इंडिगो की 'अभूतपूर्व' अव्यवस्था पर देशभर में तीव्र आक्रोश, CAT ने यात्रियों के लिए तत्काल मुआवजे की मांग की
इंडिगो एयरलाइंस की सेवाओं में भारी अव्यवस्था के कारण यात्रियों में गुस्सा है। उड़ानों में देरी और रद्द होने से यात्रियों को परेशानी हुई। कंज्यूमर एसोस ...और पढ़ें

बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर यात्रियों की भीड़ व इंडिगो के काउंटर पर पूछताछ करते यात्री।
डिजिटल डेस्क, रांची। इंडिगो एयरलाइंस की भारी परिचालन विफलता ने पूरे देश में तीव्र आक्रोश पैदा कर दिया है। पिछले कुछ दिनों में, झारखंड सहित देशभर के प्रमुख हवाई अड्डों पर, हजारों यात्रियों को अभूतपूर्व फ्लाइट कैंसिलेशन और घंटों की देरी के कारण अपमानजनक, तनावपूर्ण और अत्यंत अव्यवस्थित परिस्थितियों का सामना करना पड़ा।
बड़े पैमाने पर कुप्रबंधन और यात्री प्रबंधन की पूरी तरह नाकामी से जनता में गहरा रोष और मीडिया में तीखी आलोचना देखने को मिली है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने इस स्थिति पर कड़ा रुख अपनाया है।
कैट के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खण्डेलवाल और राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री सुरेश सोंथालिया ने बताया कि दिल्ली में आयोजित उनके महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल होने वाले देशभर के सैकड़ों व्यापारी नेता इंडिगो की परिचालन विफलता के कारण घंटों तक एयरपोर्ट पर फंसे रहे, जिससे सम्मेलन का पूरा उद्देश्य ही विफल हो गया।
खण्डेलवाल ने आगे कहा कि बच्चों वाले परिवार, वरिष्ठ नागरिक, मरीज और पेशेवर लोग घंटों फंसे रहे। उन्होंने पूर्ण कुप्रबंधन की शिकायत की है- स्टाफ की ओर से कोई जानकारी नहीं, बुनियादी सुविधाओं का अभाव और बिल्कुल भी जवाबदेही नहीं। यात्रियों को गंभीर मानसिक तनाव, शारीरिक कष्ट और महत्वपूर्ण बैठकों व अन्य प्रतिबद्धताओं के छूट जाने से काफी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है।
कैट की चार प्रमुख मांगें
सांसद खण्डेलवाल ने नागरिक उड्डयन मंत्री को तत्काल पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। कैट ने इंडिगो के व्यवहार को “यात्री अधिकारों का गंभीर उल्लंघन” बताया है और एयरलाइन के रवैये को “उदासीन, असंवेदनशील और बिल्कुल अस्वीकार्य” कहा है। उन्होंने निम्नलिखित मांगें की हैं।
- इंडिगो की व्यापक विफलता की समग्र जांच।
- सभी प्रभावित यात्रियों के लिए अनिवार्य मुआवजा।
- भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने हेतु सख्त नियामक उपाय।
- सभी एयरलाइंस में यात्री अधिकारों का कड़ा प्रवर्तन।
सोंथालिया ने मंत्रालय से त्वरित और निर्णायक हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि जनता का भरोसा पुनः स्थापित हो और पीड़ित हजारों लोगों को न्याय मिल सके। एयरलाइन ने यात्रियों को हुई असुविधा के लिए खेद व्यक्त किया है, लेकिन साथ ही संकेत दिया है कि हालात को पूरी तरह सामान्य होने में समय लग सकता है।
संकट का मुख्य कारण
इंडिगो के इस संकट के पीछे नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा हाल ही में लागू किए गए पायलटों और चालक दल के काम के घंटों से संबंधित नए नियम (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन - FDTL) को प्रमुख कारण बताया जा रहा है।
इन नियमों के कारण एयरलाइन को रोस्टर बनाने में कठिनाई हुई, जिसके चलते पायलटों और केबिन क्रू की भारी कमी हो गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंडिगो ने योजना के स्तर पर गलती मानी है और कहा है कि क्रू सदस्यों की जितनी जरूरत थी, उसका अनुमान नहीं लगाया जा सका।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, संकट के दिनों में इंडिगो की ऑन-टाइम परफॉर्मेंस (OTP) गिरकर बहुत नीचे आ गई, जबकि प्रतिदिन 200 से 400 से अधिक उड़ानें रद्द या अत्यधिक देरी से संचालित हुईं। कई बड़े एयरपोर्ट पर सैकड़ों उड़ानों पर असर पड़ा।
एयरलाइंस कंपनी की विफलता के लिए जवाबदेही तय हो और इस अव्यवस्था से पीड़ित हजारों यात्रियों को न्याय मिल सके। जनता के भरोसे को फिर से स्थापित किया जाए। सरकार को यात्रियों के प्रति उदासीन रवैये के लिए सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। - सुरेश सोंथालिया, राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री, कैट (CAT)

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