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    Insurance company ने बहुत ढूंढा बहाना, पर एक न चली, सड़क हादसे में जान गंवाने के आश्रितों को 34 लाख मुआवजा देने का आदेश

    Updated: Fri, 03 Oct 2025 11:40 PM (IST)

    मोटर वाहन दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने 2018 में हुए सड़क हादसे में जान गंवाने वाले नवल किशोर प्रसाद के परिजनों को 34.15 लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया है। एमएसीटी के पीओ निशांत कुमार ने यह राशि नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को 30 दिनों के भीतर भुगतान करने का निर्देश दिया है।

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    सड़क हादसे में जान गंवाने वाले व्यक्ति के आश्रितों को 34 लाख मुआवजा देने का आदेश।

    राज्य ब्यूरो, रांची। मोटर वाहन दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने 2018 में हुए सड़क हादसे में जान गंवाने वाले नवल किशोर प्रसाद के परिजनों को 34.15 लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया है।

    एमएसीटी के पीओ निशांत कुमार ने यह राशि नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को 30 दिनों के भीतर भुगतान करने का निर्देश दिया है।

    निर्णय में यह भी कहा गया कि मुआवजा राशि सभी दावेदारों नवल किशोर के बेटों और बेटी के बीच समान रूप से बांटी जाएगी। मामला 27 जून 2018 का है।

    जब बीआइटी मेसरा मोड़ के पास एक तेज रफ्तार ट्रक ने कार को जोरदार टक्कर मार दी थी। कार सवार शिवम विहार दीपाटोली निवासी सेवानिवृत्त इंजीनियर नवल किशोर प्रसाद की मौत हो गई थी।

    घटना के बाद उनके बेटे और बेटी ने कुल 44.89 लाख का दावा किया था। न्यायालय ने उपलब्ध साक्ष्य और आय संबंधी दस्तावेजों का संज्ञान लेते हुए मुआवजा तय किया।

    आदेश में कहा गया कि इस राशि पर साढ़े सात फीसदी वार्षिक ब्याज भी दिया जाएगा, जो दावा दाखिल करने की तिथि 28 सितंबर 2018 से लागू होगा।

    बीमा कंपनी ने दुर्घटना में लापरवाही का तर्क दिया, लेकिन इसे साक्ष्य के अभाव में खारिज कर दिया गया। अदालत ने स्पष्ट किया कि ट्रक उस समय बीमित था और पूरी जिम्मेदारी बीमा कंपनी की है।

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