा फिल्म फेस्टिवल से लेकर कांस तक की चर्चा की। कहा, आज फिल्म आपके स्मार्ट फोन में सिमट गई है। जहां चाहे, वहां देख सकते हैं। आज कुछ लोग सार्थक सिनेमा को बढ़ावा नहीं देना चाहते। अब हिंदी सिनेमा में ¨हदी समाज का रिफ्लेक्शन नहीं होता। पहले विदेशियों को भारत को समझने के लिए हिंदी फिल्में दिखाई जाती थीं, जिसमें भारत की संस्कृति, लोकगीत, नृत्य, खान-पान, पहनावा आदि देखा जाता था। अब नहीं। इसके बाद उनके कान में किसी ने कहा। फिर झारखंड की खूबसूरती पर आए। उन्होंने कहा कि झारखंड और झारखंड की सरकार को धन्यवाद करना चाहता हूं, जो फिल्म को बढ़ावा दे रहे हैं। यहा शूटिंग की अपार संभावनाएं है. पतरातू को 'स्विट्जरलैंड की वैली' कहा जाता है। नेतरहाट भी बेहद खूबसूरत है। मैं यहा के लोगों को बधाई देना चाहता हूं कि यहा झारखंड इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया गया। यहां प्रतिभाएं भी हैं। संचालन मशहूर अभिनेत्री शिखा मल्होत्रा और रविकांत मिश्रा ने किया। आयोजक ऋषिप्रकाश मिश्र ने भी अतिथियों का स्वागत किया। स्वागत भाषण पवन बजाज ने किया। कार्यक्रम में इंडिया न्यूज के मनीष अवस्थी ने भी संबोधित किया। कहा, यहां खनिज ही नहीं, तसर और कलाकारों की भी खान है। यहां प्रतिभाओं की कमी नहीं है। इस आयोजन से कलाकारों को मंच मिलेगा।

स्थानीय कलाकारों को किया गया पुरस्कृत 

इसके बाद झारखंड के स्थानीय कलाकारों को अवार्ड दिया गया। दिवंगत विष्णु नायक को स्पेशल ट्रिब्यूट अवार्ड दिया गया। स्पेशल ज्यूरी अवॉर्ड स्थानीय अभिनेता रमन गुप्ता और देवेश खान को दिया गया। पंकज सिन्हा को स्पेशल अवार्ड दिया गया। भूटन देवी को लता मंगेशकर अवॉर्ड दिया गया। आक्रांत फिल्म को भी पुरस्कृत किया जाना था, लेकिन फिल्म के निर्देशक विनोद कुमार नहीं आए थे। बेस्ट लिरिक्स राइटर का अवॉर्ड विजय प्रभाकर को फिल्म महुआ के लिए दिया गया। बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के लिए शुभ्रा मुखर्जी को स्पेशल ज्यूरी अवार्ड दिया गया। बेस्ट फिल्म प्रोडक्शन के लिए राहुल और सुनील को स्पेशल ज्यूरी अवार्ड दिया गया। बेस्ट खोरठा सिंगर का अवार्ड मनोज देहाती, बेस्ट नागपुरी लिरिक्स का अवार्ड राज रॉय और नागपुरी सिंगर मनोज सेहरी को स्पेशल ज्यूरी अवार्ड दिया गया। गायिका मोनिका मुंडू को सुपर टैलेंटेड एक्ट्रेस का ज्यूरी अवार्ड दिया गया। फिल्म झारखंड कर छैला के लिए अनिल सिकदर को बेस्ट डायरेक्टर का स्पेशल ज्यूरी अवार्ड दिया गया। संजय शर्मा को नागपुरी फिल्म इंडस्ट्री में बेस्ट स्टोरी एंड डॉयलाग के लिए स्पेशल ज्यूरी अवार्ड दिया गया। बेस्ट नागपुरी कैरेक्टर आर्टिस्ट का अवार्ड दिनेश देवा को दिया गया। मधु मंसूरी को भी पुरस्कृत किया गया। पुरस्कार अर्जुन मुंडा, अखिलेंद्र मिश्रा, संजय मिश्रा और यशपाल शर्मा ने प्रदान किया।

झारखंड में बनी फिल्म लोहरदगा से स्क्रीनिंग

झारखंड में बनी फिल्म लोहरदगा से इस फेस्टिवल की शुरुआत की गई। करीब तीन बजे इसे दिखाया गया। लाल विजयनाथ शाहदेव ने इसका निर्देशन किया है। इसमें संजय मिश्रा, अखिलेंद्र मिश्रा, विजय राज आदि ने काम किया है। 26 मई की शाम में एक सेलिब्रिटी क्रिकेट मैच का आयोजन चीफ सेक्रेटरी 11 व फिल्म सेलिब्रिटी एकादश के बीच मेगा स्पो‌र्ट्स कांप्लेक्स में किया जाएगा। इसमें यशपाल शर्मा और अखिलेंद्र मिश्रा भी भाग लेंगे।


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